जो भाजपा के खिलाफ, उसके यहां छापे …..UP 10वां राज्य जहां चुनाव से ठीक पहले आईटी की रेड
UP 10वां राज्य जहां चुनाव से ठीक पहले आईटी की रेड; बंगाल, महाराष्ट्र में भी ऐसा हो चुका…..
अखिलेश यादव के चार करीबियों के यहां शनिवार सुबह इनकम टैक्स की रेड पड़ी। यह रेड उस वक्त पड़ी जब यूपी चुनाव को करीब डेढ़ महीने बचे हैं। ऐसा हालांकि पहली बार नहीं है। इससे पहले 9 राज्यों में इनकम टैक्स (IT), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) की रेड पड़ चुकी है।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शरद पवार के यहां ED ने मनी लॉन्ड्रिंग पर केस दर्ज किया थाा। वहीं, बंगाल में भी चुनाव के समय ममता बनर्जी के भतीजे की पत्नी से इनकम टैक्स ने कोयला घोटाले को लेकर पूछताछ की थी। राजस्थान में अशोक गहलोत के करीबी के यहां छापा पड़ा। आइए, जानते हैं चुनाव के समय CBI, IT और ED ने किस तरह से विपक्षी पार्टियों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की।
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को दबाव में लेने की कोशिश
- पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव हुए थे।
- फरवरी में IT ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की पत्नी रुजिरा बनर्जी से कोयला घोटाले में पूछताछ की थी।
- अभिषेक के ही दो रिश्तेदारों अंकुश अरोड़ा और पवन अरोड़ा को भी IT का सामना करना पड़ा।
- इसके बाद मार्च में ED ने ममता के करीबी पार्थ चटर्जी और मदन मित्रा को चिटफंड से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में तलब किया।
- तृणमूल कांग्रेस के विवेक गुप्ता से शारदा चिटफंड घोटाले को लेकर पूछताछ की गई थी।
- तृणमूल नेता कुणाल घोष और शताब्दी राय की सम्पत्ति ED ने कुर्क कर ली थी।

कर्नाटक में कांग्रेस के बड़े नेता के पीछे पड़ी थी आईटी
- कर्नाटक में 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे।
- IT ने कांग्रेस के शीर्ष नेता डीके शिवकुमार के खिलाफ टैक्स चोरी और गलत सबूत देने की शिकायत दर्ज की। इसे 2017 के मामले से जोड़ा गया।
- 2017 में 2-5 अगस्त के बीच इनकम टैक्स ने तत्कालीन ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार से जुड़े 70 स्थानों पर छापे मारे थे। यह कार्रवाई उस समय की गई, जब शिवकुमार गुजरात के 42 विधायकों को बेंगलुरू के पास एक रिज़ॉर्ट में ठहराए हुए थे। इन्हें 8 अगस्त को अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव के लिए वोट देना था।
- शिवकुमार के परिवार और सहायकों को भी नहीं छोड़ा गया। बेंगलुरू, मैसूर, दिल्ली और चेन्नई में छापे मारे गए।

राजस्थान में अशोक गहलोत के करीबियों पर छापे
राजस्थान में 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे। छापेमारी भी चुनाव के समय ही हुई। ईडी ने खाद घोटाले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के परिसरों की तलाशी ली थी। सीएम के करीबी राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौर के आवासों और व्यावसायिक परिसरों पर IT और ED ने छापेमारी की थी। राजीव उस समय प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी थे। इतना ही नहीं, जुलाई में ही कांग्रेस के कृष्णा पुनिया से सीबीआई ने पुलिस अफसर विष्णु दत्त के सुसाइड केस पर पूछताछ की थी।
महाराष्ट्र में शरद-अजित पवार पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस
- महाराष्ट्र में 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे। सितंबर 2019 में चुनाव के ठीक पहले ED ने छापे मारे।
- एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार पर ED ने शिकंजा कसा था।
- उनके खिलाफ महाराष्ट्र राज्य कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े घपले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था।
- अगस्त 2019 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से भी मनी लॉन्ड्रिग मामले में पूछताछ की गई थी।
- राज ठाकरे से कोहिनूर कंपनी में 850 करोड़ रुपए निवेश को लेकर पूछताछ हुई थी। वह 2009 तक कोहिनूर कंपनी के पार्टनर थे।
छत्तीसगढ़ में सीबीआई ने की थी कार्रवाई
वहीं, छत्तीसगढ़ में भी साल 2018 में विधानसभा चुनाव थे और छापेमारी का समय भी यही रहा। सीडी घोटाले में भूपेश बघेल को सीबीआई का सामना करना पड़ा। सीबीआई ने उन्हें नामजद किया। उनसे पूछताछ की गई।

मध्य प्रदेश में कमलनाथ के करीबियों पर पड़े थे छापे
मध्यप्रदेश में 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे। अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले IT ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ के करीबियों के 52 ठिकानों पर टैक्स चोरी और हवाला कारोबार का आरोप लगाते हुए छापे मारे। यह छापा दोनों के चुनावों के बीच के समय पर डाला गया।
केरल में मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से हुई पूछताछ
केरल में साल 2021 में विधानसभा चुनाव हुए थे। जुलाई 2020 में मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेट्री एम शिवशंकर से सोने की तस्करी के मामले में पूछताछ की गई। अक्टूबर में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कस्टम विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि सोने की तस्करी के मामले के मुख्य अभियुक्त स्वप्न सुरेश ने कहा है कि यह काम मुख्यमंत्री विजयन के इशारे पर हो रहा था। अगस्त 2020 में माकपा के कोदियरी बालाकृष्णन के बेटे को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे। प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की। बालाकृष्णन ने इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
आंध्र प्रदेश में विपक्षियों ने पार्टी ही छोड़ दी
आंध्रप्रदेश में 2019 में विधानसभा चुनाव हुए। इससे पहले नवंबर 2018 में चुनावों से कुछ महीने पहले प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग में तेलुगू देशम के सांसद वाईएस चौधरी पर छापे मारे। चुनाव के बाद 2019 में वाईएस चौधरी ने भाजपा जॉइन कर ली। इसी तरह तेलुगू देशम के सांसद रमेश ने आईटी की रेड के बाद भाजपा ज्वाइन की।

तमिलनाडु में डीएमके नेता स्टालिन की बेटी के छापा
- तमिलनाडु में 2021 में विधानसभा चुनाव हुए थे।
- तमिलनाडु में डीएमके नेता स्टालिन की बेटी के घर इनकम टैक्स ने छापा मारा था।
- डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन के दामाद सबरीसन और उनके सहयोगियों के चेन्नई स्थित ठिकानों पर तलाशी ली गई थी।
- पिछले सितंबर में डीएमके के कार्यकर्ता पुंजोलाइ श्रीनिवासन पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ।
- यह मामला 2019 के चुनावों से पहले वेल्लोर में 11 करोड़ की रकम मिलने को लेकर था।
- इसी महीने प्रवर्तन निदेशालय ने डीएमके सांसद एस जगतरक्षकन की 89 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त कर लीं। उन पर फॉरेक्स कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगा।
- इसके बाद डीएमके के दूसरे सांसद गौतम सिगमनी की 8 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली गई।
किसने क्या कहा था
- 2 अप्रैल 2021 को तमिलनाडु में छापेमारी पर राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा था, ‘..’जब चुनावी हार की आशंका होती है तो बीजेपी का तंत्र, विपक्ष पर छापे डलवाने के हथकंडे अपनाने लगता है ‘
- डीएमके ने इस ‘कार्रवाई’ के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करते हुए इसे आयकर विभाग की ओर से ‘पॉवर का दुरुपयोग’ करार दिया था।
- शिकायत में लिखा था, ‘आयकर विभाग अधिकारी, एआईएडीएमके-बीजेपी की चुनावी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं।’
- स्टालिन ने कहा था, ‘मैं एमके स्टालिन हूं, यह स्टालिन इमरजेंसी और MISA का सामना कर चुका है। मैं इन IT छापों से डरने वाला नहीं हूं। पीएम मोदी को पता होना चाहिए कि हम AIADMK के नेताओं की तरह नहीं हैं, जो उनके सामने ‘दंडवत’ हो जाते हैं।’