यूपी का जामताड़ा …… बरेली के गांव के 19 शातिर मोस्टवांटेड साइबर ठग, 9 राज्यों की पुलिस को तलाश, 300 करोड़ उड़ाए
बरेली से 12 किलोमीटर दूर धंतिया गांव कभी जरी कारोबार के लिए जाना जाता था। ये आज यूपी का जामताड़ा बन चुका है। जामताड़ा वही, जो एक सीरियल से प्रसिद्ध हुआ। झारखंड राज्य का जामताड़ा साइबर ठगी के लिए कुख्यात हुआ था। इसी अंदाज में बरेली के इस गांव के भी अधिकतर युवक मेहनत-मजदूरी छोड़कर साइबर ठगी कर रहे हैं।
देश के 9 राज्यों की पुलिस अब धंतिया के 19 शातिर साइबर ठगों की तलाश कर रही है। अलग-अलग तरीके से ये जालसाज 300 करोड़ रुपए ठग चुके हैं। 2020 में ये पकड़े भी गए थे, लेकिन पुलिस 90 दिनों में इनके खिलाफ चार्जशीट नहीं कर पाई, तो इन्हें जमानत मिल गई। ये फिर जालसाजी के काम में जुट गए हैं। मास्टरमाइंड जमशेद के पांचों भाई भी मोस्टवांटेड हैं।
ठगी के अलग-अलग तरीके
- इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए सबसे पहले लोगों को फोन करते हैं। फिर बैंक और विभिन्न कंपनियों का जिक्र करते हुए उनके बैंक खाते तक पहुंच जाते हैं। ओटीपी या बैंक डिटेल लेकर खातों से रकम पार कर देते थे।
- मोबाइल टावर लगवाने, एटीएम ब्लॉक होने, लोन दिलाने के नाम पर लोगों से संपर्क कर रजिस्ट्रेशन चार्ज के नाम पर लिंक भेजकर ठगी करते हैं।
- बैंक या फिर प्राइवेट कंपनियों के खाते हैक कर दूसरे खातों में रकम ट्रांसफर कर कर निकाल लेते थे रुपए।
नाइजीरियन गैंग से ली है ट्रेनिंग
पुलिस की मानें तो करीब 10 साल पहले धंतिया के जमशेद ने ठगी शुरू की, जिसके पिता रिक्शा चलाते थे। वह दिल्ली में नाइजीरिया के ओमारोडियन ब्राइटऔर राबर्ट के संपर्क में आया। इसके बाद उसने ठगी का अवैध धंधा धंतिया से शुरू किया। अचानक कुछ महीने में उसे लाखों का फायदा हुआ तो उसने अपने 5 भाइयों को भी ठगी की ट्रेनिंग देकर खुद के साथ जोड़ लिया। कुछ महीनों में करोड़ों का मकान तैयार किया तो गांव के अन्य युवाओं ने इनसे संपर्क किया। इसके बाद जमशेद ने अपने 19 लोगों का गैंग तैयार किया और ज्यादातर लोगों को खुद ठगी की ट्रेनिंग दी।
300 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके
धंतिया गांव के शातिर इन 19 ठगों को पुलिस ने मोस्ट वाटेंड साइबर ठग घोषित किया है। उनमें धंतिया का मुख्य साइबर ठग जमशेद उसके भाई राशिद खां, भाई आरिश खां, भाई साजिद खां, वारिस खां, अफजाल खां, आमिर, युसूफ, कैफ, ताहिर, रफी उर्फ मोती, जाहिद खान और इरफान, अफसर, मोबीन, मुस्तफा, असगर शामिल हैं। इन सभी पर देश के अलग-अलग राज्यों में 300 करोड़ से अधिक की ठगी का आरोप है। इन्हें ओडिशा, पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश, गुजरात व मुंबई समेत कई राज्यों की पुलिस तलाश कर रही है।
युवा बन गए करोड़पति
इसके बाद धंतिया गांव के इन ठगों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। गांव के 70% लोग किसी न किसी तरीके से इस अवैध धंधे में लिप्त हो गए। कोई ठगी करता, तो कोई अपने नाम से खाता खुलवाकर खाते में ठगी की रकम डलवाकर कमीशन लेता। हाल यह हो गया कि गांव में कई लोगों के आलीशान मकान बन गए।
गोरखपुर में की 50 लाख की ठगी
1 साल पहले इसी गैंग के सदस्यों ने गोरखपुर में 50 लाख की साइबर ठगी की। वहां की पुलिस ने धंतिया के गैंग को ट्रेस किया। ठगी के मामले में राशिद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अन्य ठग अभी तक फरार हैं।
सहकारी बैंक हैक कर 86 लाख उड़ाए
धंतिया के ही राशिद ने नाइजीरियन ठग ओमारोडियन ब्राइट और मुकेश विश्नोई निवासी चितलवाला जिला जालौर राजस्थान के साथ मिलकर जलौर के नागरिक सहकारी बैंक हैक कर 86 लाख की साइबर ठगी की। शातिर ठगों ने गुजरात की एक साड़ी कंपनी से एजेंसी लेने के नाम पर उनके खाते हैक कर 50 लाख ठग लिए। इसके बाद गुजरात पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया।
2 जेल में, बाकी फरार
रेंज साइबर सेल के प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि सभी आरोपितों को देश की 9 राज्यों से ज्यादा की पुलिस ठगी के मामले में तलाश कर रही है। दो ठग जेल में बंद हैं, जबकि अन्य फरार है। सभी देश के मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल हैं।