निकाय चुनाव:25 जगह भाजपा के मुस्लिम कैंडिडेट ने कांग्रेस के हिंदू उम्मीदवारों को हराया

  • 209 निकायों में मुस्लिम उम्मीदवार हार गए, लेकिन वे दूसरे नंबर पर रहे, दो निर्विरोध भी रहे
  • अनूपपुर में भाजपा के अब्दुल कलाम ने कांग्रेस के अशोक त्रिपाठी को हराया

भाजपा ने 380 मुस्लिम उम्मीदवारों को दिया पार्षद का टिकट, 92 जीते।

प्रदेश में अब तक 6 बार हुए नगरीय निकाय चुनावों में यह पहला मौका है जब भाजपा ने शहर की सरकार बनाने मुस्लिमों से एतराज नहीं किया। प्रदेश में 6671 पार्षदों में से 380 मुस्लिमों को टिकट दिया, जिनमें 92 ने जीत दर्ज की है। करीब एक दर्जन से ज्यादा ऐसे नगरीय निकाय (नपा और नगर परिषद) हैं जिनमें जीते हुए मुस्लिम पार्षद शहर की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

भाजपा के 25 मुस्लिम पार्षदों ने कांग्रेस के द्वारा चुनाव लड़े हिंदू उम्मीदवारों को हराया। 2 निर्विरोध रहे। 209 निकायों में मुस्लिम उम्मीदवार हार गए, लेकिन वे दूसरे नंबर पर रहे। अनूपपुर में भाजपा के अब्दुल कलाम ने कांग्रेस के अशोक त्रिपाठी को हराया। कटनी में मो. अयाज ने कांग्रेस के मोहनलाल को हराया।

उज्जैन के भाजपा की आबिदा बी ने कांग्रेस की वैशाली को हरा दिया। छतरपुर में अकरम खान और अनीषा खान निर्विरोध जीते। ग्वालियर,खंडवा, बुरहानपुर में 4-4, छतरपुर, टीकमगढ़, खंडवा, देवास, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर में 2-2 उम्मीदवार जीते। भोपाल, इंदौर और जबलपुर में सामान्यतौर पर मुस्लिमों को उम्मीदवार नहीं बनाया गया।

कांग्रेस ने 450 मुस्लिम उम्मीदवारों को दिया टिकट, जिनमें से 344 जीते

नगरीय निकायों में कांग्रेस ने 450 मुस्लिम उम्मीदवारों को पार्षद का टिकट दिया, जिनमें से 344 जीते। कांग्रेस ने पिछले 2014 की तुलना में इस बार ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया। 2014 में करीब 400 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में थे।

गजट नोटिफिकेशन के बाद 15 दिन में सरकार का गठन होगा

भाजपा के अल्पसंख्यक जीते इन पार्षदों की अहम भूमिका 331 नगरीय निकायों में गजट नोटिफिकेशन होने के बाद 15 दिन के भीतर नगर सरकार में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनने में होगी। प्रदेश में पंचायती राज अधिनियम 1994 में लागू होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक 6 मर्तबा नगर सरकार के चुनाव कराए गए, उस दौरान सामान्यत: भाजपा हिंदू उम्मीदवारों को ही टिकट देती रही। इस बार 380 नगर सरकार में पार्षदों को टिकट दिए, जिनमें से 92 में जीत दर्ज की।

1.64% कम वोटिंग और भाजपा के हाथ से निकलीं 7 नगर निगम

पिछली बार यानी 2014-15 में हुए नगरीय निकाय चुनावों में 60.41 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, इस बार 2022 में वोटिंग का परसेंटेज 62.05 रहा। यानी 1.64 प्रतिशत कम वोटिंग होने से भाजपा के हाथ से 7 नगर निगम निकल गए जिसमें से 5 पर कांग्रेस, 1 निर्दलीय और 1 आम आदमी पार्टी ने जीता। 2014 में 98 नगर पालिका के चुनाव में भाजपा ने 54 नगरपालिकाएं जीती थी जो कुल 55 प्रतिशत था। 2022 के चुनाव में 76 नगर पालिका में से 65 पर जीत दर्ज की जो 85 प्रतिशत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *