ड्रैगन ने बाइडेन की डेमोक्रेसी समिट की निंदा की …. डेमोक्रेसी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप, अमेरिकी लोकतंत्र को भ्रष्ट बताया

चीन ने अमेरिका पर लोकतंत्र को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने और उकसाने का आरोप लगाया है। चीन ने शनिवार को बाइडेन की तरफ से आयोजित डेमोक्रेसी समिट की निंदा की और कहा कि चीन को रोकने के लिए अमेरिका एक नया फ्रंट खड़ा कर रहा है। अमेरिका ने दो दिन तक चले इस समिट से चीन को बाहर रखा था।

ताइवान को समिट मे शामिल करने पर भड़के चीन ने इसे बीजिंग की ‘वन चाइना’ पॉलिसी का उल्लंघन बताया। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन पर कोल्ड वॉर के समय हुए वैचारिक विभाजन को भड़काने का आरोप भी लगाया। इस समिट में रूस और हंगरी को भी शामिल नहीं किया गया।

अमेरिकी लोकतंत्र भ्रष्ट और विफल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- अमेरिका दूसरे देशों में दखल देने के लिए डेमोक्रेसी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करता है। समिट से पहले, चीन ने अमेरिकी लोकतंत्र को भ्रष्ट और विफल करार दिया था। मंत्रालय ने आरोप लगाया कि विभाजन और टकराव को उकसाने के लिए डेमोक्रेसी समिट का आयोजन किया गया।

डेमोक्रेसी समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन।
डेमोक्रेसी समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन।

ट्रेड और टेक्नोलॉजी को लेकर कम्पटीशन
चीन के साथ कोल्ड वॉर होने से अमेरिका पहले भी इनकार कर चुका है। पिछले कुछ सालों में दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड और टेक्नोलॉजी को लेकर कम्पटीशन बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच मानवाधिकार और ताइवान मुद्दे पर तनाव भी बढ़ा है।

बाइडेन की डेमोक्रेसी समिट के दौरान चीन को एक और बढ़त मिली है क्योंकि शुक्रवार को निकारागुआ की सरकार ने ताइवान के साथ अपने सारे राजनयिक संबध खत्म कर दिए हैं। निकारागुआ ने कहा कि वह केवल चीन को मान्यता देता है। इसके बाद ताइवान के पास अब केवल 14 राजनयिक सहयोगी रह गए हैं।

समिट में 100 से ज्यादा नेताओं ने हिस्सा लिया

दो दिन तक चले इस समिट में PM मोदी सहित 100 से अधिक ग्लोबल लीडर्स ने भाग लिया। समिट शुक्रवार को खत्म हुआ । समिट के दौरान निष्पक्ष चुनाव कराने, मानवाधिकारों की रक्षा करने और भ्रष्टाचार से लड़ने का आह्वान किया गया।

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