सैफई में पिघली सियासी बर्फ:अखिलेश ने परिवार के साथ बिताया वक्त; चाचा शिवपाल को पिता के जन्मदिन 22 नवंबर को देंगे तोहफा
इटावा की दिवाली राजनीतिक मायने में काफी संकेत देती दिखती है। दिवाली के दिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सैफई में थे। उन्होंने परिवार के साथ काफी वक्त बिताया। पत्रकार मिले तो उनसे भी खुलकर बातें कीं। कई सवाल हुए, इसमें चाचा शिवपाल सिंह यादव की पार्टी से गठबंधन का सवाल भी आया? बोले- मैं तो तैयार हूं। हम विधानसभा चुनाव साथ लड़ेंगे। भास्कर को बताया कि 22 नवंबर को मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर इसका ऐलान कर सकते हैं।

दिवाली पर सैफई से सियासी बोल
- चाचा शिवपाल सिंह यादव से गठबंधन करके विधानसभा चुनाव साथ लड़ेंगे।
- 22 नवंबर को मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर कार्यकर्ताओं के सामने घोषणा कर सकते हैं।
- सपा लगातार क्षेत्रीय दलों से गठबंधन के प्रयास कर रही है। कई दल सपा के साथ आए हैं। ओमप्रकाश राजभर ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
- प्रदेश में किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। बागपत में एक किसान ने कर्ज के चलते आत्महत्या कर ली।
- सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रही है। देश में जिस तरह से महंगाई बढ़ी है, जनता दुखी है।
- सीएम योगी बताएं, इटावा के लिए उन्होंने पांच साल में क्या किया।
अखिलेश की दिवाली से आए 5 कारण जो नए समीकरण के संकेत दे रहे हैं…
1. पिता के जन्मदिन पर चाचा को तोहफा
एक समय था जब चाचा-भतीजे शिवपाल और अखिलेश के बीच नाराजगी ऐसी थी कि एक-दूसरे के लिए कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे, लेकिन अब खटास कम होती नजर आ रही है। चुनाव के नजदीक आते ही दोनों एक-दूसरे को लेकर पूछे गए सवालों पर खुलकर बोल रहे हैं।
शिवपाल यादव, सम्मान की शर्त पर साथ होने को तैयार हैं, तो अब अखिलेश को भी चाचा से कोई दिक्कत नहीं है। अखिलेश ने चाचा शिवपाल की पार्टी से गठबंधन की बात साफ कर दी है। दिवाली में सैफई जाकर उन्होंने कहा कि वह चाचा के साथ लिए तैयार हैं।
2. सांप्रदायिक संदेश
एक फोटो में अखिलेश यादव सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देते नजर आ रहे हैं। इस फोटो के माध्यम से यह साफ करना चाहते हैं कि वह किसी एक धर्म की तरफ नहीं झुके हैं, बल्कि सबको साथ लेकर चलते हैं। दिवाली के मौके पर वह इस संदेश को देने से नहीं चूके।


3. प्राथमिकता पर परिवार
पिछले चुनाव में हार के बाद अखिलेश यादव की परिवार को एक साथ लेकर न चलने की बात पर काफी किरकिरी हुई थी, लेकिन इस बार चुनाव से पहले वह ऐसा कुछ करते नजर नहीं आ रहे हैं, बल्कि इसके उलट वह सैफई के अपने परिवार को प्राथमिकता में रख रहे हैं। परिवार के हर सदस्य से किसी न किसी तरह से वह मिले।



4. भाई के साथ चाचा से मिलने पहुंचे
अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह यादव की कोठी पर परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। इसके बाद वह यहां से सीधे अपने चाचा राजपाल यादव के यहां धर्मेंद्र यादव के साथ पहुंचे। उनके चाचा इस समय काफी बीमार हैं। उनका कुशल हाल पूछने के लिए वह यहां कुछ देर रुके। इस दौरान चचेरे भाई और जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव से मिले। दीपावली पर चाचा का आशीर्वाद लिया। इटावा आवास पर कुछ देर रुकने के बाद फिर वापस सैफई चले गए।
5. कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने में जुटे रहे
अकसर यह बात उठती रही है कि अखिलेश यादव कार्यकर्ताओं से दूरी बनाकर रख रहे हैं। इसे लेकर सपा कार्यकर्ता काफी नाराज थे, लेकिन अब अखिलेश ने सभी की नाराजगी दूर कर दी है। दिवाली के मौके पर वह कार्यकर्ताओं से हाथ मिलाकर मिलते नजर आए। इससे कार्यकर्ताओं के बीच एक अलग ही उत्साह देखने को मिला।



यह लोग रहे मौजूद
इस दौरान पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, पूर्व सांसद तेजप्रताप सिंह यादव, मैनपुरी विधायक राजू यादव, शिवराम सिंह यादव, जिला अध्यक्ष गोपाल यादव, कौशलेंद्र यादव ठेकेदार, सुखबीर सिंह यादव प्रधान, राजवीर सिंह यादव, संजू यादव व परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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