बायपास पर डिवाइडर में घुसी DPS स्कूल की बस, सीएम को लिखा लेटर

बस एक्सीडेंट पर पॉलिटिक्स…

बस हादसे को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सीएम को लेटर लिखा है कि वे इस मामले में इंदौर आरटीओ और स्कूल के खिलाफ FIR करने का आदेश दे। इस बस हादसे ने 2018 में हुए बस हादसे की याद एक बार फिर ताजा कर दी। बुधवार को हुए इस बस हादसे से इंदौर की राजनीति में भी उबाल आ गया है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया कि 2018 में DPS स्कूल बस से कुछ बच्चे काल के ग्रास में समा गए थे। आज भी इसी स्कूल की बस हादसे का शिकार हुई है। गनीमत यह थी कि इसमें स्कूल के बच्चे नहीं थे। उनका आरोप है कि बिना स्पीड गवर्नर के बसें चल रही है। कई बस ड्राइवर ऐसे हैं जिनकी आंखें कमजोर है। ऐसे में ड्राइवर को दूर का कम दिखता है या धुंधला दिखता है। इससे कभी भी हादसा होने का डर बना रहता है।

सीएम को लिखा लेटर FIR की डिमांड
इस मामले में प्रदेश सचिव ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी लेटर लिखा है और मांग की है कि इस मामले में इंदौर आरटीओ और स्कूल के खिलाफ FIR दर्ज की जाए। साथ ही स्कूल के बसों के साथ ड्राइवरों का वैरिफिकेशन भी आवश्यक रूप से कराने की डिमांड की। यह नियम सभी स्कूल बसों के लिए लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके पहले हुए बस हादसे के बाद सीएम ने बड़ी-बड़ी बातें कहीं थी मगर कुछ ही वक्त बाद सभी बातें ठंडे बस्ते में चली गई।

सीएम को लिखा लेटर
सीएम को लिखा लेटर

आरटीओ भ्रष्टाचार का अड्‌डा- प्रदेश सचिव का आरोप
प्रदेश सचिव यादव का आरोप है कि इंदौर आरटीओ ने आरटीओ दफ्तर को भ्रष्टाचार का अड्‌डा बना दिया है। उन्होंने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के संरक्षण में जमकर भ्रष्टाचार होने का आरोप भी लगाया। स्कूल बसों का निरीक्षण और फिटनेस और ड्राइवरों के लाइसेंस की जांच के साथ ही स्कूल बस ड्राइवरों का आई टेस्ट करना आरटीओ की जिम्मेदारी है, लेकिन आरटीओ के कर्मचारियों द्वारा ऑफिस में बैठकर ही बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट साठगांठ कर जारी कर दिया जाता है।

2018 में हुआ था बस हादसा

5 जनवरी 2018 को डीपीएस स्कूल की बस हादसे में 5 की मौत हो गई थी।
5 जनवरी 2018 को डीपीएस स्कूल की बस हादसे में 5 की मौत हो गई थी।

2018 में DPS बस हादसा हुआ था। जिसमें पांच जानें काल के ग्रास में सजा गई थी। हादसे में कई परिवार ने अपने मासूमों को हमेशा-हमेशा के खो दिया था। 2018 में बस डिवाइडर क्रॉस कर दूसरी तरह से आ रहे ट्रक से जा टकराई थी। इस बार भी बस डिवाइडर पर चढ़कर रोड के दूसरी तरह चली गई थी। इसके बाद बसों की जांच को लेकर मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए थे। कांग्रेस का कहना है कि इसके बाद भी बसें नियमों से नहीं चल रही हैं।

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