किताब और कॉपी खरीदने अभिभावकों पर दबाब न डाले स्कूल प्रबंधन, सूचना पटल पर दर्शाएं जानकारी
आज से नया शैक्षिकण सत्र शुरू होने जा रहा है। यह ध्यान में रखते हुए बाजर मेंस्टेशनरी संचालक छात्र व उनकेअभिभावकों को मनमाने दामों पर किताब-कॉपियों बेच रहे हैं। दैनिक भास्कर ने किताब-कॉपी सहित शैक्षणिकसामग्री पर बढ़ाई जा रही कीमतों को लेकर 29 मार्च को खबर का प्रकाशन किया।
तब एसडीएम ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए न केवल स्कूल प्रबंधकों की बैठक बुलाई, बल्कि उन्हें निर्देश दिए हैं कि निजी स्कूल संचालक विशेष दुकान से कॉपी-किताब खरीदने के लिए अभिभावकों पर किसी भी तरह का दबाब न बनाए साथ ही सभी स्कूलों में पुस्तकों की जानकारी सूचना पटल पर डिस्प्ले कराई जाए, ताकि कोर्स खरीदने के लिए छात्र परेशान न हों।
एसडीएम द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अंबाह-पोरसा के पुस्तक विक्रेता किताबों का पूरा सेट खरीदने के लिए बाध्य नहीं हैं। छात्र अपनी जरूरत के मुताबिक किताब खरीद सकता है। इसलिए कोई भी दुकानदार किताबों का पूरा सेट खरीदने के लिए छात्र व उनके अभिभावकों को बाध्य न करें।
इसके अलावा पुस्तक व कॉपी के साथकॉपी कवर, पेन, रबर, कटर आदि लेने के लिए अभिभावकों को बाध्य नहीं किया सकता है। एसडीएम ने अंबाह-पोरसा बीआरसी को 3 दिन में सभी निजी स्कूलों में उपयोग होने वाली पुस्तकों की सूची और कक्षावार फीस का विवरण जमा कराने के निर्देश दिए हैं।
वहीं नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर लोकल ब्रांड की कॉपियों के दाम बढ़ा दिए गए इसके अलावा पेजों की संख्या भी घटा दी गई। जिससे 128 पेज की कापी 120 पेज की रह गई है तथा 15 से 20 रुपए दाम बढ़ाए गए। पहले 64 पेज की कापी जो 10 रुपए में आती थी, वह अब 48 पेज होने के साथ 15 रुपए में आ रही है।
इसी प्रकार 28 पेज की कॉपी 5 रुपए में आती थी, जो अब 20 पेज की होने के साथ 8 से 10 रुपए में मिल रही है।10 रुपए वाली रॉयल कॉपी के पेज कम होने के बाद भी15 रुपए में मिल रही है। रफ कॉपी पहले 20 रुपए में आती थी, अब इसके दाम 25 से 30 रुपए हो गए हैं। इतना ही नहीं रबर, पेंसिल या शॉर्पनर के सेट भी अब 55-60 रुपए में मिल रहे हैं।
कॉपी-किताब व गणवेश खरीदने 5-5 दुकान निर्धारित करे स्कूल प्रबंधन
निजी स्कूल संचालकों की बैठक में एसडीएम के सख्त निर्देश हैं कि वे छात्रों को किताब-कॉपी व गणवेश खरीदने के लिए 5-5 दुकानें निर्धारित करें।और उसकी सूची स्कूल के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें। क्योंकि कॉपी-किताब व गणवेश खरीदने के लिए एक दुकान निर्धारित होने से वह अभिभावकों से मनमानी करता है। लेकिन अब एसडीएम के निर्देश के बाद स्कूल संचालकों को किताब-कॉपी खरीदने के लिए पांच दुकान निर्धारित करनी होगी। जिससे निजी स्कूल संचालक व स्टेशनरी बेचने वाला मनमानी नहीं कर सकेंगे।
शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई
कुछ अभिभावकों द्वारा किताब-कॉपियों के अधिक दाम लेने की शिकायत की गई थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए मेरे स्तर पर स्कूल संचालक व पुस्तक विक्रेताओं की बैठक बुलाई गई।जिसमें निजी स्कूल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अभिभावक व छात्रों को ड्रेस व किताब-कॉपी उपलब्ध कराने के लिए न केवल पांच-पाुच दुकान निर्धारित करे, बल्कि इसकी जानकारी सूचना पटल पर प्रदर्शित करें। नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित स्कूल संचालक व पुस्तक विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- राजीव समाधिया, एसडीएम अंबाह