ग्वालियर …. फूलबाग-किलागेट रोड …. मास्टर प्लान का हवाला देकर निगम ने थमाए नोटिस,15 मीटर संशोधन के प्रस्ताव पर निर्णय लंबित
फूलबाग से सेवानगर होते हुए किलागेट तक की सड़क चौड़ीकरण के मामले में नगर निगम ने मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधन को दरकिनार कर मकान मालिकों को नोटिस भेज दिए हैं। साथ ही इस सड़क किनारे के दर्जनों मकानों को अतिक्रमण की जद में मानते हुए नोटिस दिए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार फूलबाग से सेवानगर तक इस सड़क को 30 मीटर यानी कि 99 फीट चौड़ा किया जाना है।
सड़क की इतनी चौड़ाई पिछले मास्टर प्लान में रखी गई है। वहीं नए मास्टर प्लान 2035 में लोगों की आपत्ति के बाद इस सड़क को 15 मीटर रखे जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन इस पर निर्णय शासन स्तर से होना है। फिर भी नगर निगम ने नोटिस जारी कर दिए और उसके बाद से क्षेत्र में मकानों की तोड़फोड़ की संभावना को लेकर दहशत का माहौल बना हुआ है।
पिछले प्रावधान में इस बार संशोधन का प्रयास
फूलबाग से सेवानगर सड़क की चौड़ाई पिछले कई दशक से 15 मीटर है। लेकिन ग्वालियर के पिछले मास्टर प्लान में इसे 30 मीटर चौड़ा करने का प्रावधान कर दिया गया। जिसके यहां तोड़फोड़ शुरू भी हुई, लेकिन हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद इसे बीच में ही रोकना पड़ा। वहीं अब 2035 तक के लिए शहर का मास्टर प्लान तैयार हुआ है।
जिसमें लोगों एवं संस्थाओं की आपत्ति के बाद इस सड़क की चौड़ाई फिर 15 मीटर तक रखे जाने के लिए प्रस्ताव गया है। जिस पर शासन स्तर पर निर्णय होना बाकी है। आपत्तियों में कहा गया कि ये पुराने ग्वालियर की सड़क है जहां चौड़ीकरण अब संभव नहीं है।
वर्जन- मास्टर प्लान प्रारूप प्रकाशन के बाद चेंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक में इस सड़क की चौड़ाई को लेकर आपत्तियां आई थीं। जिनके बाद चौड़ाई 15 मीटर किए जाने की आपत्ति एवं प्रस्ताव शासन के पास भेज दिया गया था। इस मामले में अब शासन से ही निर्णय होगा।– वीके शर्मा, संयुक्त संचालक/ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग
चेंबर ऑफ कॉमर्स में हुई बैठक में हम सभी लोगों ने इस सड़क को 30 मीटर चौड़ा किए जाने पर आपत्ति जताई थी। क्योंकि, ऐसा किया जाना बिल्कुल संभव नहीं है। इस बारे में नगर निगम अधिकारियों को भी जानकारी दी गई है कि मास्टर प्लान में संशोधन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उस पर निर्णय तक चौड़ीकरण के कार्य को भी रोककर रखा जाए। लेकिन विभागों में आपसी तालमेल की कमी के कारण आमजन को परेशान किया जा रहा है।
– बसंत अग्रवाल, कोषाध्यक्ष/ चेंबर ऑफ कॉमर्स