MP में नहीं मिल रहीं लाइफ सेविंग मेडिसिन …?
सरकारी अस्पतालों में ग्लव्ज, ORS, एंटी रैबीज वैक्सीन तक नहीं, बिगड़ रहे हालात….
मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बाढ़ के कारण बीमारियां फैल रही हैं। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में दवाओं का टोटा है। इससे मरीजों के भटकना पड़ रहा है। पिछले करीब एक महीने से अस्पतालों में ग्लव्ज की सप्लाई नहीं हो पा रही। डॉक्टरों का कहना है कि रेट कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो जाने से सप्लायर ने सप्लाई रोक दी है। इसके अलावा अस्पतालों में ओआरएस, एंटी रैबीज वैक्सीन समेत तमाम जीवनरक्षक दवाओं का संकट है। जिलों के सीएमएचओ और सिविल सर्जन विभाग के अफसरों को कई बार पत्र लिख चुके हैं।
विदिशा जिला अस्पताल- एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं
विदिशा के सिविल सर्जन ने हेल्थ डायरेक्टर को पत्र लिखा है। सिविल सर्जन के मुताबिक बीते मार्च में जिला अस्पताल को 1300 एंटी रैबीज इंजेक्शन मिले थे। जून तक ये खत्म हो चुके हैं। 60 इंजेक्शन सीएमएचओ ने भी भेजे थे, लेकिन वे भी खत्म हो गए। ऐसे में सिविल सर्जन ने लोकल परचेज की अनुमति मांगी है। अस्पताल में हर महीने 400 एंटी रैबीज इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है।
सीहोर जिला अस्पाल के अधीक्षक ने मांगे 5 हजार इंजेक्शन
पिछले महीने सीहोर जिला अस्पताल के अधीक्षक ने हेल्थ कॉर्पोरेशन के एमडी को पत्र लिखकर एंटी रैबीज वैक्सीन न होने की जानकारी दी थी। इसके साथ ही अगले तीन महीनों में करीब 5 हजार एंटी रैबीज इंजेक्शन की जरूरत के मुताबिक सप्लाई कराने के लिए लेटर लिखा था। अधीक्षक के मुताबिक अस्पताल में रैबीज वैक्सीन न मिलने के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है।
सागर जिला अस्पताल- ऑर्डर के बाद भी नहीं हो रही सप्लाई
अस्पतालों में दवाओं की कमी से सागर जिला अस्पताल के अधीक्षक भी परेशान हैं। पिछले साल ऑर्डर करने के बाद भी अस्पताल में दवाओं की सप्लाई नहीं हो रही है। सिविल सर्जन ने हेल्थ कॉर्पोरेशन को लेटर लिखकर 44 दवाओं की लिस्ट और परचेज ऑर्डर की जानकारी सहित लेटर भेजा है। अस्पताल में बेंडेज, नॉर्मल सलाइन जैसी साधारण दवाओं का संकट है। ऑर्डर करने के बाद सप्लायर को सिविल सर्जन कई बार फोन कर चुके हैं, इसके बाद भी सप्लाई नहीं हो रही है।
पन्ना में पैरासिटामोल, ओआरएस तक नहीं
दवाओं की सप्लाई के लिए पन्ना के सिविल सर्जन ऑर्डर कर चुके हैं। बावजूद सप्लायर्स को कई बार फोन करने के बाद भी दवाओं की सप्लाई नहीं हो रही है। अस्पताल में ओपीडी पेशेंट्स और भर्ती मरीजों के लिए जरूरी दवाओं की कमी से परेशानी बनी हुई है। दो हफ्ते पहले पन्ना के सिविल सर्जन ने हेल्थ कॉर्पोरेशन को लेटर भेजकर 13 आइटम्स की सप्लाई नहीं हो रही। परचेज ऑर्डर के बाद सप्लाई करने की समयसीमा गुजरने के बाद भी दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। यहां पैरासिटामोल और ओआरएस तक नहीं है।
दो महीने से ग्लव्ज नहीं
भोपाल समेत प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में दो महीनों से ग्लव्ज की सप्लाई नहीं हो पा रही। ऐसे में अस्पतालों के इंचार्ज डॉक्टरों को अपने स्तर से ग्लव्ज खरीदना पड़ रहा है। सिविल सर्जन को मौखिक रूप से लोकल परचेजिंग के लिए कहा गया है, लेकिन लिखित आदेश न होने के कारण वे खरीदी नहीं कर रहे। भोपाल में हेल्थ कॉर्पोरेशन के सप्लायर द्वारा सप्लाई न करने के बाद जेम पोर्टल से ग्लव्ज मंगाए जा रहे हैं।
बीमारियों के मौसम में ओआरएस तक नहीं
बारिश के मौसम में बीमारियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं। बीमारियों के इस मौसम में भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में ओआरएस पावड़र तक नहीं हैं। दूषित पानी की वजह से बारिश के मौसम में उल्टी, दस्त और डायरिया के मरीज बढ़ने लगते हैं। भोपाल, पन्ना, जबलपुर, होशंगाबाद सहित कई जिलों में डिहाइड्रेशन से बचाने वाला ओआरएस तक नहीं हैं।

मुरैना में डिलेवरी में लगने वाले आयटम नहीं
दवाओं की कमी से परेशान होकर मुरैना जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य विभाग को रिमाइंडर लेटर लिखा है। सिविल सर्जन के मुताबिक अस्पताल में डिलेवरी कराने में लगने वाली दवाएं और आइटम नहीं हैं। अस्पताल में IV Set एडल्ट और चिल्ड्रन, IV केन्युला नहीं हैं। यही नहीं प्रसूति विभाग में टेप, ऑब्जरवेंट कॉटन वूल, बीबी सिल्क और ग्लव्ज नहीं हैं। सिविल सर्जन ने लेटर में लिखा ऐसे में अस्पताल चलाना मुश्किल हो रहा है। मरीजों से सामान बाहर से मंगाने की नौबत आ गई है।