विद्युत विभाग की परेशानी:स्काडा सिस्टम पर खर्च हुए थे 34 करोड़ फिर भी स्टाफ फॉल्ट ठीक करने को मजबूर

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने 34 करोड़ रुपए खर्च कर रोशनी घर स्थित स्काडा सिस्टम को स्थापित किया था। उद्देश्य था कि सभी सब स्टेशन और जोन कार्यालय इससे अटैच होंगे और सभी विद्युत लाइनें और ट्रांसफॉर्मरों पर होने वाले फॉल्ट की लोकेशन स्काडा भवन में चलने वाले कंट्रोल रूम की स्क्रीन पर दिखा करेगी, जिससे लाइन स्टाफ तुरंत फॉल्ट की लोकेशन पर पहुंचकर उसे ठीक कर दिया करेंगे।

इससे उपभोक्ताओं को भी किसी भी तरह के फॉल्ट होने पर घंटों तक बिजली कटौती नहीं झेलना पड़ेगी। लेकिन यह सब दावे धरे के धरे रह गए और आज भी लाइन स्टाफ को टॉर्च लेकर लाइन टू लाइन पेट्रोलिंग करके फॉल्ट तलाश करना पड़ रहे हैं। गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के निर्देश पर स्काडा के 2 जी सिस्टम को 4 जी नेटवर्क पर लाने की कोशिशें हुई थीं, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

कई बार स्थानीय अधिकारियों ने स्काडा सिस्टम को लेकर एमडी ऑफिस से नेटवर्क को 4 जी करने और उसके हिसाब से मोडेम से लेकर अन्य उपकरणों तक को बदलने को लेकर बात की गई, लेकिन बिजली कंपनी का एमडी ऑफिस कोई निर्णय नहीं ले रहा है।

इसका खामियाजा फॉल्ट होने पर उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। क्योंकि भले ही फॉल्ट इंसुलेटर के पंचर होने, डिस्क के पंचर होने, जंपर टूटने जैसा ही हो लेकिन वह विद्युत लाइन के किस हिस्से में हुआ है, उसकी तलाश एक से दो घंटे तक लाइन स्टाफ विद्युत लाइनों पर करता रहता है।

स्काडा का नेटवर्क जल्द 2 जी से 4 जी पर आएगा

स्काडा का नेटवर्क जल्द ही 2 जी से 4 जी पर आएगा, जिससे यह समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन ऐसा कब होगा, यह बता पाना मुश्किल है।। -पीके हजेला, उप महाप्रबंधक, बिजली कंपनी

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