मुरैना में चरम पर मिलावटखोरी …. तीन माह में 6 पर रासुका, 47 पर मामला दर्ज, बावजूद नहीं थम रहा मिलावट का कारोबार
मुरैना में मिलावटखोरी चरम पर है। मिलावट से मुक्ति के अभियान के तहत नवंबर से जनवरी के बीच, तीन माह के अंदर 47 व्यापारियों पर कार्रवाई की जा चुकी हैै जिनमें 6 के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके बावजूद मुरैना जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट व्यापक स्तर पर की जा रही है।
यह हम नहीं कह रहे हैं, इस बात को जिले का खाद्य सुरक्षा विभाग स्वीकार कर रहा है। जिले की दूध डेयरियों पर दूध, घी व मिलावटी पनीर बनाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ सरसों के तेल मिल व्यापक स्तर पर मिलावट कर रहे हैं। इसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है।
सप्ताह में कम से कम एक दिन कार्रवाई
विभाग के अफसरों की माने तो उनके द्वारा सप्ताह में कम से कम एक दिन तो वह किसी न किसी व्यापारी के यहां छापा मारते ही है। किसी सप्ताह इसकी संख्या दो से तीन भी हो जाती है। इसके बावजूद जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है।
तीन माह में लिए 626 सेंपल
खाद्य विभाग की माने तो पिछले तीन माह के दौरान 9 नवंबर 2021 से लेकर 11 जनवरी 2022 तक विभाग द्वारा विभिन्न दुकानों से खाद्य पदार्थों के 626 सेम्पल लिए हैं। इसमें सरसों के तेल के तेल के 47 नमूने लिए हैं। एडीेएम कोर्ट में 137 प्रकरण विचाराधीन हैं तथा CJM कोर्ट में 15 प्रकरण विचाराधीन हैं। तीन माह के अन्दर उपरोक्त 626 प्रकरणों के खिलाफ एक करोड़, 79 लाख, 10 हजार रुपए का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। 47 मामलों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई है। 83.477 किलोग्राम खाद्य पदार्थ जब्त किया गया है जिसकी कीमत 80 लाख, 47 हजार, 250 रुपए है।
शहर की लगभग हर तीसरी दुकान पर मिलावट
खाद्य विभाग के अधिकारियों की माने तो मुरैना के अन्दर मिलावटखोरी का आलम यह है कि लगभग हर तीसरी दुकान संदेह के घेरे में है। जिस पर भी हाथ डाल दो वहीं मिलावट निकल रही है। यह हाल तो अकेले शहर का है। अगर जिले भर में नजर डालें तो दूर-दराज के क्षेत्रों व गांवों में मिलावट का धंधा जोरों पर चल रहा है।
कहते हैं अधिकारी
पिछले तीन माह के अन्दर 6 आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की है। 47 प्रकरण दर्ज किए हैं। हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।
धर्मेन्द्र जैन, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, मुरैना