ग्वालियर चंबल अंचल में रेत, पत्थर माफिया करता रहा है पुलिस पर हमले
ग्वालियर चंबल में रेत, पत्थर व शराब माफिया पुलिस-वन अमले पर अटेक करते रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में ही उन्होंने हमले किए हैं।
ग्वालियर.। गुना जिले के आरोन में शिकारियों के साथ मुठभेड़ में एक एसआई सहित 3 पुलिसकर्मियों की मौत ने अपराधियों के बुलंद हौसलों को उजागर कर दिया है। ग्वालियर चंबल अंचल में रेत, पत्थर व लकड़ी, शराब माफिया पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई के दौरान हमला करता रहा है। इसमें आइपीएस से लेकर कई पुलिस कर्मचारियों को शहादत भी देनी पड़ी है। बावजूद इसके अंचल में इन पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में माफिया पुलिस व वन विभाग की टीमों पर हमला करने से नहीं चूकते। इन हमलों का शिकार 2012 में ट्रेनी आइपीएस नरेंद्र कुमार हो चुके हैं। माफिया ने ट्रैक्टर से कुचल दिया था। आइपीएस जयदेवन ए माफिया के थाने पर हुए हमले में फंस गए थे और मुश्लिक से जान बचाई थी।
आईपीएस को कुचला था ट्रैक्टर से:
मुरैना में रेत व पत्थर माफिया पुलिस पर अधिक हमले किए हैं। मुरैना जिले में नियुक्त युवा आइपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह ने अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे थे। नरेंद्र कुमार सिंह साल 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और ट्रेनिंग के दौरान मुरैना जिले के बामौर में प्रशिक्षु पुलिस अनुभागीय अधिकारी (एसपीओपी) के तौर पर तैनात किए गए थे। मार्च 2012 में जब अवैध पत्थर से भरी ट्रैक्टर ट्राली को पकड़ने के दौरान पत्थर माफिया ने उन्हें कुचलकर मारडाला था।
आईपीएस जयदेवन ए को घेरा लिया थाने में, लगाई थी आग: मुरैना में ही 2014 में रेत माफिय ने अपने ट्रैक्टरों को छुड़ाने के लिए जिले के सरायछोला थाने पर हमला कर आग लगा दी थी। इस दौरान एसपी जयदेवन ए भी थाने में फंस गए थे। हमले में थाने के बाहर जप्त वाहनों में आग लगाने के बाद माफिया अपने ट्रैक्टर छुड़ा ले गया था।
वन अधिकारी पर किए करीब 15 बार हमले: 2021 में वन महकमे में पदस्थ अधिकारी श्रद्धा पांडरे पर रेत माफिया ने कार्रवाई की। इन कार्रवाईयों में रेत माफिया ने करीब 15 बार श्रद्धा पांडरे पर हमला किया। हालांकि बाद में रेत माफिया ने राजनीतिक रसूखों का उपयोग कर श्रद्धा पांडरे का ट्रांसफर करा दिया।
पिछले बीस दिन में ही देखें रेत माफिया के हौंसले
– करीब 20 दिन पहले बानमोर में वन विभाग की टीम पर हमला करके अवैध पत्थरों से भरी ट्रैक्टर-ट्राली को छीनकर पत्थर माफिया लेकर भाग गए।
– करीब तीन महीने पहले वन विभाग की टीम ने शनिश्चरा पहाड़ी से अवैध उत्खनन करते हुए चार माफिया पकड़े, जिन्हें वनचौकी पर रखा इसी दौरान पत्थर माफिया ने वनचौकी पर हमला किया, हथगोला फेंका, पथराव किया और अपने साथियों को छुड़ाकर ले गए।
– करीब सात महीने पहले हाईवे पर रेत माफियाओं ने वन विभाग की टीम पर ट्रैक्टर-ट्राली चढ़ाने का प्रयास किया। अवैध रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राली रोकने पर यह हमला हुआ था।