यूपी में इलाज कराता हूं, मुझे क्या मिला?
कैंसर, किडनी और हार्ट की बीमारियों के लिए गरीबों को 100 करोड़ रुपए दिए…
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट सदन में पेश कर दिया। इसमें गरीब लोगों के लिए कैंसर, किडनी, लिवर, हार्ट समेत अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 100 करोड़ रुपए दिए गए है।
पिछले साल सरकार ने इस मद में 40 करोड़ रुपए जारी किए थे। इसमें लखनऊ के केजीएमयू को चार करोड़ और एसजीपीजीआई को दो करोड़ मिले थे।
इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में 10 हजार नए पद भरने का ऐलान किया गया है। योगी सरकार के बजट से आपकी कौन-सी उम्मीदें पूरी हुईं और कौन-सी अधूरी रह गईं, आइए जानते हैं…
इस साल क्या मिला
- गोरखपुर में आयुष विश्व विद्यालय की स्थापना के लिए 113 करोड़ 52 लाख और अटल चिकित्सालय के लिए 100 करोड़ 45 लाख रुपए दिए गए हैं।
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना के लिए 10 हजार 547 करोड़ रुपए और 14 नए मेडिकल कालेजों के लिए 2100 करोड़ दिए गए हैं।
- राज्य कर्मचारी चिकित्सा योजना के लिए 100 करोड़ रुपए और समीपवर्ती चिकित्सालयों के 25 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
- सीएम जन आरोग्य योजना के लिए 260 करोड़ रुपए दिए गए हैं और नर्सिग कालेज बनाने के लिए 25 करोड़ दिए गए हैं।
- अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना के लिए 100 करोड़ 45 लाख रुपए दिए गए हैं।
- पण्डित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लिए 50 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
- कैंसर, किडनी समेत अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 100 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
- एमबीबीएस और पीजी पाठ्यक्रमों में सीटों की बढ़ोतरी के 500 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
- आशा कार्यकत्रियों के लिए 300 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
पुरुषों और महिलाओं को क्या मिला?
- निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 प्रतिमाह की गई।
- वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी की पेंशन की राशि को बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह की गई।
- मातृत्व वंदना योजना के लिए 320 करोड़ रुपए दिए गए हैं। दिव्यांग अनुदान 300 से बढ़ाकर एक हजार किया गया।
- कुष्ठावस्था विकलांग भरण – पोषण योजना के लिए 34 करोड़ 50 लाख रुपए दिए गए हैं।
बच्चों को क्या मिला?
- बच्चों को HPV वैक्सीन के लिए 50 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
किडनी और कैंसर समेत अन्य गंभीर बीमारियों का ऐसे करा सकते हैं मुफ्त इलाज
सरकार चिकित्सा संस्थानों एवं मेडिकल कॉलेजों को कैंसर, किडनी, लिवर, हार्ट आदि के इलाज के लिए असाध्य रोग मद में बजट देती है। इससे संबंधित चिकित्सालय गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले मरीजों को निशुल्क इलाज उपलब्ध कराते हैं। सभी संस्थानों में इसके लिए कमेटी बनती है। इलाज करने वाले चिकित्सक व कमेटी की संस्तुति पर मरीज को मुफ्त में इलाज मिलता है।
- मुझे पिछले बजट में क्या मिला था?
- 13 जिलों- बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोण्डा, ललितपुर, लखीमपुर-खीरी, चन्दौली, बुलन्दशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात तथा कौशाम्बी में निर्माणाधीन नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 1,950 करोड़ रुपए दिए गए थे।
- आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 142 करोड़ और राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के लिए 54 करोड़ रुपए दिए गए थे।
- कोविड-19 की रोकथाम एवं कोरोना महामारी से सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण योजना के लिए 50 करोड़ रुपए दिए गए थे।
- लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 5,395 करोड़ रुपए दिए गए थे।
- महिलाओं की चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए 320 करोड़ रुपए दिए गए थे।
- प्रदेश के 12 मंडलों में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं एवं मंडलीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए दिए गए थे।
- आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों को फ्री में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 1,300 करोड़ रुपए दिए गए थे।
- शहरी क्षेत्रों में बेहतर इलाज प्रदान करने के लिए शहरी स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्रों के लिए 425 करोड़ रुपए दिए गए थे।
- ये तस्वीर कुशीनगर के निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कालेज की है। यहां पर 300 बेड का अस्पताल बन रहा है। बाउंड्रीवॉल का 40% से अधिक का काम पूरा हो चुका है। (फाइल फोटो)
- कुशीनगर मेडिकल कॉलेज 350 छात्र की क्षमता का कॉलेज है। इसमें बॉयज हॉस्टल में 180, गर्ल्स हॉस्टल में 120, इंटर्न होस्टल में 50 छात्र-छात्राएं रहकर पढ़ाई कर सकते हैं।