3 लाख प्रसव ‘गायब’ … मध्यप्रदेश के सरकारी रिकॉर्ड में एक साल में गर्भवतियों के रजिस्ट्रेशन तो हुए, लेकिन डिलीवरी नहीं हुई
मध्यप्रदेश में साल 2021 में हुए करीब 3 लाख प्रसव सरकारी रिकॉर्ड से गायब हैं। प्रदेश के सरकारी व निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के रजिस्ट्रेशन तो हुए, लेकिन इनकी डिलीवरी कहां हुई, या गर्भपात कराया गया, इसकी कोई डिटेल रिकॉर्ड में नहीं है। भोपाल में यह अंतर 23 हजार से ज्यादा का है। मामले में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने भी टिप्पणी की है।
कैग ने इसे अवैध गर्भपात की तरह गंभीर मानते हुए कहा है कि यह लापता प्रसव प्रदेश में घटते लिंगानुपात की वजह हो सकते हैं। बता दें कि प्रदेश में रजिस्ट्रेशन और डिलीवरी के बीच का अंतर साल 2020 में 8 लाख था, जो एक साल में 5,64,395 घट गया है। जबकि 2020 में यह अंतर 9,52,864 था।
3 लाख प्रसव के गायब रिकॉर्ड पर मप्र के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डायरेक्टर डॉ. पंकज शुक्ला का कहना है कि प्रसव लापता होने का एक बड़ा कारण पलायन और समय पर निजी अस्पतालों के आंकड़े नहीं मिलना भी है। इस गेप को खत्म किया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी स्तर पर मॉनिटिरिंग शुरू हो गई है। वर्ष 2023-24 में अंतर पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। हमने अनमोल एप बनाया है, जिसमें एनएनएम से एंट्री करने को कहा है। जो एंट्री नहीं करते, उन पर कार्रवाई की जा रही है।
4 महानगरों में भोपाल की स्थिति सबसे खराब
यदि आंकड़ों पर नजर डालें तो चार महानगरों में सबसे खराब स्थिति भोपाल की है। यहां रजिस्ट्रेशन और डिलीवरी के आंकड़ों में सबसे ज्यादा अंतर है। दूसरे नंबर इंदौर है। वहीं अन्य जिलों में सागर, सिंगरोली, विदिशा और बड़वानी की है।
आधे जिलों में 900 से कम हुआ लिंगानुपात
प्रदेश में लिंगानुपात पहले ही राष्ट्रीय औसत 914 के मुकाबले कम यानी 912 था। 25 जिलों में यह अनुपात 900 से भी कम है। 14 जिले ऐसे हैं, जहां 2011 से 2016 तक हजार लड़कों के मुकाबले 850 या इससे कम लड़कियां हैं।
एप से होगी गर्भवती महिला की ट्रैकिंग
नेशनल हेल्थ मिशन के अधिकारियों का कहना है कि यदि कोई भी गर्भवती महिला कहीं भी रजिस्टर्ड हुई है, उसकी ट्रैकिंग साॅफ्टवेेयर के माध्यम से होगी। पूर्व में एप पर काम करने से एएनएम ने मना किया था, लेकिन कार्रवाई के बाद अब वे अनमोल एप पर काम करने लगी हैं। जो कार्यकर्ता एप पर काम नहीं करेंगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।