ग्वालियर-चंबल संभाग…. बाढ़ से टूटे 7 पुलों की स्थायी व अस्थायी मरम्मत के प्रस्ताव, 2 नए बनेंगे

  • ग्वालियर-चंबल संभाग में वर्तमान में 72 पुल निर्माणाधीन हैं, इनकी लागत लगभग 342 करोड़ रुपए है

संभाग में दो माह पूर्व आई बाढ़ में टूटे सात पुलों में दो नए बनाएं जाएंगे जबकि पांच की मरम्मत की जाएगी। इन पुलों की मरम्मत के दो अलग-अलग 70 व 14 करोड़ रुपए के प्रस्ताव मुख्यालय भेजे गए हैं। शहर में एजी ऑफिस पुल हजीरा पुल की मरम्मत के लिए शासन से 35 लाख रुपए की मांग की गई है।

संभाग के 91 पुलों पर छोटी टूट-फूट व रंग रोगन अलग-अलग डिवीजन द्वारा किया जाता है। ग्वालियर संभाग के आठ जिलों में 91 पुलों का मेंटेनेंस 3 डिवीजन द्वारा किया जाता है। इनमें अधिकांश नए पुल उच्च स्तरीय हैं इनकी संख्या लगभग 55 है, जबकि 36 पुल जलमग्नीय हैं, 4 पुल 100 साल से अधिक पुराने हैं।

इन पुलों की छोटी टूट-फूट व रंगरोगन पर लगभग 10 लाख रुपए खर्च किया जाता है, इनके प्रस्ताव डिवीजन द्वारा मुख्यालय को भेजे जाते हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग में वर्तमान में 72 पुल निर्माणाधीन हैं, इनकी लागत लगभग 342 करोड़ रुपए हैं।

प्रस्ताव भेजा

शहर के एजी ऑफिस पुल व हजीरा पुल के ऊपर गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों के डामरीकरण व अन्य कार्यों के लिए 35 लाख रुपए का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। यह प्रस्ताव काफी समय से लंबित है।

विशेष मेंटेनेंस के अलग बनते हैं प्रस्ताव, एजी व हजीरा पुल की मरम्मत के लिए 35 लाख मांगे

पुलों की उम्र पूरी होने व उनके एसआर ज्वाइंट व एक्सपेंशन बिगड़ने पर विशेष मरम्मत के प्रस्ताव तैयार किए जाते हैं। शहर के एजी ऑफिस का वर्ष 2015 में व हजीरा पुल का विशेष मेंटेनेंस दो वर्ष पूर्व किया गया था। इनके एसआर ज्वाइंट व एक्सपेंशन की मरम्मत कराई गई थी। एजी ऑफिस पुल पर एक करोड़ से अधिक व हजीरा पुल पर 80 लाख रुपए से अधिक का बजट खर्च किया गया था। तीन वर्ष पूर्व गुना पुल की विशेष मरम्मत पर लगभग एक करोड़ खर्च किया गया था।

बाढ़ में बहे सेवढ़ा व श्योपुर में बनेंगे नए पुल

सेवढ़ा में बाढ़ में बहे पुल के स्थान पर अब नया पुल प्रस्तावित किया है। बाढ़ में बहा पुल 3 मीटर चौड़ाई का था। नया पुल 12 मीटर का बनाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस पर लगभग 15 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। श्योपुर में पुल के निर्माण पर 12 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

प्रस्ताव भोपाल भेजे

संभाग में पुलों में एसआर ज्वाइंट व एक्सपेंशन खराब होने पर विशेष मरम्मत के प्रस्ताव तैयार किए जाते हैं। पुलों की छोटी टूट-फूट के लिए डिवीजन द्वारा नियमित मेंटेनेंस किया जाता है। बाढ़ में बहे पुलों‌ में से दो नए पुल बनाए जाएंगे। इन पुलों की स्थायी व अस्थाई मरम्मत के प्रस्ताव भोपाल भेजे गए हैं। -मोहर सिंह जादौन, कार्यपालन यंत्री, सेतु निगम पीड्ब्ल्यूडी

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