फिरोजाबाद…राज बब्बर हुए फेल, महिलाओं ने किया कमाल:चुनाव में चिप्स फैक्ट्री खुलवाने का वादा किया, जीतने के बाद भूले तो खुद खोल दी फैक्ट्री

फिरोजाबाद जिले में लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर ने जीतने के बाद जिले में चिप्स फैक्ट्री लगाने का वादा क्षेत्र की जनता से किया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने चिप्स फैक्ट्री नहीं लगवाई। जिस वादे को कांग्रेस पूरा नहीं कर सकी अब उसी कार्य को समूह की महिलाओं ने करके दिखाया है।

राज बब्बर भूले वादा, महिलाओं ने दिलाया याद

उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद जिला राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। यहां भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस राजनीतिक पार्टियां हमेशा से जीतने के लिये जद्दोजहद करती रही हैं। चुनाव के दौरान पार्टी नेता यहां आकर चुनावी भाषण देते हैं और वोट लेने के लिए लोक लुभावने सपने दिखाते हैं। चुनाव जीतने के बाद फिर वादों से मुकर जाते हैं। ऐसा ही एक वादा वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर ने जिले की जनता से किया था। उन्होंने यहां चिप्स फैक्ट्री लगाने का वादा किया और फिर भूल गए, लेकिन उसी वादे को अब यहां की महिलाएं याद दिला रही हैं।

चिप्स बनाने के लिए आलू को घोती महिला।
चिप्स बनाने के लिए आलू को घोती महिला।

महिलाओं ने चिप्स फैक्ट्री खोल कर नजीर की पेश

जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 550 स्वयं सहायता समूह की 650 महिलाओं ने मिलकर चिप्स फैक्ट्री स्थापित की है। जिले के शिकोहाबाद क्षेत्र के दिखतौली गांव में संचालित इस फैक्ट्री के संचालन के लिए पांच महिलाओं को निदेशक बनाया गया है। गांव मुहब्बतपुर अहीर की रहने वाली 27 वर्षीय मधु बताती हैं कि पहले वह पति के साथ खेत पर काम करती थीं। अब वह चिप्स फैक्ट्री की निदेशक हैं। गांव की ही 35 वर्षीय अनार देवी चिप्स फैक्ट्री की शेयर होल्डर हैं। वह बताती हैं कि वह पढ़ी लिखी नहीं हैं। मई 2021 में 550 समूहों की 650 महिला किसानों की ‘सुहाग नगरी महिला प्रेरणा उत्पादक कंपनी लिमिटेड’ बनी। सभी सदस्यों के अंशदान और बैंक लोन के जरिए चिप्स फैक्ट्री स्थापित हुई है। कुछ दिनों बाद इस फैक्ट्री से चिप्स उत्पादन शुरू हो जाएगा।

इस तरह होगी महिलाओं की कमाई

चिप्स फैक्ट्री की महिला निदेशकों ने बताया कि फैक्ट्री में तैयार होने वाले एक चिप्स के पैकेट की लागत तकरीबन 2 रुपए 42 पैसे आएगी। थोक में इसकी कीमत तीन रुपए होगी। शेयर होल्डर महिलाएं तीन रुपये का पैकेट खरीदकर पांच रुपये में बेचेंगी। इसके अलावा, होलसेल में हुए मुनाफा में 58 प्रतिशत हिस्सा भी मिलेगा। जिले भर के अंदर करीब 55 हजार हेक्टेयर रकबा में आलू की फसल होती है। चिप्स फैक्ट्री से अन्य निजी क्षेत्र भी आगे आएंगे। इससे किसानों की उपज सीधे बिकेगी।

चिप्स फैक्ट्री के निदेशक मंडल में एक महिला स्नातक पास है और चार 12वीं पास हैं।
चिप्स फैक्ट्री के निदेशक मंडल में एक महिला स्नातक पास है और चार 12वीं पास हैं।

अशिक्षित महिलाएं भी हैं शेयर होल्डर

आगे बढ़ने का जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल आसान हो जाती है। इस चिप्स फैक्ट्री के निदेशक मंडल में एक महिला स्नातक पास है और चार 12वीं पास हैं। इसके अलावा, साझेदारों में से 10 प्रतिशत महिलाएं अशिक्षित हैं। 30 प्रतिशत महिलाएं पांचवीं से आठवीं तक पढ़ी हैं। 10 प्रतिशत महिलाएं स्नातक हैं। शेष 50 प्रतिशत महिलाएं 12वीं पास हैं।

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