एनकाउंटर से ज्यादा गैंगस्टर एक्ट से डरे बदमाश … ? जानिए क्या है एक्ट में….

UP में 3 महीनों में 6.62 अरब रुपए की संपत्ति जब्त, जानिए क्या है एक्ट में….

UP मे भले ही इस समय एनकाउंटर काफी संख्या में हो रहे हैं। मगर, कुख्यात अपराधी इस समय पैर में गोली लगने से ज्यादा गैंगस्टर एक्ट से डरे हुए हैं। यूपी में यही एक ऐसा मुकदमा है जिसमें कुख्यातों के बंगलों, घर, कोठी, दुकान और अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चल रहा है। गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई ने यूपी के कुख्यातों की कमर तोड़ दी है।

पिछले तीन महीनों में प्रदेश में सबसे बड़ी कार्रवाई मेरठ जोन में की गई है। यहां मार्च 2022 से लेकर 31 मई 2022 तक 2 अरब 32 करोड़ 50 लाख रुपए की संपत्ति पुलिस ने जब्त की है। पूरे प्रदेश में 6 अरब 62 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त किया गया है।

यह फोटो 8 अप्रैल 2022 की है। मेरठ जोन के ADG राजीव सभरवाल, IG रेंज प्रवीण कुमार और SSP मेरठ प्रभाकर चौधरी आबूलेन चौकी पर बात करते हुए।
यह फोटो 8 अप्रैल 2022 की है। मेरठ जोन के ADG राजीव सभरवाल, IG रेंज प्रवीण कुमार और SSP मेरठ प्रभाकर चौधरी आबूलेन चौकी पर बात करते हुए।

जानिए आखिर क्या है गैंगस्टर एक्ट
SSP प्रभाकर चौधरी ने बताया कि पिछले एक साल में पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की है। अकेले सोतीगंज में चोरी और लूट के वाहन काटने वाले कबाड़ियों से ही 106 करोड़ रुपए की संपत्ति पुलिस जब्त कर चुकी है।

SSP के अनुसार, गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा थाना प्रभारी (एसओ या इंस्पेक्टर) द्वारा ही दर्ज कराया जाता है। गैंग बनाकर जब अपराधी संगीन अपराधों जैसे चोरी, लूट, हत्या, डकैती, रंगदारी, अपहरण और गैंगरेप की घटना को अंजाम देते हैं, तो ऐसे मामलो में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। इस मुकदमे में जितने भी अपराधी शामिल है, उन सभी पर यह लगाया जा सकता है।

चार्जशीट दाखिल होने के बाद लगता है गैंगस्टर

कुख्यातों पर जो मुकदमे दर्ज होते हैं, उस मुकदमे में जब विवेचक कोर्ट में आरोप पत्र यानी चार्जशीट दाखिल कर देता है, तो गैंगस्टर 2/3 की कार्रवाई की जाती है। इसके लिए SSP और DM इजाजत देते हैं। जिस थाने में थाना प्रभारी किसी अपराधी पर गैंगस्टर का केस दर्ज कराते हैं, तो उस गैंगस्टर के मामले की जांच दूसरे थाने के इंस्पेक्टर को दी जाती है।

14 (1) की धारा, जिसमें बुलडोजर चल रहे

दूसरे थाने का इंस्पेक्टर जांच के दौरान कुख्यातों का अपराधिक रिकॉर्ड, अवैध संपत्ति को खंगालती है। कितने समय से अपराध किया, अपराध से क्या अर्जित किया, ये सारी जानकारियां पता की जाती हैं। इसके बाद मजिस्ट्रेट के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट में धारा 14(1) के अनुसार, अवैध संपति को कुर्क करने, जब्त करने और सरकार से अटैच करती है। पूरे प्रदेश में कुख्यातों की जिन संपत्तियों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं, उन सभी पर इसी धारा में पुलिस कार्रवाई कर रही है।

पूरे यूपी में 790 बदमाशों पर हुई गैंगस्टर की कार्रवाई

तीन माह में शासन ने 50 और पुलिस मुख्यालय ने 12 माफियाओं को चिह्नित किया है। तीन माह में पूरे यूपी में 790 बदमाशों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई। मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव सभरवाल के अनुसार, गैंगस्टर एक्ट में संगठति अपराध को तोड़ा गया। जहां पुलिस द्वारा कड़ी से कड़ी कार्रवाई की गई। मेरठ जोन में सोतीगंज के वाहन कबाड़ी और भू माफियाओं पर पुलिस ने पूरा शिकंजा कसा।

गैंगस्टर एक्ट की मुख्य बातें

  • गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा थाना प्रभारी दर्ज करता है।
  • अपराधी को 10 साल तक की सजा दी जा सकती है।
  • एक्ट की धारा 14(1) में अवैध रूप से अर्जित संपत्ति सरकार से अटैच करने और गिराए जाने का अधिकार देती है।
  • मुकदमे का मकसद अपराधी को लंबे समय जेल में बंद रखना है।
  • गिरफ्तारी के दो साल बाद तक आरोपपत्र दाखिल किया जा सकता है।

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