ग्वालियर : चुनाव कंट्रोलरूम में पहुंची 18 शिकायतें …?

किसी ने नाम में गड़बड़ी तो किसी ने मतदाता-सूची में नाम ही नहीं होने की शिकायत की….

ग्वालियर में पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव में होने वाली गड़बड़ियों और आपत्तियों के समाधान के लिए चुनावी कन्ट्रोल रूम कलेक्ट्रेट में बनाया गया है। जैसे-जेसे पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव अपने चरम पर आ रहे हैं शिकायतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। बीते 10 दिन में 18 शिकायतें चुनाव कन्ट्रोल रूम तक पहुंची हैं। इनमें 12 शिकायतें तो बीते तीन दिन में आई हैं। हालांकि यह शिकायत बहुत ही हल्के स्तर की है इसलिए अभी तक कोई बड़ी परेशानी प्रशासन को नहीं आई है। कभी कोई प्रत्याशी ने अपने विरोधी का नामा मतदाता सूची में नहीं होने की शिकायत की है तो किसी ने एक प्रत्याशी के नाम दो अलग-अलग जगह मतदाता सूची में होने की शिकायत की है। किसी ने शपथ में छेड़छाड़ की भी शिकायतें की है। ज्यादातर शिकायतें निराधार निकली हैं।
पंचायत से ज्यादा आई शिकायतें
– कलेक्ट्रेट मंे बनी चुनावी कन्ट्रोल रूम में बीते 10 दिन में 18 शिकायतें आई हैं। इनमें से 12 शिकायतें बीते तीन दिन में आई हैं। कन्ट्रोल रूम में आई कुल शिकायतों में से 12 शिकायतें पंचायत चुनाव से जुड़ी हैं, जबकि 6 शिकायतें नगरीय निकाय चुनाव से जुड़ी हैं। पर अभी तक कोई बड़ी शिकायत नहीं आई है न ही गंभीर शिकायतें आई हैं। ज्यादातर शिकायतें गलतफहमी या भ्रम के कारण की गई है।
यह हैं प्रमुख शिकायतें
प्रत्याशी दो जगह मतदाता, शपथपत्र में छुपाई बात
– हाल ही में नगर निगम के वार्ड-59 के भाजपा प्रत्याशी जगदीश बघेल के खिलाफ शिकायत आई थी कि उनका नाम दो जगह मतदाता सूची में है। वह जनपद सदस्य थे और बरई के रायपुर और ग्वालियर के वार्ड-56 में की मतदाता सूची में उनका नाम है। यह बात उन्होंने शपथ पत्र में छुपाई, लेकिन शिकायत कमजोर नजर आई।
प्रत्याशी का नाम गड़बड़ होने की शिकायत
– इसी तरह वार्ड-15 के प्रत्याशी बाबू खान की शिकायत हुई थी कि उनका नाम नामांकन में बाबू खान भरा गया है, जबकि उसका नाम बाबू हफीस खान है। पर इस शिकायत में भी दम नहीं निकली। प्रत्याशी का नाम और नामांकन मंे भरा गया नाम एक समान था। इसलिए इस शिकायत को भी निराकरण बस्ते में डाल दिया गया।
माता सूची में नाम नहीं
– कन्ट्रोल रूम में आई पंचायत चुनाव से जुड़ी 12 शिकायतों में से आधी में सिर्फ यही शिकायत की गई थी कि विरोधी प्रत्याशी का नाम उनके गांव की मतदाता सूची में ही नहीं है, लेकिन यह गलहफहमी या रंजिशन की गई शिकायतें थीं। जिसकी जांच की गई और तत्काल निराकरण किया गया है।
अफसरों का कहना
– एसडीएम विनोदा भार्गव ने बताया कि चुनाव कन्ट्रोल रूम में आने वाली शिकायतांे को तत्काल जांच में लेकर पूरी पड़ताल कराई जाती है। जो तथ्य निकलकर सामने आते हैं उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है।

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