नेशनल अचीवमेंट सर्वे … 10वीं के 66 फीसदी बच्चों को गणित, 65 को साइंस और 58 फीसदी को अंग्रेजी का बेसिक नॉलेज नहीं

मप्र 17वीं रैंक से 5वें स्थान पर आया, लेकिन 10वीं को छोड़ बाकी क्लास में खुद से ही पिछड़ा …

नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मप्र की रैंक 5 साल में बढ़कर 17वीं से 5वीं पर पहुंच गई है। पिछला सर्वे वर्ष 2017 में हुआ था। यह सर्वे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा बेसिक एजुकेशन क्वालिटी स्टैंडर्ड को जांचने के लिए किया जाता है। लेकिन दूसरी तरफ जब ओवरऑल परफार्मेंस में सब्जेक्ट वाइज ताजा रिपोर्ट का एनालिसिस किया तो पता चला कि मप्र में 10वी को छाेड़कर नीचे की क्लासेस में बच्चों को हिन्दी, गणित का बेसिक नॉलेज भी नहीं है।

सर्वे में कक्षा तीसरी, 5वीं के तीन, 8वीं और 10वीं के 4-4 विषय शामिल किए गए थे। इसमें से कक्षा 3 के तीनों विषयों में परसेंट कम हुए तो 5वीं में 2 में परसेंट सुधरा। वहीं कक्षा 8वीं के 4 में से 2 में घटा, एक में बराबर और एक में अधिक रहा। जबकि कक्षा 10वी के चारों विषय के परसेंट में सुधार हुआ।

इसके बावजूद गणित में 66, साइंस में 65, सोशल साइंस में 63 और अंग्रेजी में 58 फीसदी बच्चों को बेसिक नॉलेज नहीं है। वहीं कक्षा 5वीं में तो पांच साल के भीतर सुधार होने की बजाय बच्चे पिछ़ड़ गए। हर सब्जेक्ट में परसेंट कम हुआ है।

मप्र से 38778 बच्चे शामिल

मप्र में 12 नवंबर 2021 को टेस्ट हुआ था। जिसकी रिपोर्ट बुधवार को पब्लिश की गई। इसमें मप्र के 2320 स्कूल के 38778 बच्चे शामिल हुए थे। इनके लिए 5433 टीचर्स की ड्यूटी लगाई गई थी। सर्वे में 64 फीसदी रुरल के और 36 फीसदी बच्चे अर्बन के शामिल हुए थे। इसमें से राज्य सरकार के 36 परसेंट स्कूल थे, जबकि 38 फीसदी प्राइवेट स्कूल और 19 फीसदी सेंट्रल गवर्मेंट के थे।

टेस्ट का पैटर्न

एनसीईआरटी द्वारा तय माड्यूल के तहत सीबीएसई के ऑब्जर्वर्स और विभाग के फील्ड इन्वेस्टीगेटर ने स्कूलों में टेस्ट लिया था। ये टेस्ट मल्टीपल च्वाइस पैटर्न पर लिए गए। टेस्ट के लिए दिल्ली से आई टीम स्कूलों में पहुंची और जनरल नॉलेज से जुड़े कई सवाल भी दिए गए थे। इसमें पहली बार सरकारी स्कूलों के अलावा प्राइवेट स्कूल भी शामिल किए।

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