ग्वालियर … डीआरडीई का दायरा कम हुआ, मिल सकेगी निर्माण की मंजूरी, थाटीपुर में बरती जाएगी सख्ती
सिटी सेंटर क्षेत्र की 88 इमारतों सहित अन्य संपत्तियों को अब निर्माण की मंजूरी मिलना शुरू हो जाएगी। इनमें से 51 इमारतें निजी और 37 सरकारी हैं। डीआरडीई की लैब के 200 मीटर के दायरे में आने वाले निर्माण कार्यों को परमिशन न देने का प्रावधान था। पिछले दिनों यह दायरा घटाकर 50 मीटर कर दिया गया है। लगभग 40 सरकारी और निजी इमारतें अभी भी 50 मीटर के दायरे में हैं।
डीआरडीई की लैब के 200 मीटर के दायरे में आने वाले निर्माण कार्यों को लेकर लगाई गई याचिका के बाद कोर्ट ने ऐसी सभी इमारतों का सर्वे करने का आदेश दिया था। इस पर जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने सर्वे के दौरान 142 ऐसी इमारतों की गिनती की थी। पूरे क्षेत्र में सिर्फ 54 भवन अनुमति के बाद बने थे। एजी पुल के आस-पास की संपत्तियाें पर भी इस दायरे में आने के कारण तलवार लटक गई थी। लेकिन दायरा कम होने के कारण अब यहां निर्माण में दिक्कत नहीं आएगी। सरस्वती नगर 2 के पुल से लगे हिस्से में प्रस्तावित बड़े प्रोजेक्ट जिन पर रोक लग गई थी, वे भी अब शुरू हो जाएंगे।
समझौता प्रकरण में कर सकते हैं आवेदन: सिटी सेंटर में डीआरडीई की लैब से 50 मीटर के दायरे से बाहर सभी निर्माण करने वाले ऐसे संपत्ति स्वामी स्वामी जिन्होंने बिना अनुमति निर्माण कर लिया था, वे अब सरकार की समझौता योजना में आवेदन कर अपने निर्माण कार्य को वैध करा सकते हैं। जिनके पास प्लॉट हैं, वे निगम से विधिवत अनुमति लेकर निर्माण कर सकते हैं।
एमपी नगर और मानिक विलास को मिलेगा लाभ: डीआरडीई लैब का दायरा कम होने का लाभ महाराणा प्रताप नगर और मानिक विलास कॉलोनी से सटे क्षेत्र को मिलेगा। यहां कोर्ट के आदेश के बाद कुछ इमारतों को तोड़ा गया था। ऐसे संपत्ति स्वामी भी अब मंजूरी लेकर निर्माण करा सकेंगे।
अब लोग अपने निर्माण कार्यों को वैध करा सकेंगे
डीआरडीई लैब का दायरा कम होने के बाद अब 50 मीटर के दायरे से बाहर के संपत्ति स्वामी अपने निर्माण कार्यों को वैध करा सकेंगे। जिनके पास प्लॉट हैं, उन्हें मंजूरी भी मिल सकेगी। -पवन सिंघल, सिटी प्लानर
थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण: 7 दिन में क्वार्टर खाली कराने की तैयारी
थाटीपुर स्थित शासकीय क्वार्टरों को गिराकर तैयार होने वाले पुनर्घनत्वीकरण प्रोजेक्ट में अधिकारी-कर्मचारी परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए किराया स्वीकृति के साथ ही सख्ती बरतने की तैयारी की जा रही है। मप्र हाउसिंग बोर्ड, भोपाल के अपर आयुक्त-2 ने बोर्ड के ग्वालियर उपायुक्त को आदेश भेजकर कहा है कि अगले 7 दिन में उन परिवारों को ग्वालियर विकास प्राधिकरण की स्कीम भगवान सिंह माथुर एनक्लेव के फ्लैटों में शिफ्ट कराएं। जिन्होंने क्वार्टर खाली करने के लिए सहमति दे दी है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 परिवारों ने क्वार्टर छोड़ने पर सहमति दे दी है और बोर्ड ने जीडीए से 18 फ्लैट 3 वर्ष के लिए किराए पर लिए हैं।
जीडीए को एक फ्लैट का किराया 13494 रुपए महीना
बोर्ड ने जीडीए की स्कीम भगवान सिंह माथुर एनक्लेव में 18 फ्लैट 36 महीने यानी कि 3 वर्ष के लिए किराए पर लिए हैं। जिनका 3 वर्ष का किराया 8743752 रुपए स्वीकृत कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार इस स्वीकृति के तहत हर फ्लैट का प्रतिमाह किराया 13494 रुपए बोर्ड द्वारा भुगता जाएगा।
पहले चरण के तहत सी, बी और एफ ब्लॉक में प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा। जानकारी के अनुसार 68 क्वार्टरों को इस काम के लिए तोड़ा जाना है। जिसकी शुरूआत एफ ब्लॉक के क्वार्टर नंबर 10 से हो चुकी है। इससे पहले एफ ब्लॉक में दूसरे क्वार्टर को तोड़ने की कार्यवाही की गई थी लेकिन लोगों के विरोध के कारण कार्यवाही रोकनी पड़ी।
थाटीपुर में जिन जमीन पर ये प्रोजेक्ट प्रस्तावित है, वह जमीन 30.06 हेक्टेयर है। इसमें से 13 हेक्टेयर जमीन पर हाउसिंग बोर्ड ने प्लानिंग की है और हाईराइज बिल्डिंग में सरकारी अधिकारी-कर्मचारी परिवारों के लिए फ्लैट बनाए जाएंगे। शेष पर सरकारी स्कूल, कमर्शियल कांपलेक्स और गार्डन की प्लानिंग की गई है।
14 परिवार क्वार्टर खाली करने की सहमति दे चुके हैं
कर्मचारी परिवारों की शिफ्टिंग के लिए जीडीए से जिन फ्लैटों को किराए पर लेने का निर्णय लिया गया है। उनके लिए मुख्यालय से किराया स्वीकृत हो गया है। अगले सप्ताह से क्वार्टर खाली कराने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। 14 परिवार क्वार्टर खाली करने के लिए सहमति दे चुके हैं। – एसके सुमन, उपायुक्त/ हाउसिंग बोर्ड