Madhya Pradesh …. वन मंत्री का बेतुका बयान- एक साल में 38 टाइगर की मौत गंभीर बात नहीं, कम से कम 40-45 तो मरने चाहिए

मध्य प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने एक बयान में कहा कि एक साल में 38 बाघों की मौत कोई चिंताजनक विषय नहीं है, क्योंकि जहां संख्या ज्यादा होती है, वहां मौतें भी ज्यादा होती हैं.

मध्य प्रदेश के वन मंत्री (MP Forest Minister) कुंवर विजय शाह का एक बेतुका बयान (Kunwar Vijay Shah Controversial Statement) सामने आया है. मंत्री का कहना है कि प्रदेश में एक साल में 38 टाइगरों की मौत (Tigers Death in Madhya Pradesh) कोई गंभीर बात नहीं है बल्कि हर साल 40 से 45 टाइगरों की मौत होना चाहिए.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में वन मंत्री शाह बाघों की मौत को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कह रहे हैं कि जहां जनसंख्या ज्यादा होगी, वहां मौतें भी ज्यादा होंगी, आपको मेरा यह उत्तर अजीब सा लग सकता है, सामान्यत: 11-12 साल में टाइगर मर जाते हैं, प्रदेश में हमारे अनुसार साढ़े छह सौ टाइगर हैं, वहीं भारत सरकार के रिकार्ड में 526 संख्या है.

“38 टाइगर मर जाते हैं तो यह आकंडा चिंता का विषय नहीं”

उन्होंने आगे सवाल करते हुए कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार 526 टाइगर हैं और अगर 11-12 में टाइगर मर जाते हैं तो हर साल कितने टाइगर मरना चहिए. मेरे हिसाब से हर साल 40-45 टाइगर मरने चाहिए. अगर 38 टाइगर मर जाते हैं तो यह ऐसा आंकड़ा नहीं है जो हमारे लिए चिंता का विषय है. आदमी तो सौ साल के पहले मर जाता है.

NGO के याचिका पर जारी किए गए थे आंकड़े

बताया जाता है कि टाइगरों की मौत को लेकर एक एनजीओ ने अदालत में याचिका लगाई थी. इसको लेकर वन विभाग ने टाइगरों की मौतों के आंकड़े दिए थे जिसमें प्रदेश में टाइगरों की गणना के आंकड़े भी पेश किए गए हैं. वहीं मंत्री के इस बयान के बाद तमाम विपक्षी दल और उनके नेता उन पर हमलवार हैं.

वन मंत्री विजय शाह के बयान पर कांग्रेस ने ली चुटकी

वन मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा (Narendra Saluja) ने चुटकी ली है और ये तो टाइगर की उम्र 10-12 साल बता रहे हैं जो कि कम है क्योंकि शिवराज तो 18 साल बाद भी कहते हैं कि टाइगर अभी जिंदा है.

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