BJP के दिग्गज अपनी सरकार के खिलाफ क्यों मुखर?

उमा भारती का ‘पथराव’, विजयवर्गीय का ‘लेटर बम’ यूं ही नहीं; इसके पीछे बड़ी वजह- जानिए पॉलिटिकल एक्सपर्ट से…..

भाजपा के दिग्गज नेता अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। इनमें फायर ब्रांड नेता और पूर्व CM उमा भारती का नाम सबसे पहले गिना जा रहा है। राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और रीवा जिले में सेमरिया से विधायक केपी त्रिपाठी का नाम भी सुर्खियों में है।

नेताओं के कारनामों से कई बार तो पार्टी ने ही किनारा कर लिया। अब सवाल ये है कि आखिर जब भाजपा मिशन 2023 की तैयारी कर रही है, ऐसे में ये नेता क्यों मुखर हो रहे हैं? राजनीतिक जानकार इसे दबाव की राजनीति मानते हैं। या फिर वे पार्टी में अपना वजूद जताने की कोशिश कर रहे हैं।

एक ओर उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर प्रदेश में मोर्चा खोल रखा है। दूसरी ओर, सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव के स्थगित होने पर कैलाश विजयवर्गीय ने भी सवाल उठाए थे। पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, विधायक नारायण त्रिपाठी और केपी त्रिपाठी भी अपनी सरकार पर लगातार हमले करते रहे हैं।

 पढ़िए इन नेताओं के इन बयानों के पीछे आखिर क्या मकसद है…?

इन तेवरों के पीछे सबसे बड़ी वजह ये
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकार अजय बोकिल मानते हैं कि नेताओं के इन तेवरों के पीछे दो कारण प्रमुख हैं। पहला अगले साल चुनाव होने हैं। दूसरा-दबाव की राजनीति। यह नेता प्रदेश की राजनीति में किनारे पर हैं। कैलाश विजयवर्गीय जरूर पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव हैं, तो उनके पास संगठन से जुड़े काम हैं। बाकी नेता किनारे पर हैं। यह नेताओं की अपना वजूद दिखाने और दबाव बनाने की राजनीति का हिस्सा है।

राजनीतिक पुनर्वास चाहते हैं विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय चाहते हैं कि चुनाव से पहले उनका राजनीतिक पुनर्वास फिर से हो। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वंशवाद की राजनीति नहीं चलेगी। ऐसे में बेटे को दोबारा से टिकट दिलाने के अपना प्रभाव छोड़ना चाहते।

उमा भारती को MP में महत्व नहीं मिल रहा
पूर्व सीएम उमा भारती को हाईकमान टिकट देगा या नहीं देगा, इस पर संशय है। उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता। वो अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता को तलाश रही हैं, ताकि किसी तरह से उन्हें कोई काम मिले, पार्टी में महत्व मिले। जिस तरह से उन्होंने शराबबंदी का अभियान चलाने की कोशिश की। उनके जिस तरह बयान सामने आ रहे हैं, उन पर पार्टी ध्यान नहीं दे रही।

गुप्ता को दोबारा से टिकट चाहिए
उमाशंकर गुप्ता भोपाल दक्षिण-पश्चिम से दोबारा से टिकट चाहते हैं। पिछली बार वे हार गए थे। उनका दावा खारिज न हो इसलिए इस राह पर आगे बढ़े हैं। उनके तीखे तेवर देखने को मिल रहे हैं।

नेताओं ने इस तरह सरकार के खिलाफ बुलंद की आवाज

  • पूर्व सीएम उमा भारती ने शिवराज सरकार के खिलाफ शराबबंदी के लिए मोर्चा खोल रखा है। पिछले महीने भोपाल की एक शराब की दुकान पर पत्थर तक दे मारा। राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से लाई गई नई शराब नीति का खुलकर विरोध कर रही हैं। शुक्रवार को उमा का नया बयान आया कि ‘मैं मध्यप्रदेश की महिलाओं व बेटियों के साथ हूं। शराबखोरी के शिकार हो रहे बेटों के लिए भी चिंतित हूं। उनकी इज्जत व जान पर खेलकर हम राजस्व कमा रहे हैं, इस पर शर्मिंदा भी हूं।’
भोपाल में पिछले दिनों उमा भारती ने शराब दुकान में पत्थर मारकर बोतलें फोड़ी थीं।
भोपाल में पिछले दिनों उमा भारती ने शराब दुकान में पत्थर मारकर बोतलें फोड़ी थीं।
  • कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सार्वजनिक कर दिया था। विजयवर्गीय ने सवाल खड़े किए और कहा था कि भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है। लाखों लोग शामिल होते हैं। कई मंत्रियों को जाम में फंसना पड़ता है, लेकिन कभी सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा को रोक दिया गया है। क्या सीहोर का प्रशासन इतना नाकारा था।
  • पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने अपने क्षेत्र में नागरिकों के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा की गई मारपीट से नाराज अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना दिया। पुलिस कमिश्नरी सिस्टम पर सवाल खड़े कर गुप्ता ने कहा- मैं शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं कि भाजपा की सरकार में भी पार्टी के लोगों को धरने पर बैठना पड़ा। यहां के प्रशासन को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। गुप्ता ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि हम लोगों ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं। हमारी सरकार है और उसी में यह हालात हो रही है।
पूर्व गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने समर्थकों के साथ धरना दिया।
पूर्व गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने समर्थकों के साथ धरना दिया।
  • मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी अपनी ही पार्टी की सरकार पर लगातार हमले करते रहने वालों में शुमार हो चुके हैं। त्रिपाठी कई मामलों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखते हैं। उन्हें सार्वजनिक कर देते हैं। विंध्य प्रदेश के मुद्दे को जोर-शोर से उठा रखा है।
  • रीवा जिले में सेमरिया से भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी शराब की दुकान बंद कराने समर्थकों के साथ एक शराब की दुकान पर पहुंचे तो ठेकेदार अड़ गया। कुर्सी पर बैठकर विधायक ने धरना शुरू कर अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा किया।
सेमरिया से भाजपा विधायक ने धरना देकर अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया।
सेमरिया से भाजपा विधायक ने धरना देकर अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया।

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