बाल पिटारा एप से ककहरा सीखेंगे नन्हे-मुन्ने … चंदौली में आंगबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के लिए किया लॉन्च, 32 कहानी, 32 कविताएं, 384 गतिविधियां रहेंगी फीड
चंदौली जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले नन्हें-मुन्ने अब बाल पिटारा एप्लिकेशन से ककहरा सीखेंगे। बाल विकास परियोजना विभाग ने इसके लिए पहल की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अभिभावकों के मोबाइल में एप्लिकेशन अपलोड कराएंगी। माता-पिता इसके जरिए अपने बच्चों को पढ़ाएंगे। एप्लिकेशन में पढ़ाई को रुचिकर बनाने के लिए खेल का रूप दिया गया है। ताकि नन्हें-मुन्ने आसानी से पढ़ाई पूरी कर सकें।
आपकों बता दें कि कोरोना काल में पठन-पाठन सबसे अधिक प्रभावित रहा। ऐसे में आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए बाल पिटारा एप्लिकेशन लांच किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गांव-गांव अभिभावकों के एंड्रायड मोबाइल फोन में इसे अपलोड कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एप्लिकेशन में पढ़ाई को रुचिकर बनाने के लिए खेल का रूप दिया गया है। माता-पिता उन्हें खाली समय में घर पर ही हिंदी, गणित समेत अन्य विषयों के बारे में बताएंगे। मोबाइल की पढ़ाई बच्चों को भाएगी। इससे पढ़ाई के प्रति उनमें रूझान बढ़ेगा।
32 कहानी व 32 कविताएं रहेंगी अपलोड
बाल पिटारा एप्लिकेशन में 32 कहानियां व 32 कविताएं अपलोड रहेंगी। अभिभावक बच्चों को कहानी व कविता याद कराएंगे। नैतिक शिक्षा से जुड़ी कहानियों व कविताओं से नन्हे-मुन्नों की जानकारी बढ़ेगी। वहीं उनका मनोरंजन भी होगा।
एप्लिकेशन सिखाएगा संस्कार
एप्लिकेशन में 384 प्रकार की गतिविधियां अपलोड रहेंगी। अभिभावक अपने बच्चों को इसे सिखाएंगे। मसलन, सुबह उठकर मुंह धोना, दांत साफ करने, खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोने के साथ ही दिनचर्या और शिक्षण कार्य से जुड़ी अच्छी गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलेगी। उम्मीद जताई जा रही कि विभाग की यह पहल कारगर साबित होगी।
योजना के बारें में अफसर की जुबानी
जिला कार्यक्रम अधिकारी जया त्रिपाठी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अभिभावकों के मोबाइल में बाल पिटारा एप्लिकेशन अपलोड कराने के निर्देश दिए गए हैं। इससे आंगनबाड़ी में नामांकन कराने वाले बच्चे भी घर बैठे आनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। वहीं पठन-पाठन में उनकी रुचि भी बढ़ेगी।