अब ब्यूरोक्रेट नहीं, टेक्नोक्रेट चला रहे शासन; प्रदेश को 7 साल में मिले 74 आईएएस अफसरों में से 68% बीटेक, एमटेक और बीई पास
मध्य प्रदेश में अब ब्यूरोक्रेसी ब्यूरोक्रेट्स नहीं, बल्कि टेक्नोक्रेट्स चला रहे हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पिछले सात साल में प्रदेश में ज्वाइन करने वाले 74 आईएएस अफसरों में से 50 यानी करीब 68 फीसदी ने बीई, बीटेक और एमटेक करने के बाद सिविल सर्विस ज्वाइन की है।
इन आंकड़ों की 2008 से 2014 के बीच के डेटा से तुलना करें तो टेक्नोक्रेट आईएएस अफसर इस दौरान दोगुना बढ़े हैं। उस अवधि ज्वाइन करने वाले नए आईएएस अफसरों में टेक्निकल डिग्री लेने वाले अधिकारियों का प्रतिशत सिर्फ 34 था। कार्मिक मंत्रालय की मप्र के आईएएस अफसरों की आखिरी ग्रेडेशन लिस्ट के हिसाब से प्रदेश में कुल 355 अफसर हैं।
इन अफसरों की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन का एनालिसिस करें तो पता चलता है कि सबसे अधिक 83 अफसरों ने एमए किया है, लेकिन इनमें से 81 आईएएस अफसर 2014 के पहले के हैं। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अंतिम ग्रेडेशन लिस्ट के हिसाब से मप्र में 253 अफसरों में से 15 बीटेक पास हैं। इनमें 12 अफसर वर्ष 2010 के बाद सेवा में आए।
वहीं प्रदेश के 192 भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों में से 34 बीटेक पास हैं। इनमें से 26 अफसर 2012 के बाद सेवा आए हैं। यानी पिछले 8 से 10 साल में अखिल भारतीय सेवाओं के मप्र के अधिकारियों में टेक्नोक्रेट्स की संख्या बढ़ी है।
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प्रदेश में 70 आईएएस अफसरों के पास बीटेक की डिग्री है। 10 ऐसे हैं जिनके पास बीटेक के साथ एमटेक डिग्री भी है। वहीं 53 अफसर ऐसे हैं, जिन्होंने सिर्फ बीई की है, जबकि 10 ने बीई के साथ एमटेक और 2 ने बीई के साथ एमई की पढ़ाई की है। हालांकि जिन अफसरों ने बीई और बीटेक के साथ एमटेक या एमई नहीं किया, उन्होंने दूसरे विषयों में पीजी डिग्री की है।