यूपी में 36 सीटों पर MLC चुनाव का ऐलान … दो चरणों में 3 और 7 मार्च को होंगे मतदान, 12 मार्च को रिजल्ट; जानें कैसे होता है चुनाव

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के बीच विधान परिषद सदस्य (MLC) की 36 सीटों के लिए भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो गई है। 35 स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों के 36 सदस्यों का कार्यकाल 7 मार्च को पूरा हो रहा है। इन क्षेत्रों के द्विवार्षिक चुनाव कराने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) अजय कुमार शुक्ला की ओर से जारी चुनाव कार्यक्रम के अनुसार मतदान 2 चरणों में होगा। पहले चरण में 3 मार्च को और दूसरे चरण में 7 मार्च को मतदान होगा।

यह रहेगी चुनाव प्रक्रिया

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला के अनुसार, मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से 2 सदस्य और शेष 34 क्षेत्रों से 1-1 सदस्य का चुनाव होना है। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, 29 क्षेत्रों के 30 सदस्यों के चुनाव के लिए पहले चरण में 3 मार्च को मतदान कराया जाएगा। इसके लिए 4 फरवरी को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी।

मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से 2 सदस्य और शेष 34 क्षेत्रों से 1-1 सदस्य का चुनाव होना है।
मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से 2 सदस्य और शेष 34 क्षेत्रों से 1-1 सदस्य का चुनाव होना है।

वहीं, 6 अन्य क्षेत्रों के लिए 7 मार्च को मतदान होगा। इसकी अधिसूचना 10 फरवरी को जारी की जाएगी। पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 11 फरवरी और दूसरे चरण के लिए 17 फरवरी है। नामांकन पत्रों की जांच पहले चरण के लिए 14 फरवरी और दूसरे चरण के लिए 18 फरवरी होगी। पहले चरण के चुनाव के लिए नाम वापसी की अंतिम तिथि 16 फरवरी और दूसरे चरण के लिए 21 फरवरी होगी।

इन सदस्यों के वोट से चुने जाते हैं MLC

विधान परिषद की स्थानीय निकाय कोटे की सीटों पर जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के सदस्य, शहरी निकायों नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के सदस्यों के साथ ही कैंट बोर्ड के निर्वाचित सदस्य भी वोटर होते हैं। 2016 में 30 जनवरी को इसका कार्यक्रम जारी हुआ था और 3 मार्च को चुनाव हुए थे। सदस्यों ने 7 मार्च को शपथ ली थी। विधान परिषद सदस्य 6 साल के लिए चुने जाते हैं। लिहाजा इनका कार्यकाल 7 मार्च को खत्म होगा।

नामांकन पत्रों की जांच पहले चरण के लिए 14 फरवरी और दूसरे चरण के लिए 18 फरवरी होगी।
नामांकन पत्रों की जांच पहले चरण के लिए 14 फरवरी और दूसरे चरण के लिए 18 फरवरी होगी।

36 सीटों पर होगा चुनाव

लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महराजगंज, देवरिया, आजमगढ़-मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मीरजापुर-सोनभद्र, इलाहाबाद, बांदा-हमीरपुर, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, बदायूं, पीलीभीत-शाहजहांपुर, हरदोई, खीरी, सीतापुर, इटावा-फर्रुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मथुरा-एटा-मैनपुरी, अलीगढ़, बुलंदशहर, मेरठ-गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर-सहारनपुर।

नतीजे बदलेंगे, तो बदल जाएगा परिषद का गणित

स्थानीय निकाय की 36 सीटों के नतीजे विधान परिषद की पूरी गणित बदलकर रख देंगे। 2016 में समाजवादी पार्टी ने 31 सीटें जीतकर विधान परिषद में बहुमत हासिल कर लिया था। खास बात यह है कि 8 सीटों पर सपा और 2 सीटों पर बसपा निर्विरोध जीती थी। रायबरेली से कांग्रेस के दिनेश प्रताप सिंह को जीत हासिल हुई थी। बनारस से माफिया बृजेश सिंह और गाजीपुर से विशाल सिंह ‘चंचल’ चुने गए थे।

दिनेश प्रताप सिंह और विशाल सिंह चंचल दोनों ही इस समय भाजपा का दामन थाम चुके हैं। यूपी उच्च सदन में इस समय सपा के 48, भाजपा के 33, बसपा के 6 सदस्य हैं। सत्तारुढ़ भाजपा इन चुनावों में अधिक से अधिक सीटें जीतकर विधान परिषद में बहुमत हासिल करना चाहेगी। वहीं, सपा की नजर सीटें बचाने पर होगी। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले होने वाले इन चुनावों को जीतकर पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपनी मजबूत दावेदारी का संदेश देने में भी जुटेगा।

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