UP Assembly Election 2022: प्रयागराज की फाफामऊ सीट पर बदल रहे समीकरण, सीट पर फिर काबिज होने की तैयारी में भाजपा
2017 में फाफामऊ सीट से भाजपा के विक्रमजीत मौर्य ने जीत दर्ज की. उन्होंने समाजवादी पार्टी के अंसार अहमद को हराया.
इलाहाबाद जिले की फाफामऊ विधानसभा सीट (Phaphamau Assembly Seat) का नाम कई बार बदला. पहली बार 1951 में सोरांव दक्षिण के नाम से यह विधानसभा सीट जानी जाती थी लेकिन 1957 में सोरांव पश्चिम के नाम पर हो गई. 1962 से 1969 तक कौड़िहार और 1974 में परिसीमन के बाद इसका नाम नवाबगंज हो गया. चुनावी इतिहास के 16 चुनाव में सबसे ज्यादा कांग्रेस प्रत्याशियों की ही जीत हुई है. इस विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के तीन प्रत्याशी चुने गए. वहीं अभी तक लोक दल और अपना दल एक बार मौका मिला है.
प्रयागराज उत्तर प्रदेश का सबसे ज्यादा विधानसभा वाला जनपद है. जहां कुल 12 विधानसभा सीट है. 2012 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा इलाहाबाद जिले की 12 विधानसभा सीट में कोई सीट नहीं जीत पाई थी. लेकिन 2017 के चुनाव में भाजपा शुन्य से शिखर पर पहुंच गई. इस चुनाव में बीजेपी और अपना दल गठबंधन ने 9 सीटों से जीत कर इतिहास रच दिया.
राजनीतिक इतिहास
फाफामऊ विधानसभा (Phaphamau Assembly Seat) पर पहली बार राम मंदिर की लहर में 1991 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर जीत दर्ज की. यहां से प्रभा शंकर पांडे विधायक चुने गए. 1993 में इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के नजमुद्दीन ने जीत दर्ज की. 2012 में परिसीमन के बाद फाफामऊ नाम से विधानसभा सीट अस्तित्व में आई. इस सीट (Phaphamau Assembly Seat) पर अब तक दो बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. 2012 में इस सीट से सपा के अंसार अहमद ने जीत दर्ज की. उन्हें 51950 मत मिले, जबकि बहुजन समाज पार्टी के गुरु प्रसाद मौर्य दूसरे स्थान पर रहे. उन्हें 46654 वोट मिले. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मनोज कुमार पांडे ने तीसरा स्थान हासिल किया. जबकि बीजेपी के प्रभा शंकर पांडे चौथे स्थान पर रहे. 2017 में इस विधानसभा सीट (Phaphamau Assembly Seat) से भाजपा के विक्रमजीत मौर्य ने जीत दर्ज की. उन्होंने समाजवादी पार्टी के अंसार अहमद को हराया. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने 5296 मतों के अंतर से जीत दर्ज की.
कुल मतदाता – 308348
पुरुष मतदाता – 169138
महिला मतदाता – 139204