वर्ल्ड किडनी डे …. बिना समझे प्रोटीन डाइट व अतिरिक्त नमक बढ़ा रहा किडनी का रोग, 5 साल में 442 ट्रांसप्लांट, 166 कतार में

फिटनेस के लिए बिना समझे प्रोटीन डाइट और फास्ट फूड में अतिरिक्त नमक किडनी पर बोझ बढ़ा रहा है। इंदौर में पिछले 5 वर्षों में 442 किडनी ट्रांसप्लांट हो चुके हैं, जबकि 166 लोग सोटो से किडनी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप सालगिया बताते हैं कि दुनिया में हर 10वां युवा किडनी की समस्या से पीड़ित है।

मृत्यु का यह 5वां प्रमुख कारण है। किडनी के मरीजों को हार्ट संबंधी समस्या की आशंका भी अधिक होती है। शहर में करीब 2000 मरीज नियमित रूप से डायलिसिस करा रहे हैं। किडनी संबंधी बीमारियों के अन्य मरीजों की तादाद इससे कई गुना अधिक है।

मरीजों में 5% बच्चे, महिलाओं के मुकाबले पुरुष रोगियों की संख्या 5 गुना ज्यादा

शहर में किडनी के मरीजों में 5% बच्चे हैं। इन्हें डायलिसिस कराना पड़ रहा है। नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. शिल्पा सक्सेना के अनुसार, बच्चों में किडनी की बीमारी हाई बीपी के कारण होती है। लक्षण अलग होने से पहचान में समय लगता है। शहर में 5 वर्ष में 398 लाइव किडनी डोनेशन हुए। कुल 442 मरीजों का ट्रांसप्लांट हुआ। महिलाओं की तुलना में पांच गुना अधिक पुरुष मरीज थे।

शुगर की जांच कराएं, वजन संतुलित रखें

एमपी किडनी फाउंडेशन के डॉ. अनिल भंडारी कहते हैं कि किडनी की बीमारी की चेतावनी के संकेत मिलते हैं, लेकिन लोग नजरअंदाज करते हैं। नियमित रूप से शुगर की जांच कराना व शरीर का वजन उचित बनाए रखना भी जरूरी है। भरपूर मात्रा में पानी पीएं और नमक वाले आहार का सेवन कम करें। एमजीएम काॅलेज डीन डाॅ. संजय दीक्षित बताते हैं, कोविड के दौरान अंगदान कम हुआ था, लेकिन अब फिर इसकी रफ्तार बढ़ने लगी है।

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