सिख दंगे की जांच करने वाले DIG का ट्रांसफर …? कानपुर में पूर्व मंत्री के भतीजे समेत रसूखदारों के खिलाफ दाखिल की थी चार्जशीट

कानपुर में सिख दंगे में ताबड़तोड़ गिरफ्तारी करने वाले DIG बालेंदु भूषण का शुक्रवार को ट्रांसफर कर दिया गया। वह कानपुर में 1984 के सिख विरोधी दंगे की जांच कर रही SIT के चीफ थे। सिख दंगे के 38 साल बाद एसआईटी की जांच में अब तक 28 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।

सिर्फ यही नहीं, घाटमपुर निवासी पूर्व मंत्री शिवनाथ कुशवाहा का भतीजा राघवेंद्र कुशवाहा समेत 15 से ज्यादा रसूखदार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई है। उनकी गिरफ्तारी होनी है। हालांकि, नाम सामने आने के बाद से सभी फरार हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही थी।

इसी बीच, डीआईजी के ट्रांसफर की खबर आने से सिख समाज नाराज है। सिख समाज ने CM योगी को DIG का ट्रांसफर रोकने के लिए पत्र लिखा है। बालेंदु भूषण का ट्रांसफर DIG लॉजिस्टिक, लखनऊ के पद पर किया गया है।

गुरुद्वारा बाबा नामदेव समिति ने ट्रांसफर रोकने के लिए सीएम को लिखा पत्र।
गुरुद्वारा बाबा नामदेव समिति ने ट्रांसफर रोकने के लिए सीएम को लिखा पत्र।

कानपुर में सिख दंगे से जुड़े 40 मुकदमे दर्ज हुए थे
कानपुर में हुए सिख दंगों में 127 सिखों की हत्या हुई थी। उस दौरान हत्या, लूट और डकैती के 40 मुकदमे दर्ज हुए थे। पुलिस ने इनमें से 29 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। सिखों की मांग पर शासन ने 27 मई, 2019 को विशेष जांच दल यानी SIT बनाई।

SIT के प्रभारी DIG बालेंद्रु भूषण ने 38 साल पुराने मामलों में 3 साल में ही 11 मामलों को चार्जशीट तक पहुंचा दिया। साथ ही, 28 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही थी।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा कानपुर-बुंदेलखंड की क्षेत्रीय मंत्री नीतू सिंह और गुरुद्वारा बाबा नामदेव समेत अन्य संगठनों से मुख्यमंत्री को चिट्‌ठी लिखी है। कार्रवाई पूरी होने तक DIG का ट्रांसफर रोकने की मांग की गई है। उनका कहना है कि अगर जरूरत पड़ी, तो वे लोग सड़क पर उतरकर ट्रांसफर रोकने के लिए संघर्ष करेंगे।

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने भी सीएम को पत्र।
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने भी सीएम को पत्र।

फरार चल रहा है मंत्री का भतीजा और अन्य
पूर्व मंत्री शिवनाथ कुशवाहा का भतीजा राघवेंद्र कुशवाहा समेत 15 से ज्यादा रसूखदार आरोपियों की गिरफ्तारी होनी है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि राघवेंद्र को बचाने के लिए तीन रिटायर DGP तक फोन कर चुके हैं। इसके अलावा, कई बडे़ सफेदशपोश ने भी फोन किया। बताया जा रहा है कि देर रात ट्रांसफर की सूचना मिलने के दौरान भी एसआईटी की टीम राघवेंद्र समेत कई आरोपियों को गिरफ्तारी के लिए दबिश दी थी।

कानपुर सिख दंगे के दौरान का फाइल फोटो
कानपुर सिख दंगे के दौरान का फाइल फोटो

11 केस में चार्जशीट, 96 आरोपी
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर में सिख विरोधी दंगा भड़क गया था। इसमें 127 सिखों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। मामले की जांच कर रही SIT ने 11 केस में कुल 96 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें से 22 की मौत हो चुकी है। बाकी बचे 74 लोगों में 28 लोग पकड़े जा चुके हैं। 20 आरोपी बेहद बीमार और बुजुर्ग हैं।

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