हाथ टच होते ही 5 फीट दूर जाकर गिरी; ऐसे हादसे से बचने के लिए क्या करें-क्या नहीं……

जानिए, कूलर मे करंट आने से रोकने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए…

  • कूलर में पानी डालने से पहले स्विच ऑफ कर प्लग बाहर निकाल दें। प्लास्टिक या फाइबर कूलर में भी करंट आ सकता है। कूलर से पानी की फिटिंग को सीधा नहीं जोड़ें। नहीं तो, पानी की पाइपलाइन में करंट आ सकता है। कभी भी चालू कूलर पर गीले कपड़े से पोंछा नहीं लगाएं।
  • समय-समय पर कूलर की वायरिंग को अनुभवी इलेक्ट्रिशियन से चेक करवाएं। टेस्टर की मदद से कूलर की अर्थिंग या करंट की जानकारी लेते रहें, गड़बड़ी मिलने पर उसे ठीक करवाएं। कूलर में करंट न आए, इसके लिए कूलर में अर्थिंग का होना बेहद जरूरी है। साथ ही कूलर की बॉडी को भी अर्थ किया जाना जरूरी होता है। कूलर में कभी-कभी दो पिन वाला प्लग लगा दिया जाता है, इस वजह से ग्राउंडिंग के लिए कोई कनेक्शन नहीं रहता है। इस वजह से भी कूलर में करंट आने लगता है।
  • लगभग सभी इलेक्ट्रिकल अप्लाइंसेस में तीन पिन वाले प्लग का इस्तेमाल करना चाहिए। इस प्लग में जो सबसे मोटा पॉइंट होता है, वो अर्थिंग के लिए होता है, इसका कनेक्ट होना बेहद जरूरी होता है। जिन कूलर को प्रॉपर अर्थिंग के साथ कनेक्ट किया जाता है उनमें करंट नहीं आता है। करंट आते ही वायरिंग में फॉल्ट मार देगा।
  • सॉकेट और स्विच इतनी ऊंचाई पर हों कि बच्‍चे नहीं पहुंचे पाएं। कई घटनाएं सॉकेट और स्विच नीचे होने की वजह से हो जाती हैं। बच्चे खेल-खेल में स्विच में उंगुली या लोहे के उपकरण डालने की गलती कर देते हैं।
  • गीले हाथों से कभी भी कूलर, स्विच न छुएं। नंगे पैर भी किसी उपकरण को यूज न करें। पैर में जूते-चप्पल होने से भी करंट के बड़े झटके से बचा जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना कि पैर में जूते-चप्पल होने से फेस करंट अर्थ नहीं पाता। इससे झटका कम लगता है।

करंट लगने पर क्‍या करें?

अगर किसी को करंट लगे तो उन्‍हें सीधे छूने की गलती न करें। लकड़ी या रबड़ की किसी चीज से उन्‍हें बिजली से अलग करें। बिजली के झटके से बेहद गंभीर बर्न्‍स होते हैं, जिसका सेंट्रल नर्वस सिस्‍टम पर असर पड़ता है। शरीर का जो हिस्‍सा बिजली के सीधे संपर्क में आता है, उसके बेकार होने की आशंका बहुत ज्‍यादा होती है। करंट लगने पर पीड़‍ित के प्रभावित अंग पर साफ पट्टी लपेटें, मगर उसे कुछ खाने को न दें।

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