173 किलोमीटर में बनने वाले उज्जैन-गरोठ फोरलेन के आसपास की सरकारी जमीनों पर आवासीय प्रोजेक्ट आएंगे

  • 47.38 हेक्टेयर सरकारी जमीन का उपयोग अब औद्योगिक, आवासीय व होस्टल के लिए होगा

देवास रोड पर धतरावदा से गरोठ तक 173 किमी में बनने वाले फोरलेन के आसपास आ रही सरकारी जमीनों पर निर्माण विभाग आवासीय प्रोजेक्ट लाएंगे। इसके लिए विभाग स्तर पर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। खेतों के बीच से होकर यह फोरलेन बनाया जाएगा, जो कि 2023 तक पूरा हो जाएगा। यहां पर निजी जमीनों पर बिल्डर भी आवासीय प्रोजेक्ट लाने की तैयारी में है।

शहर का डेवलपमेंट लंबाई में होने की बजाए गोलाई में हो सके, इसके लिए अब आवासीय प्रोजेक्ट लाए जा रहे हैं। हाउसिंग बोर्ड ने भी उज्जैन-गरोठ फोरलेन पर सरकारी जमीन देखी है। जिस पर आवासीय कॉलोनी बनाई जाएगी। जमीन उपलब्ध होने पर आवासीय प्लान तैयार किया जाएगा, जिसे पहले मुख्यालय भेजा जाएगा। जहां से स्वीकृति मिलने पर प्लान को प्रशासन के सामने रखा जाएगा।

जमीन उपलब्ध होने के बाद प्रोजेक्ट शुरू कर दिया जाएगा। हाउसिंग बोर्ड के ईई निर्मल कुमार गुप्ता ने बताया फोरलेन पर स्थित सरकारी जमीन मिलने पर बोर्ड आवासीय योजना लाएगा। दूसरी तरफ अवैध कब्जों से मुक्त करवाई गई जमीनों पर रेसिडेंसल के साथ में कमर्शियल प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे। यहां पर शॉपिंग माल व होस्टल निर्माण होगा।

प्रोजेक्ट इस तरह से तैयार किए गए हैं कि रोड साइट की जमीन पर शॉपिंग काॅम्प्लेक्स का निर्माण किया जाएगा और पीछे की ओर मकानों का निर्माण होगा। सरकारी जमीनों पर औद्योगिक विकास भी होगा। सरकारी जमीनों पर आवासीय प्रोजेक्ट आने से जमीन का उचित उपयोग हो सकेगा, जहां लोगों को मकान-प्लाॅट उपलब्ध हो सकेंगे।

200 करोड़ की 47.38 हेक्टेयर जमीन
प्रशासन ने 200 करोड़ की 47.38 हेक्टेयर जमीन अवैध कब्जों से मुक्त करवाई है। यहां अतिक्रमणकर्ताओं को हटाकर कब्जा लिया जा चुका है, जिन्हें निर्माण विभागों को आवंटित किया जाएगा। 46 सर्वे नंबर की जमीन धतरावदा, नीमनवासा व लालपुर में है, जिसे कब्जे से मुक्त करवाया जाकर राजस्व अमले ने अधिपत्य ले लिया है। इसके पहले नीलगंगा क्षेत्र में कवेलू कारखाने की जमीन और हरिफाटक रोड व आगर रोड पर नरेश जीनिंग फैक्टरी की जमीन तथा जेसी मिल की जमीन पर डेवलप की गई निजी कॉलोनी मणि पार्क-वे में सरकारी जमीन का कब्जा लिया जा चुका है।

जमीन का उपयोग अब औद्योगिक, आवासीय
आधिपत्य में ली गई सरकारी जमीन का उपयोग औद्योगिक, आवासीय होस्टल का निर्माण व 32वीं बटालियन के लिए आवासीय निर्माण के लिए किया जाएगा। नीमनवासा में भी सरकारी जमीन पर हाउसिंग बोर्ड ने आवासीय प्रोजेक्ट बनाया है। यूडीए को मालनवासा में आवासीय प्रोजेक्ट के लिए जमीन का आवंटन किया जा रहा है। यहां पर त्रिवेणी विहार एक्सटेंशन आवासीय प्रोजेक्ट डेवलप हो सकेगा। यूडीए सीईओ सोजान सिंह रावत का कहना है कि कवेलू कारखाने की जमीन पर प्रोजेक्ट तैयार किया है। जमीन यूडीए को मिलने पर यहां पर डेवलपमेंट शुरू कर दिया जाएगा।

किस जमीन का क्या उपयोग हो सकेगा

  • नीमनवासा में सर्वे नंबर 144, 145/1/1/1, 145/2/2, 146/1/1, 146/2, 147/2/1, 151/1 कुल 6.584 हेक्टेयर जमीन है, जिसका बाजार मूल्य 39.5 करोड़ रुपए है। आवासीय उपयोग की यह जमीन प्राइवेट कॉलोनी महामंगल सिटी व मणि नगर के बीच में स्थित है। यहां पर होस्टल एवं आवासीय निर्माण किया जाएगा।
  • मालनवासा में सर्वे नंबर 18/2 एवं 19/2 कुल रकबा 0.429 हेक्टेयर जमीन है जिसका बाजार मूल्य 51 लाख 48 हजार रुपए हैं। यहां पर आवासीय प्रोजेक्ट के लिए यूडीए को जमीन दिए जाने का प्रस्ताव किया गया है। जहां पर त्रिवेणी विहार एक्सटेंशन आवासीय योजना में मकानों का निर्माण या प्लॉट डेवलप किए जाएंगे।
  • देवास रोड स्थित लालपुर में सर्वे नंबर 79/1/1, 79/1/2, 79/1/3, 79/1/4, 79/1/5, 79/1/7 कुल रकबा 12.928 हेक्टेयर जमीन है, जिसका बाजार मूल्य 84.56 करोड़ हैं, यहां पर जमीन का औद्योगिक उपयोग हो सकेगा। लालपुर की सर्वे नंबर 39/(5, 6), 44/5 कुल रकबा 4.380 हेक्टेयर औद्योगिक उपयोग के लिए है।

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