जेल की किचन में डीजी क्यों हुए नाराज…:पानी जैसी दाल, जली रोटी, देख भड़के DG जेल, प्रबंधक को लिया आड़े हाथ

  • DG जेल ने किया सेन्ट्रल जेल का निरीक्ष्ण

ग्वालियर जेल महानिदेशक अचानक ही जेल के निरीक्षण के लिए क्या पहुंचे, जेल के खाने की पोल खुल गई। जेल महानिदेशक ने खाने की जो भी चीज देखी, उसमें उन्हें खोट ही खोट नजर आई और इससे यह भी पता चल गया कि जेल के बंदियों-कैदियों को खाने खिलाने में जेल वालों की नीयत में कोई ना कोई खोट तो अवश्य है। उन्होंने इसके लिए जेल प्रबंधन को जमकर आड़े हाथों लिया और फटकारते हुए कहा, आप इस खाने को खा सकते है। घर में इसी तरह का खाना खाते हो।

औचक निरीक्षण

जेल डीजी अरविंद कुमार जब जेल के भीतर पहुंचे तो बंदियों के लिए खाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी थी। दाल भगोने में उबल रही थी पर उसमें पानी ही पानी नजर आ रहा था। शायद दाल इतनी कम थी कि यह तो घुल गई या फिर नीचे ही बैठ गई। वहीं रोटियों का भी कुछ ऐसा ही हाल था। जो भी हाथ में ली वह या तो कच्ची थी या फिर कोयले सी काली। वे यहां पर सबसे ज्यादा खाने को लेकर असंतुष्ट नजर आए है। इसमें सुधार के लिए कहा है। साथ ही खाने के सैंपल लेने के निर्देश दिए हैं। जिससे दिए जाने वाले खाने के मानकों का पता लगाया जा सके और यह भी पता लगाया जा सके कि जेल मुख्यालय से जो धनराशि आ रही है उसमें खाने पर वाकई में कितनी खर्च हो रही है।

बंदियों से पूछी समस्याएं

खाना चेक करने के बाद श्री कुमार बंदियों से मिलने के लिए बैरकों में पहुंचे और उन्हें यहां पर आने वाली परेशानियों की जानकारी ली। इसके बाद बंदियों ने आर्केस्ट्रा पर एक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। निरीक्षण के दौरान उन्हें जहां पर भी कोई कमी दिखाई दी, उसका निराकरण कराने के लिए जेल अधीक्षक विदित सरवाइया को निर्देश दिए। इसके बाद वह जेल अस्पताल पहुंचे और यहां की व्यवस्थाओं पर संतुष्ट नजर आए।

मुलाकात की व्यवस्था पर जताई संतुष्टि

इसके बाद वह बंदियों से मुलाकात की विण्डो पर पहुंचे और यहां पर हो रही मुलाकात पर संतुष्टि जाहिर की और साथ ही निर्देशित किया कि किसी भी बंदी से मुलाकात करने वाले परिजनों को परेशानी ना आए, इसका ध्यान रखे।

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