पराग अग्रवाल ट्विटर के नए CEO …. टॉप 500 कंपनियों के सबसे युवा CEO बने, फाउंडर जैक डोर्सी बोले- पराग पर मुझे गहरा भरोसा
ट्विटर के को-फाउंडर जैक डोर्सी ने कंपनी के CEO पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह पर पराग अग्रवाल कंपनी के नए CEO होंगे। वे अब तक कंपनी में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर के पद पर थे। उन्होंने 10 साल पहले कंपनी जॉइन की थी। 37 साल के पराग ने इसे सम्मान की बात बताया है।
टॉप 500 कंपनियों के सबसे युवा CEO बने
37 साल के पराग अब दुनिया की टॉप 500 कंपनियों के सबसे युवा CEO बन गए हैं। ट्विटर ने उनकी डेट ऑफ बर्थ जाहिर नहीं की है, लेकिन यह बताया है कि उनका जन्म 1984 में हुआ था। उनका जन्मदिन फेसबुक के CEO मार्क जुकरबर्ग के जन्मदिन 14 मई के बाद ही आता है।
IIT बॉम्बे से पढ़ाई करने वाले पराग अग्रवाल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट भी हैं। ट्विटर ने 2018 में उन्हें एडम मेसिंजर की जगह चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर बनाया था। ट्विटर से पहले पराग माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च और याहू के साथ काम कर चुके हैं।
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जैक ने ट़्विटर स्टाफ के नाम लिखी आखिरी चिठ्ठी
ट्विटर फाउंडर जैक डोर्सी ने ट्विटर स्टाफ को लिखी अपनी आखिरी चिठ्ठी में लिखा, ‘मैंने ट्विटर छोड़ने का फैसला किया है क्योंकि मैं मानता हूं कि अब कंपनी अपने फाउंडर्स से अलग होने को तैयार है। ट्विटर CEO के तौर पर पराग पर मेरा भरोसा बहुत गहरा है। पिछले 10 साल में उनका काम बदलाव लाने वाला रहा है। वे अपनी स्किल, दिल और आत्मा से काम करते हैं, जिसके लिए मैं तहेदिल से उनका शुक्रगुजार हूं। अब ट्विटर को लीड करने का उनका समय है।’
पढ़िए जैक डोर्सी की चिट्ठी :
पराग हर उस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे रहे हैं, जिसने ट्विटर की कायापलट की हैलो टीम, हमारी कंपनी में लगभग 16 साल तक भूमिका में रहने के बाद… सह-संस्थापक से CEO, फिर चेयरमैन, एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और फिर अंतरिम-CEO से CEO तक… मैंने तय किया कि मेरे जाने का समय आ गया है। क्यों? “संस्थापक के नेतृत्व वाली” कंपनी के महत्व के बारे में बहुत सी बातें होती हैं। अंतत: मेरा मानना है कि यह गंभीर रूप से सीमित और विफलता का एक बिंदु है। मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की है कि यह कंपनी अपने संस्थापकों से अलग हो सके। 3 कारण हैं जो मुझे लगता है कि अब सही समय है। पहला, पराग हमारे CEO बन रहे हैं। बोर्ड ने सभी विकल्पों पर विचार करते हुए कठोर प्रक्रिया अपनाई और सर्वसम्मति से पराग को नियुक्त किया। वे कुछ समय के लिए मेरी पसंद रहे हैं। वे कंपनी और उसकी जरूरतों को गहराई से समझते हैं। पराग हर उस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे रहे हैं, जिसने इस कंपनी की कायापलट करने में मदद की। दूसरा, ब्रेट टेलर हमारे बोर्ड अध्यक्ष बनने के लिए सहमत हैं। तीसरा, आप सब हैं। इस टीम में हमारी बहुत महत्वाकांक्षा और क्षमता है। इस पर विचार करें: पराग ने यहां एक इंजीनियर के रूप में शुरुआत की, जो हमारे काम के बारे में गहराई से परवाह करते थे और अब वे हमारे CEO हैं (मेरे पास भी ऐसा ही रास्ता था… उन्होंने इसे बेहतर किया!)। यह अकेली बात मुझे गौरवान्वित करती है। कल सुबह 9:05 बजे प्रशांत महासागर में एक बैठक होगी। तब तक, आपने मुझ पर जो भरोसा किया है, और पराग और खुद पर उस भरोसे को बनाने के खुलेपन के लिए आप सभी का धन्यवाद।
-जैक
गूगल, माइक्रोसॉफ्ट के बाद अब ट्विटर में भी भारतीय मूल के CEO
दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में भारतीय मूल के CEO हैं। माइक्रोसॉफ्ट में सत्या नडेला, गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट में सुंदर पिचई, अडोब में शांतनु नारायण, IBM में अरविंद कृष्णा, VMWare में रघु रघुराम के बाद अब ट्विटर में पराग अग्रवाल CEO बने हैं।
2006 में हुई थी ट्विटर की स्थापना
डोर्सी ने अपने तीन साथियों के साथ 21 मार्च 2006 को सैन फ्रांसिस्को में ट्विटर की स्थापना की थी। इसके बाद वे सबसे बड़े टेक्नोलॉजी इंटरप्रेन्योर्स में से एक बन गए थे। डोर्सी के पद छोड़ने की खबरें सामने आने के बाद कंपनी के शेयर्स की कीमतें 10% तक बढ़ गईं।
बताया जाता है कि डोर्सी एक फाइनेंशियल पेमेंट कंपनी स्क्वायर में भी टॉप एग्जीक्यूटिव हैं। उन्होंने ही इसकी स्थापना की थी। कंपनी के कुछ बड़े निवेशक खुलकर सवाल उठा रहे थे कि क्या वह प्रभावी तरीके से दोनों कंपनियों को लीड कर सकते हैं। हालांकि जैक 2022 तक कंपनी के बोर्ड में बने रहेंगे।