Gwalior… निगम की लापरवाही …. साल 2016 की 429 अवैध कॉलोनियां वैध हो नहीं पाईं, निगम सीमा में बस गईं 177 अवैध कॉलोनियां, जिनमें से सिर्फ 7 पर कराई एफआईआर
निगम के अफसरों व कॉलोनाइजरों की मिली भगत से शहर में हर साल बढ़ जाती हैं अवैध कॉलोनियां, जिसका शिकार होती है जनता।….
प्रदेश शासन साल 2016 तक की अवैध 429 कॉलोनियों को वैध करने की ठोस प्लानिंग कागजों पर हीं करता रह गया। इधर नगर निगम सीमा में 177 अवैध कॉलोनियां और बस गईं। दिखावे के लिए नोटिस देकर एफआईआर कराने के लिए पुलिस थाने तक चिट्ठी-पत्री पहुंचाई गईं। लेकिन ठोस एक्शन नहीं होने से अवैध कॉलोनियां बसाने का सिलसिला थम नहीं रहा हैं। सर्वे में नई अवैध कालोनी सबसे ज्यादा बड़ागांव, खुरैरी, पुरानी छावनी, बरा, चिरवाई, मोहम्मद पुर, रानीपुरा, जनगनापुरा, शंकरपुर, मानपुर, जोधूपुरा आदि जगह बसाई जा चुकी हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में शासन ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए सर्वे कराया था। इसमें नगर निगम ग्वालियर में 690 कॉलोनियों की पहचान हुई थी। लेकिन सिर्फ 429 अवैध कॉलोनियां ही वैध की श्रेणी में स्थान बना सकीं। शासन ने आदेश थे कि इन कॉलोनियों को बनाने वाले बिल्डर या भूमि स्वामियों पर कार्रवाई की जाए। निगम सिर्फ दो दर्जन के खिलाफ एफआईआर करा सका। शेष निगम और पुलिस अफसरों की बेफ्रिकी की वजह से कार्रवाई का इंतजार कर रही हैं।
वैध कॉलोनी के लिए जरूरी दस्तावेज
- टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से कॉलोनी का नक्शा पास होना चाहिए।
- नगर निगम से विकास अनुज्ञा जरूरी है।
- जमीन का डायवर्सन होना चाहिए।
- जमीन की रजिस्ट्री होना चाहिए।
- निगम में जमीन का नामांकन होना चाहिए।
- कॉलोनी बसाने वाले को सीवर, पानी, सड़क, पार्क और बिजली की व्यवस्था करना चाहिए।
- नगर निगम ने कॉलोनाइजर लाइसेंस लिया होना चाहिए।
इन क्षेत्रों में बस गईं 177 अवैध कॉलोनियां
रायरू नगर, खेरिया मिर्धा, महाराजपुरा गिर्द, गोसपुरा, ओहदपुर गांव, बहोड़ापुर, गोसपुरा, पुरानी छावनी, मऊ गांव, चिरवाई, बड़ागांव, मुरार, खेरिया मोदी, खुरैरी, हबीबपुरा, खेरिया पदमपुर, थर, रुद्रपुरा, अकबरपुर खालसा, मउ, जमाहर, मालनपुर, कोटा लश्कर, जोधूपुरा, दामोदर बाग, रजमन, मानपुर गिर्द, मानपुर, बरा, शंकरपुर, जगनापुरा, रानीपुरा, मानलपुर, मोहम्मदपुर में खेतों में सड़क डालकर बना दी गई।
170 अवैध कॉलोनाइजर्स पर होनी थी एफआईआर
निगम ने 177 में से 7 कॉलोनियों के बिल्डर को नोटिस थमाकर एफआईआर कराई है। शेष बची कॉलोनी के निर्माणकर्तओं को नोटिस देकर पुलिस कार्रवाई के लिए थाने में आवेदन दिया गया। जबकि एफआईआर दर्ज कराई जाना थी।
पहले हर तीन माह में निकलती थी वैध-अवैध कॉलोनियों की सूची
निगम के जानकार बताते हैं कि नियम के मुताबिक वैध-अवैध कॉलोनी की विज्ञप्ति पहले तीन-तीन महीने में निकलती थी। यह काम तत्कालीन आयुक्त वेदप्रकाश के समय होता है। इसके बाद ऐसा नहीं हुआ और शहरवासी वैध कॉलोनी के नाम का पैसा देकर अवैध कॉलोनियों में बस गए।
अवैध कॉलोनियों पर एक्शन लेंगे
अभी शासन कुछ अवैध कॉलोनियों को वैध करने जा रहा है। वहां से आदेश आने के बाद कार्रवाई होगी। यदि साल 2016 के बाद बसी अवैध कॉलोनियों के संबंध में बैठक की जाएगी। -किशोर कन्याल, आयुक्त नगर निगम