Madhya Pradesh: शिवराज सरकार के मंत्री पवैया की सिंधिया को नसीहत, बोले- बीजेपी में नेता तभी तक वंदनीय, जब तक मंच पर है

पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया ने सिंधिया का नाम लिए बिना कहा है कि हमारे यहां लोग नेता के पीछे नहीं भागते, यहां विचार के पीछे चलते हैं. नेता कितना ही करिश्माई हो, वह तब तक ही वंदनीय होता है जब तक वह पार्टी के मंच पर होता है. इसलिए जो आए हैं वह भी सम्मिलित हो जाएंगे.

कांग्रेस से बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) में आए सिंधिया परिवार के ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर बीजेपी में नाराजगी आए दिन सामने आती रहती है. इस बार शिवराज सरकार के मंत्री जयभान सिंह पवैया ने सिंधिया समर्थकों पर हमला बोलते हुए उन्हें नसीहत दे दी.

पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया ने सिंधिया का नाम लिए बिना कहा है कि नेता कितना भी करिश्माई हो, लेकिन बीजेपी में वह तब तक ही वंदनीय है, जब तक मंच पर है. इन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस, कम्युनिस्ट, समाजवादियों, बीएसपी का विभाजन होता देखा है. बीजेपी का विभाजन नहीं देखा है. क्योंकि यहां कार्यकर्ता कभी नेता के पीछे नहीं चलते. यहां विचार के पीछे चलते हैं. इसलिए जो आए हैं तो वे भी यह समझ लें.

‘पार्टी में आने वाले बड़े नेता सोच-समझकर आएं’

मीडिया से बात करते हुए पवैया ने यह भी कहा कि बीजेपी क्षत्रपों, नेताओं और वंशों पर आधारित पार्टी नहीं है. यह काम दूसरे लोग कर रहे हैं देश में. यह कार्यकर्ता आधारित पार्टी है. इसलिए जो हमारे नए मित्र, बड़े नेता आए हैं, वो यह सब सोच-समझकर आए हैं कि किस तरह के दल में जा रहे हैं. बीजेपी की कार्य संस्कृति कैसी है. हम नेताओं पर आधारित पार्टी नहीं हैं.

‘बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को सम्मान रखना पड़ेगा’

जयभान सिंह पवैया ने कहा कि हमारे यहां लोग नेता के पीछे नहीं भागते, यहां विचार के पीछे चलते हैं. नेता कितना ही करिश्माई हो, वह तब तक ही वंदनीय होता है जब तक वह पार्टी के मंच पर होता है. इसलिए जो आए हैं वह भी सम्मिलित हो जाएंगे. हमारे नए मित्र जो आए हैं, वह भी सैनिक की तरह यहां की बातें सीख जाएंगे. तेजी से उन्हें अपने मानस का परिवर्तन करना ही पड़ेगा. बीजेपी के जो वरिष्ठ नेता हैं, उनके प्रति उतना ही सम्मान उनको(सिंधिया समर्थकों) को रखना पड़ेगा, जितना वे अपने नेता का करते हैं.

सिंधिया के घोर विरोधी रहे हैं पवैया

दरअसल, बीजेपी में दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को मिल रही तवज्जोह के कारण वरिष्ठ नेताओं को यह लगता है कि उनकी पूछपरख कम होने लगी है. कांग्रेस से बीजेपी में आए सिंधिया परिवार के ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर ग्वालियर के कुछ वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी की यही वजह है. इनमें से एक हैं जयभान सिंह पवैया.

जब सिंधिया कांग्रेस में थे तो पवैया हर समय उनके खिलाफ बोलते रहते थे और कई बार गंभीर आरोप भी लगाए. अब जब सिंधिया बीजेपी में आ गए हैं तो पवैया को वही नहीं, उनके समर्थकों की गतिविधियां भी पसंद नहीं आ रही हैं. मगर पार्टी के अनुशासन की वजह से पवैया चुप्पी साधे रहते हैं.

 

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी बोले- बीजेपी तीन हिस्से में बांटी

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने कहा कि बीजेपी तीन हिस्से में बांटी है. एक शिवराज, दूसरी महाराज और तीसरी नाराज. महाराज सब पर भारी हैं. मिश्रा ने कहा कि सिंधिया दीनदयाल उपाध्यया से बढ़े नेता बनना चाह रहे हैं. पवैया ने उन्हें जो सीख दी है वह सामयिक है.

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