PNC : मौत का नेशनल हाइवे …?

मौत का नेशनल हाइवे, छह माह में निगल गया 50 की जिंदगी….
मोड़ पर नहीं लगाए संकेतक, गड्ढों की मरम्मत भी नहीं….

भिण्ड. नेशनल हाइवे 719 पर बरही से मालनपुर तक 36 से ज्यादा हादसा पॉइंट हैं। इन पर गुजरे छह माह में हुए लगभग 40 सड़क हादसों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके प्रशासनिक स्तर पर हादसा पॉइंट चिन्हित कर जानलेवा दुर्घटनाओं को रोकने के इंतजामात नहीं किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि बरही एवं टोल बैरियर के बीच रानीपुरा तिरहा, कपूरपुरा के पास, फूप में भदाकुर तिराहा, प्रतापपुरा तिरहा, क्वारी नदी के पास कनकूरा, डिडी एवं भिण्ड शहर में इंदिरा गांधी चौराहा, बायपास पर चक्कर वाली पुलिया, भारौली तिराहा, बीटीआई सीतानगर चौराहा, दबोहा मोड़, सैमरपुरा मोड़, गिजुर्रा तिराहा, मेहगांव में गढ़ी का बंबा तिराहा, ज्ञानंदपुरा, कृषि उपज मंडी तिराहा, उपजेल तिराहा, बरहद मोड़ तथा गोहद चौराहा अंतर्गत जैतपुरा तिराहा, गिंगरखी, बिरखड़ी, छीमका, सर्वा के अलावा मालनपुर क्षेत्र में आधा दर्जन जगहों पर आए दिन जानलेवा हादसे हो रहे हैं।

 

दबोहा मोड़ हाइवे का हादसा पॉइंट
हाइवे पर राधाकृष्ण मंदिर के निकट का हादसा पॉइंट
हाइवे किनारे मोड़ एवं तिराहों पर लगाने के लिए मंगाए गए संकेतक

जीर्णशीर्ण फुटपाथ, झाड़ झंखाड़ भी नहीं काटे रहे…..

विदित हो कि नेशनल हाइवे के दोनों साइड के फुटपाथ जीर्णशीर्ण हो रहे हैं। ऐसे में वाहन पास करते वक्त किनारे पर वाहन के पहुंचने पर उसके पलटने की आशंका बनी रहती है। वहीं किनारों पर उग आए झाड़ झंखाड़ के कारण साइकिल व बाइक सवार बड़े वाहन से बचने के लिए फुटपाथ का सहारा नहीं ले पाते। नतीजतन अकसर हादसे का शिकार हो जाते हैं। यह समस्या रात के वक्त और भी अधिक बढ़ जाती है। हालांकि हाइवे अथॉरिटी के अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने संकेतक बोर्ड लगाने का काम शुरू कर दिया है। साथ ही सडक़ मरम्मत व झाड़ियां कटवाने का काम भी कराया जा रहा है।

चिन्हित नहीं हो पाए खतरनाक पॉइंट, हादसे में ज्यादातर बाइक सवार गंवा रहे हैं जान

हाइवे पर पड़ने वाले मोड़ एवं तिराहों पर संकेतक बोर्ड जो पूर्व में लगाए गए थे। वह ज्यादातर जर्जर होकर नष्ट हो गए हैं। ऐसे में मोड़ वाले स्थलों पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसके अलावा सडक़ पर हुए गड्ढों को भरवाने का काम भी हाइवे अथॉरिटी की ओर से नहीं कराया जा रहा है। लिहाजा रात के वक्त अचानक गड्ढे में पहिए के चले जाने पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।

नहीं कराई जा रही ब्रीथ एनालाइजिंग : विदित हो कि रात के वक्त अधिकांश ट्रक व डंपर चालक नशे की अवस्था में वाहन चलाते देखे जा रहे हैं। ऐसे में सड़क किनारे चलने वाले साइकिल या बाइक सवार के अलावा पैदल राहगीर भी उन्हें चींटी के समान ही लगता है। वाहन को नियंत्रित चलाने के बजाए तेज गति में दौड़ाकर कुचलकर आगे बढ़ जाते हैं।

ब्लैक स्पॉट भी चिन्हित कराए जा रहे हैं। साथ ही 18 लाख रुपए की लागत के संकेतक बोर्ड भी मंगाए गए हैं जो शीघ्र ही संबंधित स्थलों पर नजर आएंगे। झाड़ियां कटवाने व रोड की मरम्मत का कार्य भी शुरू कराया गया है।

अमित राठौर, प्रबंधक टोल प्लाजा

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