ग्वालियर .. बीते वर्ष दुष्कर्म के 37 मामलों में आया फैसला, 73% आरोपी 18 से 25 साल के
पढ़ने-लिखने और कॅरियर बनाने की उम्र में युवा दुष्कर्म जैसे घिनौने अपराध में संलिप्त हो रहे हैं। वर्ष 2021-22 के जिला न्यायालय, ग्वालियर के आंकड़ों पर नजर डालें तो दुष्कर्म के कुल 37 मामलों में फैसला आया। इसमें 27 आरोपियों (73 फीसदी) की आयु 18 से 25 वर्ष की थी।
इसमें भी नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के कुल 16 मामलों में से 14 में आरोपी इसी आयु वर्ग से रहे। हालांकि, कुल 37 में से चार मामलों में ही आरोपियों को सजा हुई। इसमें भी दो आरोपी 18 से 25 आयु वर्ग के हैं, जबकि एक आरोपी 32 तो दूसरा 40 साल का है। वहीं, जो आरोपी बरी हुए, उन्हें भी काफी दिन तक जेल में बंद रहना पड़ा।
सबसे उम्रदराज 63 साल के आरोपी की ट्रायल के दौरान हो गई थी मृत्यु
वर्ष 2021-22 में जिन मामलों की सुनवाई पूरी हुई, उनमें सबसे उम्रदराज आरोपी का नाम अशोक बाथम था। उसकी आयु 63 साल थी। उसके खिलाफ 40 वर्षीय महिला ने 28 जुलाई 2015 को इंटक मैदान में रात्रि दो बजे के लगभग दुष्कर्म करने की रिपोर्ट हजीरा थाने में दर्ज कराई थी। ट्रायल के दौरान मृत्यु हो जाने के कारण आरोपी के खिलाफ मामले को खत्म कर दिया गया।
एक्सपर्ट व्यू- बच्चों को मानसिक विकृति से बचाने निगरानी जरूरी
जिस तरह से युवा अपराध की ओर बढ़ रहे हैं इसके लिए वर्तमान परिस्थिति काफी हद तक जिम्मेदार है। मोबाइल, लैपटॉप पर कहीं भी और कभी भी अश्लील सामग्री देखी जा सकती है। ये अश्लील सामग्री युवाओं के मस्तिष्क को प्रभावित करती है। इसी के चलते युवा आवेग को नियंत्रण में नहीं रख पाते इसलिए इस प्रकार के अपराध बढ़ते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में ये जरूरी कि माता-पिता बच्चों की सतत निगरानी रखें और ये सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे अच्छे माहौल में रहें और उनकी मानसिकता भी स्वस्थ रहे।
-डॉ. अयूब खान, प्रोफेसर, एमएलबी कॉलेज