President Election … पदी मुर्मू का पलड़ा कितना भारी, क्यों रेस से बाहर दिख रहे हैं यशवंत सिन्हा?

देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, इसकी असली तस्वीर तो जुलाई में चुनावों के वक्त ही खुलकर सामने आएगी। यहां हम आपको बता रहे हैं हालिया आंकड़े, चुनावी समीकरण और सियासी ऊंट फिलहाल किस ओर इशारा कर रहे हैं। आइए समझते हैं आंकड़ों में…

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। भारतीय जनता पार्टी ने एनडीए की ओर से ओडिशा की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। उधर, विपक्ष ने पूर्व वित्तमंत्री और पुराने भाजपाई नेता यशवंत सिन्हा पर दांव खेला है। ऐसे में एक बार फिर से यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी एकता भाजपा के सामने कितनी मजबूत दिखती है।

हालांकि, हालिया आंकड़ों को देखें तो द्रौपदी मुर्मू के सामने यशवंत सिन्हा कमजोर दिखाई दे रहे हैं। चुनावी गणित के लिहाज से वह रेस से बाहर होते दिख रहे हैं।  देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, इसकी असली तस्वीर तो जुलाई में चुनावों के वक्त ही खुलकर सामने आएगी। 
यहां हम आपको बता रहे हैं हालिया आंकड़े, चुनावी समीकरण और सियासी ऊंट फिलहाल किस ओर इशारा कर रहे हैं। आइए समझते हैं आंकड़ों में…
कितनी मजबूत हैं द्रौपदी मुर्मू
एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। एनडीए के पास अभी कुल 5,26,420 मत हैं। राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए मुर्मू को 5,39,420 मतों की जरूरत है। अब अगर चुनावी समीकरणों को देखें तो ओडिशा से आने के कारण सीधे तौर पर मुर्मू को बीजू जनता दल(बीजद) का समर्थन मिल रहा है। यानी बीजद के 31000 मत भी उनके पक्ष में पड़ेंगे। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पहले ही द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे चुके हैं। इसके अलावा अगर वाईएसआर कांग्रेस भी साथ आती है तो उसके भी 43000 मत उनके साथ होंगे। इसके अलावा आदिवासी के नाम पर राजनीति करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए मुर्मू का विरोध करना मुश्किल है। झामुमो दबाव में आई तो मुर्मू  को करीब 20000 वोट और मिल जाएंगे।
सिन्हा का पलड़ा कमजोर
द्रौपदी मुर्मू के सामने यशवंत सिन्हा का पलड़ा काफी कमजोर दिखाई दे रहा है। एकमत विपक्ष के उम्मीदवार होने के बाद भी उनके पास फिलहाल 3,70,709 वोट हैं। हालांकि, यह भी देखना दिलचस्प होगा कि राजग के सामने विपक्षी एकता कितने समय तक कायम रह पाती है।
यहां समझें पूरा गणित
राजग- कुल मत : 5,26,420
जीत के लिए जरूरी : 5,39,420
बीजद (31,000 मत) व वाईएसआर कांग्रेस (43,000 मत) का समर्थन मिलने पर सत्तारूढ़ राजग की स्थिति : 6,00,420
आदिवासी के नाम पर राजनीति करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए मुर्मू का विरोध करना मुश्किल। झामुमो दबाव में आई तो मुर्मू  को करीब 20000 वोट और मिल जाएंगे। अभी झामुमो को छोड़ भी दें, तो राजग के पास छह लाख से ज्यादा मत हैं।
विपक्ष : सिन्हा बहुत पीछे
विपक्ष के पास करीब 3,70,709 वोट
यूपीए : 2,59,000
टीएमसी : 58,000
सपा : 28,688
वाम दल : 25,000 वोट
देखना दिलचस्प होगा कि राजग की ओर से आदिवासी महिला उम्मीदवार उतारे जाने के बाद विपक्ष में एकता कायम रहती है या नहीं।
सिन्हा 27 तो मुर्मू 25 को कर सकती हैं नामांकन
एनसीपी चीफ शरद पवार के मुताबिक, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। वहीं सूत्रों के मुताबिक, एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू 25 जून को नामांकन दाखिल कर सकती हैं। राष्ट्रपति पद का चुनाव 18 जुलाई को होगा। वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अंतिम तिथि 29 जून है।

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