ओपीडी में बढ़ी मरीजों की संख्या, साफ-सफाई की ओर ध्यान नहीं

भिंड। त्योहारों के बाद जिलेभर में संचालित अस्पतालों में सोमवार को सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा संख्या में मरीज पहुंचे। इसमें अधिकतर मरीज बुखार, सर्दी-जुखाम और बदन दर्द की समस्या लेकर ओपीडी पहुंचे। डॉक्टरों ने बढ़ी मरीजों की संख्या का कारण बदलता मौसम बताया।

भिंड(नईदुनिया प्रतिनिधि)। त्योहारों के बाद जिलेभर में संचालित अस्पतालों में सोमवार को सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा संख्या में मरीज पहुंचे। इसमें अधिकतर मरीज बुखार, सर्दी-जुखाम और बदन दर्द की समस्या लेकर ओपीडी पहुंचे। डॉक्टरों ने बढ़ी मरीजों की संख्या का कारण बदलता मौसम बताया। इसके साथ ही लोगों को सलाह दी कि इस मौसम में खानपान का ध्यान रखें और ठंडे पानी का सेवन कम करें। सोमवार को जिला अस्पताल में ओपीडी के लिए पर्चा बनवाने के लिए तीनों खिड़कियों पर लंबी-लंबी लाइन लगी हुई थीं।

मौसम में हो रहे बदलाव की वजह से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों बड़े से लेकर छोटे डॉक्टरों के यहां बुखार पीड़ितों की भीड़ उमड़ रही है। क्षेत्र में खासकर युवा और बच्चे संक्रामक बीमारी की ज्यादा चपेट में हैं। इससे लोग काफी सहमे हुए हैं। कोरोना की मार झेल चुके लोग सतर्कता भी बरतने लगे हैं। बावजूद इसके क्षेत्रवासी समारोह व भीड़ भाड़ इलाके में मास्क लगाना भूल जा रहे हैं। यही कारण है कि संक्रामक बीमारियां काफी तेजी से अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है। ऐसी लापरवाही लोगों के लिए घातक साबित हो सकती है।

बच्चे हो रहे निमोनिया के शिकार

मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। सुबह और शाम का पारा हर दिन लुढ़क रहा है। इससे लोग बीमार हो रहे हैं, खासकर बच्चे। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ केके गुप्ता ने बताया कि मरीजों में अधिकांश बुखार, खांसी, निमोनिया और जुकाम से पीड़ित हैं। मौसम में बदलाव को देखते हुए सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, सुबह-शाम बाहर कम निकलने दें। जरा सी लापरवाही से सर्दी के साथ बुखार और खांसी हो रही है।

1300 पर पहुंची ओपीडी….

त्योहार के बाद सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी 1300 पर पहुंच गई। इस वजह से ओपीडी में बैठे डॉक्टरों के कक्षों के बाहर लंबी-लंबी लाइन दिखाई दी। इसके साथ ही लाइन में खड़े ज्यादातर लोगों के मुंह से मास्क गायब नजर आया।

कलेक्टर के निर्देश बेअसर, बच्चा वार्ड में फैली थी गंदगी

कलेक्टर ने रविवार की रात जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल में फैली गंदगी को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी। इसके साथ ही अभियान चलाकर जिला अस्पताल में साफ-सफाई कराए जाने के निर्देश दिए थे। लेकिन इन निर्देशों का पालन होता हुआ सोमवार को दिखाई नहीं दिया। अस्पताल के बच्चा वार्ड में जहां जगह-जगह गंदगी फैली हुई थी। वहीं सोमवार की दोपहर एक बजे बच्चा वार्ड के गेट के पास उल्टी पड़ी हुई थी। जहां मक्खियां भिनक रही थीं, इसको लेकर कुछ लोगों ने ड्यूटी पर तैनाम कर्मचारियों से इसकी सफाई कराए जाने की बात भी कही, लेकिन कर्मचारियों ने इस बात को अनदेखा कर दिया। यहीं नहीं अस्पताल के वार्ड के रास्ते में बने शौचालय के पास से गुजरने पर भी लोगों को मुंह ढंककर चलना पड़ता है। वहां पर इतनी ज्यादा बदबू होती है कि खड़ा हो पाना तो दूर, निकलना भी दूभर हो गया है। अस्पताल में भर्ती मरीजों के अटेंडर का कहना था कि अस्पताल कर्मचारियों को सफाई के लिए कहने पर वह हमें चार बाते सुनाकर चुप करा देते हैं।

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