ताजमहल प्रवेश के लिए जगतगुरु परमहंसाचार्य हाईकोर्ट पहुंचे … डीएम, पुरातत्व अधीक्षक, सीओ ताजसुरक्षा समेत कई को बनाया पार्टी; जानिए क्यों हुआ विवाद

शाहजहां और मुमताज की प्रेम कहानी का प्रतीक माना जाने वाला ताजमहल बीते कुछ दिनों से चर्चा में है। जगतगुरु परमहंसाचार्य ने भी ताजमहल में भगवा और ब्रह्मदण्ड के साथ प्रवेश के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि मोदी और योगी की सरकार में हिंदुओं को डरने की जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट में ताज के 22 कमरे खुलवाने की याचिका भी दाखिल की गई है।

अयोध्या के तपस्वी छावनी अखाड़े के पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंसाचार्य ने 5 मई को ताजमहल में प्रवेश की लड़ाई को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाने का ऐलान किया था। मंगलवार को उन्होंने स्वयं और अपने चार शिष्यों के नाम से याचिका दाखिल की है। इसमें उन्होंने संस्कृति मंत्रालय दिल्ली, मुख्य पुरातत्व अधीक्षक दिल्ली, पुरातत्व अधीक्षक आगरा मंडल आरके पटेल, आगरा डीएम प्रभु नारायण सिंह, एसएसपी आगरा सुधीर कुमार और सीओ ताज सुरक्षा को विपक्षी बनाया है। उन्होंने खुद और शिष्यों को ताजमहल में भगवा और ब्रह्मदंड के साथ प्रवेश कराने की मांग की है। उनका कहना है कि मुगलों ने 4 हजार मंदिरों का विध्वंस किया था और सभी को मंदिर बनाया जाएगा। मोदी और योगी की सरकार में डरने की कोई जरूरत नहीं है। पूरे मामले पर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

ताजमहल प्रवेश के दौरान जगत गुरु को रोका गया था।
ताजमहल प्रवेश के दौरान जगत गुरु को रोका गया था।

ब्रह्म दंड को ले जाने से मना करने पर शुरू हुआ विवाद

जगतगुरु परमहंसाचार्य अलीगढ़ के एक भक्त के परिवार में बीमार महिला का हालचाल लेने गए थे। लौटते समय ताजमहल पर चर्चा हुई। इस पर जगतगुरु अपने चार शिष्यों के साथ ताजमहल देखने के लिए टिकट लेकर पश्चिमी गेट पर पहुंच गए। यहां उनके साथ ब्रह्म दंड को ले जाने से मना करने पर उन्हें ताजमहल में प्रवेश नहीं मिला। उन्होंने ताजमहल को तेजोमहल बोलते हुए दर्शन करने की बात कही। साथ ही आरोप लगाया कि भगवा और ब्रह्म दंड के कारण उन्हें प्रवेश नहीं मिला। इसके बाद अगले दिन तमाम हिंदूवादियों ने ताजमहल में भगवा और ब्रह्म दंड के साथ प्रवेश किया।

हिंदूवादी नेता अगले दिन भगवा और ब्रह्म दंड के साथ ताजमहल में आए थे।
हिंदूवादी नेता अगले दिन भगवा और ब्रह्म दंड के साथ ताजमहल में आए थे।

मई को जगतगुरु को किया गया था नजरबंद

पुरातत्व अधीक्षक आरके पटेल ने उनसे गलती होने की बात कही और ताजमहल घूमने के लिए बुलाया। इसी बीच जगतगुरु ने 5 मई को ताजमहल में जलाभिषेक, पूजन और धर्म संसद का ऐलान कर दिया। हालांकि ऐलान से पहले ही ईद के दिन 3 मई को जगतगुरु गुपचुप आगरा आए। उन्होंने मीडिया से बातचीत कर ताजमहल जाकर भूमिपूजन करने का ऐलान कर दिया। जगतगुरु ताजमहल जा ही रहे थे कि रास्ते में उन्हें प्रशासन ने रोक लिया। इसके बाद उनको कीठम गेस्ट हाउस ले जाकर नजरबंद कर दिया। 4 मई को दोपहर में उन्हें पुलिस अभिरक्षा में अयोध्या ले जाया गया था। इसके बाद 5 मई को उन्होंने ताजमहल में प्रवेश की लड़ाई को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने को कहा था।

इसके बाद अयोध्या के भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी रजनीश कुमार ने लखनऊ हाईकोर्ट में ताजमहल के नीचे बने 22 कमरों को खोलकर सर्वे कराने के लिए याचिका दाखिल की थी। मंगलवार को इसकी सुनवाई होनी थी। मगर, वकीलों की हड़ताल के चलते अब 12 मई को सुनवाई होगी।

सुरक्षा के लिए मॉकड्रिल पड़ गई भारी

पुरातत्व अधीक्षक के अनुसार, ताजमहल पर पिछले कुछ समय से सुरक्षा की दृष्टि से लगातार मॉकड्रिल हो रही थी। इस कारण सख्ती ज्यादा थी। जगतगुरु को भगवा की वजह से नहीं, बल्कि ब्रह्म दंड ले जाने से रोका गया था। उन्हें ब्रह्म दंड सुरक्षित जमा कर जाने को कहा गया था। अगर वह बात करके सुरक्षाकर्मियों को संतुष्ट करते, तो उन्हें प्रवेश जरूर मिल जाता। मगर, आपसी तालमेल न हो पाने के कारण ऐसा हो गया।

कानून-व्यवस्था बिगड़ने के डर से प्रशासन ने रोका

जगतगुरु लगातार बयान के दौरान ताजमहल को तेजोमहल कहते हुए अंदर जाकर पूजन की बात कह रहे थे। जिस दिन वह दोबारा आए, उस दिन ईद थी और नमाज के समय था। ऐसे में उनके प्रवेश से कानून-व्यवस्था बिगड़ने का डर था। इसीलिए प्रशासन ने उन्हें ताजमहल नहीं जाने दिया था।

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