पेचीदगी …? अपने सामान की देखरेख में ना बरतें लापरवाही, क्योंकि; चोरी के बाद मिल भी गया तो सामान वापस लेने के लिए देनी होगी जमानत

  • न्यायालयीन आवश्यक प्रक्रिया के चलते आ रही दिक्कत, मालखाने में खराब हो रहा है सामान
  • सामान बरामद होने के पास उसकी सुपुर्दगी के लिए आपको न्यायालय में आवेदन देना पड़ेगा

अगर आप बाजार, रेलवे स्टेशन या फिर काम से कहीं जाते हैं, तो अपने कीमती सामान का विशेष ख्याल रखें। कारण- यदि आपका सामान चोरी हो गया और पुलिस ने उसे ढूंढ भी लिया तो भी आपको सामान वापस प्राप्त करने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे। दरअसल, सामान बरामद होने के पास उसकी सुपुर्दगी के लिए आपको न्यायालय में आवेदन देना पड़ेगा।

चूंकि, आपका सामान केस में महत्वपूर्ण साक्ष्य होता है, इसके चलते न्यायालय आपके सामान को जमानत भरने की शर्त पर देने का आदेश देता है। साथ ही ये भी स्पष्ट करता है कि मामला खत्म होने से पहले ना तो उसे बेचा जाए, ना ही उसमें किसी प्रकार का बदलाव कराया जाए। इन शर्तों से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पढ़िए भास्कर की रिपोर्ट।

केस 1- 6 लाख की जमानत, इतनी ही राशि का सुपुर्दगीनामा, तब मिले आभूषण

33 वर्षीय अर्पिता गुप्ता 2 मई 2022 को ग्वालियर से झांसी जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंची। ट्रेन में सवार होने के दौरान कुछ महिलाओं ने उनका पर्स चुरा लिया, जिसमें सोने के आभूषण, हीरे की अंगूठी व नगद पैसे थे। जीआरपी ने तत्परता दिखाते हुए महिलाओं से सामान बरामद कर लिया। अर्पिता गुप्ता ने जब आभूषण के लिए न्यायालय में आवेदन दिया तो 6 लाख रुपए का स्वयं का सुपुर्दगीनामा और इतनी ही राशि की जमानत भरने की शर्त पर आभूषण सुपुर्द करने का आदेश दिया।

केस 2- 12 हजार का मोबाइल, इसलिए इतनी ही राशि का सुपुर्दगीनामा

अभिषेक कुमार आठ मई को ग्वालियर रेलवे स्टेशन गया था। अभी वह प्लेटफार्म पर खड़ा होकर ट्रेन का इंतजार कर रहा था, तभी एक युवक अभिषेक के हाथ से मोबाइल लेकर भाग गया। हालांकि, कुछ दिन बाद जीआरपी ने मोबाइल बरामद कर लिया। युवक ने मोबाइल प्राप्त करने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया, बताया कि ट्रायल में समय लगेगा। लंबे समय तक मोबाइल जब्त रहा तो खराब होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इस पर न्यायालय ने मोबाइल की कीमत (12 हजार) के बराबर सुपुर्दगीनामा देने की शर्त पर राहत प्रदान की।

इसलिए जरूरी सामान वापसी

सामान चोरी होने के बाद यदि पुलिस उसे बरामद कर ले तो कोर्ट में आवेदन देकर वापस लेने में ही समझदारी है। कारण- मालखाने में माल के खराब होने के साथ ही चोरी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसा ही एक मामला 80 के दशक में उपनगर ग्वालियर में हुआ था। एक परिवार के यहां डाका डला था। बाद में पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर हीरे-जेवरात बरामद किए थे। इनका मूल्य उस समय 80 लाख आंका गया था। हालांकि, बाद में पता चला कि मालखाने से जेवरात चोरी हो गए। ये मामला अभी भी विचाराधीन है।

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