हेल्थ में UP देश में सबसे निचले पायदान पर …. गुड गवर्नेंस इंडेक्स की रिपोर्ट- यूपी हेल्थ में 29वें, कृषि में 17वें और एजुकेशन में 12वें नंबर पर

देशभर के सभी राज्यों में स्वास्थ्य में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के हालात खराब हैं। यह हम नहीं बल्कि एक दिन पहले जारी हुई गुड गवर्नेंस की रिपोर्ट बता रही है। 29 राज्यों के अलावा केंद्र शासित प्रदेशों को भी जोड़ लें तो भी उत्तर प्रदेश पब्लिक हेल्थ में सबसे आखिरी पायदान पर है। कृषि और नौकरी-शिक्षा में भी यूपी ने अच्छे नंबर हासिल नहीं किए हैं।

वहीं, अब हेल्थ सेक्टर में खराब परफॉर्मेंस को कैटेगरी में बांटते हुए नीति आयोग के CEO ने असम और तेलंगाना जैसे राज्यों से तुलना करते हुए कहा है कि यूपी के हेल्थ सेक्टर में काफी सुधार हुआ है। गुड गवर्नेंस की रिपोर्ट पर वह कुछ नहीं बोले।

ओवर ऑल रैंकिंग में यूपी 19वें नंबर पर है। गुजरात को पहला, महाराष्ट्र को दूसरा और गोवा को तीसरा स्थान मिला है। वहीं, 2019 से इस साल के गुड गवर्नेंस इंडेक्स की तुलना करें तो वाणिज्य और उद्योग के सेक्टर में उत्तर प्रदेश ने 8.9% की वृद्धि की है।

नीति आयोग के सीईओ ने सफाई
हेल्थ सेक्टर में सुधार पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का कहना है कि पिछले एक- दो साल में यूपी ने काफी अच्छा इंप्रूवमेंट किया है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज खुलने का हवाला दिया। उन्होंने असम और तेलंगाना से तुलना करते हुए यूपी को लॉन्ग जंप लेने के लिए बधाई दी। वहीं, गुड गवर्नेंस इंडेक्स ने यूपी को सबसे खराब स्कोर देते हुए लास्ट में रखा है। अलग-अलग कैटेगरी में बात करें तो कोरोना काल में डॉक्टर में सक्रियता जरूर दिखी लेकिन वह इतनी भी नहीं थी कि यूपी का स्कोर बढ़ा सके।

क्या कहती है गुड गवर्नेंस रिपोर्ट

  • स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश केंद्र शासित और 29 राज्यों में सबसे पीछे है।
  • कृषि के क्षेत्र में यूपी 17वें नंबर पर है।
  • मानव संसाधन विकास में यूपी 12वें नंबर पर है।

2019 के मुकाबले राज्यों की स्थिति:

  • 20 राज्यों ने वर्ष 2021 के समग्र जीजीआई अंकों में सुधार किया है।
  • जम्मू-कश्मीर के अंकों में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • झारखंड ने 12.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
  • राजस्थान की रैंकिंग में 1.7 प्रतिशत का सुधार हुआ है।
  • मिजोरम की रैंकिंग में 10.4 प्रतिशत का सुधार हुआ है।
  • जम्मू-कश्मीर की रैंकिंग में 3.7 प्रतिशत का सुधार हुआ है।
  • गुजरात ने 12.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
  • गोवा की रैंकिंग में 24.7 प्रतिशत का सुधार हुआ है।
  • दिल्ली ने 14 प्रतिशत का सुधार कर पहला स्थान प्राप्त किया है।

ऐसे तैयार हुई GGI-2021 की रिपोर्ट:

  • 10 क्षेत्रों के 58 पैरामीटर्स पर विचार किया गया।
  • राज्यों को 4 कैटेगरी में बांटा गया।
  • ग्रुप ए, ग्रुप बी, पूर्वोत्तर-पहाड़ी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश में बांटकर रैंकिंग दी गई।
  • रिपोर्ट में 2019 के स्कोर के हिसाब से तुलना भी की गई है।

इस तरह बांटे गए राज्य

  • ग्रुप एः केरल, महाराष्ट्र, गोवा, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, हरियाणा
  • ग्रुप बीः पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश पूर्वोत्तर और पहाड़ी प्रदेश
  • पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य की श्रेणीः मिजोरम, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम
  • केंद्र शासित प्रदेश की श्रेणीः अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह, पुदुचेरी, लक्षद्वीप, चंडीगढ़, दादर एंड नागर हवेली, दिल्ली, दमन एंड दिउ

10 सेक्टर…जिन पर देखी गई परफॉर्मेंस

  1. कृषि और इससे संबंधित
  2. वाणिज्य और उद्योग
  3. मानव संसाधन विकास
  4. सार्वजनिक स्वास्थ्य
  5. सार्वजनिक बुनियादी ढांचा
  6. आर्थिक शासन
  7. सामाजिक कल्याण व विकास
  8. न्यायिक व सार्वजनिक सुरक्षा
  9. पर्यावरण
  10. नागरिक केंद्रित शासन

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