ओपिनियन पोल इतना इतराते क्यों हैं?
इनके 90% दावे गलत, फिर भी इतना हो-हल्ला; आइए ओपिनियन पोल की पोल-पट्टी खोलते हैं …….
रिपब्लिक भारत और ABP-C वोटर हर महीने ओपिनियन पोल कर रहे हैं। हर बार एक ही कहानी, BJP यूपी जीत रही है। फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर पर इसका इतना प्रचार हो रहा है, जैसे 10 मार्च के रिजल्ट इन्हें पता ही है।
अभी ज्यादा समय नहीं बीता है। पिछले साल अप्रैल में बंगाल में चुनाव था। भगवा लहराने के लिए बीजेपी बेताब थी। कुल 10 मुख्यमंत्री और 12 से ज्यादा केंद्रीय मंत्री प्रदेश की गलियां छान रहे थे। ओपिनियन पोल इनकी मेहनत से पिघल गया। बताया गया कि 292 सीटों में 183 पर बीजेपी जीत रही है। नतीजा आया तो BJP सिर्फ 77 सीटें ही पा सकी।
ओपिनियन पोल्स के फर्जी साबित होने की ये इकलौती कहानी नहीं है। बंगाल, पुडुचेरी, बिहार और खुद UP के पिछले ओपिनियन पोल एकदम उल्टे निकले थे। आइए ओपिनियन पोल की पोल-पट्टी खोलते हैं…
बंगाल में ओपिनियन पोल की भद्द पिट गई थी
सर्वे कंपनी पीपुल्स पल्स ने बंगाल में बीजेपी को 183 सीटें दी थीं। CNX 135 और C वोटर 112 सीट दे रहा था। महाओपिनियन पोल भी 143 सीटें तो पक्की बता रहे थे। महाओपिनियन पोल यानी सारे पोल्स का औसत। नतीजा आया तो दिल धक्क से हो गया। मिली सिर्फ 77 सीट। ममता बनर्जी एण्ड कंपनी का 213 सीट पर कब्जा हो गया।
बिहार में तो ‘बलंडरे’ हो गया
बिहार में 2015 के बाद 2020 में भी लोगों ने ओपिनियन पोल की ऐसी-तैसी कर दी। 2015 में बताया कि लालू-नीतीश की पार्टी पर BJP बढ़त हासिल कर रही है। नतीजा आया तो RJD-JDU के खाते में 178 सीटें आई। BJP को मिली सिर्फ 58।
2020 में तो ब्लंडर हो गया। आज तक के एक्सेस माय इंडिया ने बताया कि आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन 161 सीट पर जीत रही है। जश्न शुरू हो गया, नतीजा आया तो 110 पर ही गठबंधन सरेंडर हो गया। ओपिनियन पोल दोबारा बिहार में बेसहारा हो गया।
पुडुचेरी वालों ने पहले ओपिनियन पोल फिर कांग्रेस को हराया
पुडुचेरी में इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया ने कांग्रेस को 24 सीट दे दी। बीजेपी को दी 6-10 सीटें। इसी तरह सी वोटर ने कांग्रेस को 23 और बीजेपी को 6-10 दिखाया। नतीजे आए तो कांग्रेस के साथ ओपिनियन पोल वालों की भी भद्द पिट गई। बीजेपी को 16 सीट मिली और कांग्रेस के हिस्से में आई सिर्फ 8 सीट।
तीन नहीं 30 बार फेल ओपिनियन पोल
बिहार, पुडुचेरी, बंगाल के अलावा छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश में भी ये फेल रहा। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-बीजेपी की मजबूत टक्कर बताई। नतीजा, 90 में 68 सीट कांग्रेस को मिली। हरियाणा में बताया बीजेपी की प्रचंड सरकार, नतीजा आया तो गठबंधन से कुर्सी बचानी पड़ी। मध्य प्रदेश में BJP को 128 सीट के साथ बहुमत दिखाया। नतीजा आया तो कांग्रेस को बहुमत मिल गया।
2017 के यूपी के ओपिनियन पोल अपाहिज हो गए थे
इंडिया टुडे ने कहा था, 170-183 सीटें BJP को, ABP ने 164-176, न्यूज एक्स के पोल में 185 सीटें यूपी में मिल रही थी। परिणाम आया तो जमीन हिल गई। बीजेपी गठबंधन पहुंच गया 325 पर। बसपा को 90 सीट का दावेदार बता रहे थे वो 19 पर सिमट गई। सपा को 170 मिल रही थी लेकिन नतीजे आए तो 47 पर टिक गई। ओपिनियन यहां भी अपाहिज हो गया।
यूपी में खेला होबे या खदेड़ा होगा?
अभी रिपब्लिक और एबीपी-सी वोटर ने सर्वे किया। इसके मुताबिक यूपी में बीजेपी की सरकार बन रही है। DB LIVE के अनुसार समाजवादी पार्टी जीतती नजर आ रही है। ऐसे में दोनों पार्टियों के समर्थक एक दूसरे के लिए सोशल मीडिया पर आंखे खोलो कैप्शन के साथ पोस्ट मार रहे हैं।
ओपिनियन पोल का सर्वे कैसे होता है?
नहीं, यहां एकदम परफेक्ट क्या है जो सर्वे परफेक्ट हो, कंपनियां करीब 50 हजार लोगों से पूछकर ये सर्वे पूरा करती हैं। यूपी की कुल जनसंख्या का ये एक परसेंट भी हिस्सा नहीं है। ऐसे में इसे सबका सर्वे तो माना नहीं जा सकता। हां, जिस एक बंदे से पूछा जाता है वह अपने परिवार, आस-पड़ोस और मुहल्ले की गणित बता ही देता है। ऐसे में मोटा-मोटा आंकड़ा मिल ही जाता है।
इसका नुकसान क्या है जो अखिलेश भइया भड़के हुए हैं?
ओपिनियन पोल कंपनियों और पार्टियों के बीच भी अनोखा गठबंधन बताया जाता है। बस इसीलिए अखिलेश यादव खार खाए हुए हैं। उनका आरोप है, “कंपनियां बीजेपी के लिए काम कर रही हैं। उनके पक्ष में माहौल बना रही हैं। इसकी शिकायत वह चुनाव आयोग तक कर चुके हैं।”
तो करना क्या चाहिए?
सारी सच्चाई जानने के बाद तो यही लगता है, “ओपिनियन पोल उस ठग ज्योतिष की तरह है जिसे उचित दक्षिणा मिले तो किन्नर को भी पुत्र प्राप्ति का योग बता देगा।”