Uttar Pradesh ….. साइबर अपराध पर रोक लगाने को यूपी पुलिस ने कसी कमर, हर थाने में स्थापित होगी हेल्प डेस्क; डीजीपी ने दिए आदेश

जानकारी के मुताबिक साइबर हेल्प डेस्क में दर्ज होने वाले फाइनेंसियल फ्राड मामलों में नोडल साइबर हेल्प डेस्क पीड़ित की फ्रीज की रकम को बैंक खाते में वापस दिलाने में सहायता करेगा.

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में साइबर अपराधों (Cyber Crime) को जल्द निपटाने के लिए राज्य की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने बड़ा फैसला किया है. अब राज्य में साइबर क्राइम के मामले में अब पीड़ित को पुलिस की मदद के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. क्योंकि अब राज्य के हर थाने में जल्द ही साइबर क्राइम हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा. राज्य के डीजीपी मुकुल गोयल ने इसका आदेश जारी कर इस महीने के अंत तक थानों में डेस्क बनाने का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं. वहीं डीजीपी ने इंस्पेक्टर/सब इंस्पेक्टर को साइबर हेल्प डेस्क का प्रभारी बनाए जाने के भी निर्देश दिए है.

दरअसल देश के साथ ही राज्य में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं. साइबर अपराधों में सबसे ज्यादा धोखाधड़ी और सोशल मीडिया के जरिए किए जाने वाले अपराध हैं. लिहाजा राज्य की योगी सरकार ने अपराधियों को सजा दिलाने के लिए हर थाने में साइबर क्राइम डेस्क स्थापित करने का फैसला किया है. राज्य के डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा है कि प्रत्येक थाने में साइबर क्राइम हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा और इसके काम की निगरानी जिला स्तर पर राजपत्रित अधिकारी करेंगे. डेस्क पर मौजूद पुलिसकर्मी खासतौर पर साइबर क्राइम के शिकार लोगों की बात सुनेंगे और मदद करेंगे। साइबर वित्तीय अपराध के मामले में हम पीड़ित को साइबर हेल्प लाइन 155260 और वेबसाइट पर उसकी शिकायत दर्ज करा सकेंगे.

दिसंबर के अंत तक स्थापित होगे साइबर क्राइम हेल्प डेस्क

राज्य की डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि राज्य के सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क इस महीन के आखिर तक स्थापित जाएंगे और इसके लिए उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए हैं. ताकि जनता को जल्द से जल्द राहत मिल सके. अभी तक साइबर अपराध के मामले के लिए निर्धारित थानों में ही रिपोर्ट दर्ज होती थी. लेकिन हेल्प डेस्क स्थापित होने के बाद सभी थानों में पीड़ितों की शिकायत दर्ज होगी.

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