80 हजार करोड़ निवेश को रोकने की थी साजिश …. उद्योगपतियों में खौफ पैदा करने के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-3.0 के दिन कानपुर में कराया दंगा
यूपी में होने वाले करीब 80 हजार करोड़ रुपए के निवेश को रोकने के लिए कानपुर में दंगा भड़काया गया था। इंटेलिजेंस की जांच में पता चला कि 3 जून को लखनऊ में आयोजित समिट में आए देशभर के निवेशकों में खौफ पैदा करने के लिए घटना को अंजाम दिया गया। आईबी जांच कर रही है कि इसके पीछे किस संगठन का हाथ है।
आईबी की जांच में पता चला कि दंगे का मकसद देश भर के उद्योगपतियों में खौफ पैदा करना था। इसके जरिए उन्हें संदेश देना था कि यूपी में निवेश के लिए सुरक्षित माहौल नहीं है। इसीलिए उस दिन को चुना गया जब देश के बड़े-बड़े बिजनसमैन यूपी में निवेश के लिए एमओयू साइन कर रहे थे। जांच में यह भी सामने आया कि इसकी साजिश कई दिनों से रची जा रही थी। घटना के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी ने कानपुर और लखनऊ में कई मीटिंग कीं।
एसपीजी और पैरामिलिट्री ने बिगड़ा खेल
हयात जफर हाशमी ने समिट के दिन लखनऊ में ही दंगा भड़काने की योजना बनाई थी। इसके लिए उसने अपने सहयोगी सुल्तान के साथ उसके AVP 24 यूट्यूब चैनल में बैठक की। इसमें लखनऊ के उसके कई साथी शामिल थे। मगर, ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से दो दिन पहले ही लखनऊ में एसपीजी और पैरामिलिट्री फोर्स का पहरा हो गया। इसकी वजह से हाशमी ने प्लान बदला और कानपुर में दंगा भड़काने की योजना पर मुहर लगी।
उद्योग की नगरी से उद्यमियों को देना था संदेश
आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर यूपी का इंडस्ट्री और बिजनेस हब है। यहां से हर उद्योगपति का कनेक्शन है। लखनऊ में मुफीद हालात न मिलने पर दंगाइयों ने कानपुर को चुना, ताकि उद्योग की नगरी से उद्योगपतियों को संदेश दे सकें कि यूपी उनके लिए सुरक्षित नहीं है। वो भी तब, जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इन्हीं शहरों में हैं। इतनी बड़ी घटना को कितनी आसानी से अंजाम दिया जा सकता है यह बताना था।
देश के दुश्मनों के मोहरे हैं दंगे के साजिशकर्ता
जांच में यह तथ्य भी सामने आ रहे हैं कि यूपी में निवेशकों को किसी भी तरह रोकने और अर्थव्यवस्था को डगमगाने के लिए दंगे की साजिश रची गई। इसके लिए नूपुर शर्मा के बयान को मुद्दा बनाया गया। दंगे के लिए यूपी में सक्रिय एक संगठन के जरिए देश के बाहर से फंडिंग की गई। इस संगठन ने दंगे के साजिशकर्ताओं को मोहरा बनाया।
लखनऊ के 6 सहयोगी पुलिस की रडार पर
दंगे में मुख्य भूमिका निभाने वाले AVP 24 चैनल के मालिक और गिरफ्तार आरोपी जावेद के पार्टनर सुल्तान से लखनऊ में पुलिस ने पूछताछ शुरू की है। उसके बाकी सहयोगी चैनल का दफ्तर बंद करके फरार हो गए हैं। इंटेलिजेंस टीम ने हाशमी और जावेद के साथ साजिश में शामिल रहे लखनऊ के 6 लोगों को चिह्नित किया है। इसमें एक लेखक और दो महिलाएं शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, फंडिंग में इनकी खास भूमिका थी।