भोपाल : इसकी टोपी, उसके सिर… ? पहले बीएलओ, फिर निगम के वार्ड प्रभारी और अंत में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंप दिया था वोटर पर्ची बांटने का जिम्मा

नगर निगम चुनाव में 6 जुलाई को 50 हजार से ज्यादा मतदाता वोट नहीं डाल पाए। लोगों की शिकायत थी उनके घर मतदाता पर्ची पहुंची ही नहीं। भास्कर ने इसकी पड़ताल की तो पता चला वोटर पर्ची बांटने में हर स्तर पर लापरवाही की गई। सबसे पहले तो चुनाव से ठीक चार दिन पहले नगर निगम सीमा के 2160 बीएलओ को पर्ची बांटने का काम सौंपा गया।

एक बीएलओ के पास 1200 से ज्यादा वोटर पर्ची बांटने की जिम्मेदारी थी। यानी 17 लाख से ज्यादा वोटर पर्ची बांटनी थी। लेकिन इसी बीच इनकी ड्यूटी ईवीएम कमिशनिंग में और 5 जुलाई को मतदान दलों को सामग्री बांटने लगा दी गई। यानी एक बीएलओ को तीन-तीन जिम्मेदारी। इसी बीच हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद करीब 1600 केंद्रीय कर्मचारियों को ड्यूटी से हटा दिया गया। आनन-फानन में रिजर्व कर्मचारियों को बुलाया गया। जैसे-तैसे मतदान दलों को रवाना किया गया। सामग्री बांटने में ही शाम हो गई।

हंगामा हुआ तो वार्ड प्रभारियों को सौंप दिया पर्ची बांटने का काम
4 जुलाई से वोटर पर्ची नहीं बांटने को लेकर हंगामा शुरू हुआ तो सभी एसडीएम ऑफिस से पर्ची बांटने काम नगर निगम के वार्ड प्रभारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हवाले कर दिया गया। बीएलओ ने वार्ड प्रभारियों के पास पहुंचकर अपने एरिया की वोटर पर्ची सौंपी और चुनाव ड्यूटी पर रवाना हो गए।

वार्ड प्रभारियों के पास भी चुनाव का अतिरिक्त काम था। उनको हर पोलिंग बूथ पर पीने के पानी, कर्मचारियों के रुकने से लेकर उनके खाने तक का इंतजाम करना था। इसलिए उन्होंने वोटर पर्ची को गंभीरता से नहीं लिया। ये काम वार्ड के दूसरे कर्मचारियों को थमा दिया।

6 जुलाई को जब हंगामा मचा तो वार्ड प्रभारियों ने कर्मचारियों से पूछा कि पर्ची का क्या हुआ। सभी ने एक ही जवाब दिया- बांट दी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी कहा कि हमने पर्ची बांट दी, लेकिन इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है।

अब घर-घर जाकर पर्ची देने के बाद वोटर के साइन भी ले रहे

अब वोटर पर्ची को लेकर हुए बवाल के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी कलेक्टर्स को पत्र लिखा है कि वोटर पर्ची बांटने के बाद उसके रिकॉर्ड से आयोग को अवगत कराएं। इस पत्र के बाद बैरसिया में 13 जुलाई को होने वाले नपा चुनाव से पहले वोटर पर्ची डो-टू-डोर दी जा रही है। इसका रिकॉर्ड भी मेंटेन किया जा रहा है। वोटर को पर्ची मिली है, इसको लेकर रजिस्टर पर साइन कराया जाना, शुक्रवार से शुरू हुआ है।

डाटा अपडेट नहीं था इसलिए भी हुई गड़बड़ी
ऐनवक्त पर चुनाव घोषित हुए इसलिए विस चुनाव की वोटर लिस्ट का डाटा लेकर लिस्ट अपडेट कर दी। मई में वोटर लिस्ट के प्रकाशन के बाद दावे-आपत्ति के लिए वार्ड में ये सूची रखवाई गई थी। लेकिन इस दौरान न तो राजनीतिक दलों ने ध्यान दिया और न अफसरों ने दिलचस्पी दिखाई।

सभी एसडीएम से मांगी गई है जांंच रिपोर्ट
वोटर पर्ची बनवाने की जिम्मेदारी सभी एसडीएम को दी गई थी। इसलिए इस मामले में सभी एसडीएम से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-संजय श्रीवास्तव, उप जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल

वार्ड प्रभारी बोले-

  • वार्ड 8 के अधिकारी खलील खान ने बताया कि उनके पास 5 जुलाई को वोटर पर्ची आई थी। छह जुलाई को मतदान था। उनकी ड्यूटी भी लगी हुई थी। इसलिए एक कर्मचारी को वोटर पर्ची बांटने की जिम्मेदारी दी थी। उसने बताया था कि पर्ची बांट दी हैं।
  • वार्ड 11 के प्रभारी कृष्ण कुमार ने बताया कि 900 पर्ची पांच जुलाई को मिली थी। इनको बांटने काम कर्मचारी सीताराम को दिया था। उन्हें बताया गया कि सीताराम ने पर्ची बांट दी होगी।
  • वार्ड 12 के प्रभारी आशीष ने बताया कि 700 से ज्यादा पर्ची मिली थी, जो मतदाताओं तक पहुंचा दी थी।

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