MP के हजार बिस्तर वाले अस्पताल में 41 करोड़ की गड़बड़ी, मंत्री के दौरे के 24 घंटे बाद कार्रवाई
एक हजार बिस्तर के अस्पताल मामले में गड़बड़ी की जांच के बाद इंजीनियर सस्पेंड….
ग्वालियर। एक हजार बिस्तर अस्पताल के निर्माण में लेटलतीफी के बीच इसमें गड़बड़ी की फाइल खुल गई है। जांच रिपोर्ट में घटिया निर्माण के साथ ही गंभीर अनियमितताएं उजागर हुई थीं।
इस पर अब परियोजना प्रभारी इंजीनियर प्रदीप अष्टपुत्रे को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन आदेश में अतिरिक्त निर्माण से सरकारी खजाने पर 40 करोड़ का बोझ पडऩे और एक करोड़ रुपए का मलबा घोटाला का उल्लेख किया गया है।
इस अस्पताल को चिकित्सा महाविद्यालय निर्माण परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। निर्माण को लेकर शिकायतों के बाद उच्चस्तरीय जांच कराई गई थी। इसकी रिपोर्ट आने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई थी। इसको लेकर सवाल उठ रहे थे।
अब चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के दौरे के 24 घंटे के भीतर सोमवार प्रभारी इंजीनियर व एई अष्टपुत्रे पर कार्रवाई कर दी गई है। अष्टपुत्रे को निलंबन अवधि में परियोजना के भोपाल मुख्यालय में तैनात किया गया है।
एक करोड़ का मलबा घोटाला
आदेश में अस्पताल निर्माण के लिए पुराना भवन तोडऩे के दौरान हेराफेरी सामने आई है। पुराना भवन तोडऩे के लिए नियमानुसार नीलामी नहीं की गई और 80 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। जबकि इसके लिए नीलामी प्रक्रिया पूरी कर मलबे से शासकीय आय प्राप्त करनी चाहिए थी। इस तरह करीब एक करोड़ रुपए के मलबे की हेराफेरी कर दी गई।
सात की जगह नौ मंजिल मंजूर
अस्पताल के डिजाइन में भी गड़बड़ी सामने आई। अस्पताल निर्माण के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के दौरान परीक्षण समिति के सामने यह तथ्य आया। प्रशासकीय स्वीकृति सात मंजिल की होने के बाद भी बिना सक्षम स्वीकृति के 9 मंजिल भवन निर्माण का डिजाइन अनुमोदन किया गया। इससे 40 करोड़ का अतिरिक्त भार राज्य सरकार के खजाने पर पड़ा।
परियोजना का प्रभार अजय जैन को सौंपा
गंभीर अनियमितता और घटिया निर्माण को लेकर प्रथम दृष्टया प्रदीप अष्टपुत्रे को दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। इनके स्थान पर अजय जैन परियोजना यंत्री कार्यालय अतिरिक्त परियोजना संचालक पीआईयू ग्वालियर को संभागीय परियोजना यंत्री का प्रभार दिया गया है।