गोडसे बयान अध्ययन माला का शुभारंभ ……जहां गोडसे-आप्टे को फांसी हुई थी, हिंदू महासभा उसी अंबाला जेल से मिट्टी लेकर आई, नाथूराम के आखिरी बयान लोगों तक पहुंचाएगी
ग्वालियर में एक बार फिर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को लेकर हिंदू महासभा चर्चा में हैं। गोडसे का मंदिर, ज्ञान शाला के बाद अब गोडसे बयान अध्ययन माला का शुभारंभ हिमस करने जा रही है। बुधवार दोपहर 2 बजे दौलतगंज स्थित हिमस के भवन में यह गोडसे बयान अध्ययन माला का शुभारंभ किया जाएगा। इसके लिए हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज हरियाणा की अंबाला जेल की उस जमीन से मिट्टी लेकर आए हैं, जहां उनको फांसी दी गई थी। इस मिट्टी को दौलतगंज भवन पर रखा जाएगा।
इसके बाद गोडसे के फांसी से पहले भारत विभाजन के प्रतिकार के रूप में दिए आखिरी बयान को जन-जन में प्रचारित किया जाएगा। हिमस की इस योजना का प्रचार प्रसार जिला प्रशासन और पुलिस के कानों तक भी पहुंच गया है। अभी तो पुलिस कुछ नहीं कह रही है, लेकिन पूरी कहानी पर नजर रखी जा रही है।
जहां हुई थी फांसी वहां से लाई गई माटी
– हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने बताया कि वह तीन दिन पहले हरियाणा के अंबाला के लिए निकले थे। यहां अंबाला में 15 नवंबर 1949 को गोडसे को साथी नारायण आप्टे के साथ महात्मा गांधी की हत्या के जुर्म में फांसी दी गई थी। हिंदू महासभा के नेताओं ने इसी जमीन से मिट्टी एकत्रित की है।
इसे प्रतीकात्मक रूम से नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे माना गया है। इस मिट्टी को लेकर बुधवार सुबह दादर-अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन से जयवीर भारद्वाज ग्वालियर पहुंचे हैं। यहां बुधवार दोपहर 2 बजे दौलतगंज भवन पर इस मिट्टी को रखा जाएगा। यहां गोडसे की बयान अध्ययन माला का शुभारंभ किया जाएगा।
वीर सावरकर की प्रतिमा पर ताला खोलने आखिरी दिन
बुधवार दोपहर को हिमस के दौलतगंज स्थित भवन पर यह गोडसे की अध्ययन माला के साथ ही वीर सावरकर के ताले पर भी रूख स्पष्ट किया जाएगा। कटोराताल में स्वतंत्र वीर सावरकर की प्रतिमा तीन साल से ताले में बंद है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कटोरा जिसे सावरकर ताल भी कहा जाता है उसका जीर्णोधार होना है।
ऐसे में यहां तीन साल से ताला लगा है। हिंदू महासभा ने धनतेरस पर चेतावनी देते हुए 10 नवंबर तक का समय स्मार्ट सिटी को दिया था। इसके बाद 12 नवंबर को वह हर हालत में ताला खोलकर वीर सावरकर को आजाद कराएंगे। बुधवार को इस मसले पर भी आखिरी राय बनेगी।
गोडसे मंदिर, ज्ञानशाला को लेकर पहले ही हो चुका है विवाद
-गोडसे को लेकर हमेशा से चर्चा में रही हिंदू महासभा ने वर्ष 2017 में गोडसे की मूर्ति स्थापित कर मंदिर बनाया था। गांधी के हत्यारे के मंदिर पर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मंदिर को बंद कराकर मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया था। मूर्ति बनाने वाला मूर्तिकार रातों रात प्रसिद्ध हो गया था।
इसके बाद 10 जनवरी 2021 को युवाओं को गोडसे के इतिहास और साहित्य से परिचित कराने के लिए हिंदू महासभा ने ज्ञानशाला का शुभारंभ किया। दो दिन में इस ज्ञानशाला ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी, लेकिन दो दिन बाद प्रशासन ने इसे भी बंद करा दिया। अब गोडसे की अध्ययन माला सामने आई है। देखते हैं यह कितने दिन चलती है।