5G Auction: 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी ने बदनाम किया, 3जी व 4जी ने खजाना भरा, जानिए 5जी से कितनी होगी कमाई?
5G Auction: सरकार की सबसे ज्यादा बदनामी 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के बाद हुई। 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी एक तरह से देश की सबसे बदनाम नीलामी भी रही। 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में घोटाले की खबर आने के बाद तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की काफी फजीहत हुई थी ..
दूरसंचार मंत्रालय ने देश में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू कर दी है। मंगलवार 26 जुलाई से शुरू हुई नीलामी में देश की अग्रणी कंपनी रिलायंस, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी इंटरप्राइजेस भाग ले रहीं हैं। इस बार 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के दौरान सरकार कुल 72 Ghz स्पेक्ट्रम की नीलामी करने जा रही है। इसका मूल्य करीब 4.3 लाख करोड़ रुपये है। सरकार को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से करीब एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की उम्मीद है। 5जी स्पेट्रम की नीलामी से पहले देश में 2जी, 3जी और 4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हो चुकी है। आइए जानते हैं देश में अब तक अलग-अलग स्पेक्ट्रम नीलामी में सरकार को कितनी कमाई हुई है?
2जी स्पेक्ट्रम नीलामी
बीते सभी नीलामी में सरकार को अच्छी खासी कमाई हुई थी, पर सरकार की सबसे ज्यादा बदनामी 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के बाद हुई। 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी एक तरह से देश की सबसे बदनाम नीलामी भी रही। 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में घोटाले की खबर आने के बाद तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की काफी फजीहत हुई थी। इस मामले में केंन्द्रीय मंत्री और बड़े नेताओं को जेल जाना पड़ा था। 2जी स्पेक्ट्रम में गड़बड़ी सामने आने के बाद टाइम मैगजीन ने उसे अमेरिका के वाटरगेट स्कैंडल के बाद सत्ता का सबसे बड़ा दुरुपयोग बताया था।
सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में हुए घोटाले के कारण सरकार के खजाने को लगभग 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने ट्रायल काेर्ट के सामने 80 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। वहीं तत्कालीन कैग विनोद राय ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के दौरान औने-पौने दामों पर कंपनियों को स्पेक्ट्रम दे दिए गए, इससे सरकार को 1.76 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। इस मामले में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके सुप्रीमो दिवंगत के करुणानिधि की बेटी कनिमोझी जैसे लोगों को आरोपित बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2008 में जारी 122 2जी लाइसेंस को कैंसिल करने का फैसला सुनाया था।
2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से कितनी कमाई हुई?
2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में हुई गड़बड़ी के बाद सरकार ने साल 2014 के फरवरी महीने में 2जी स्पेक्ट्रम की दोबारा नीलामी की थी। दस दिनों तक चली इस नीलामी में 68 राउंड बोलियां लगाईं गई। नीलामी की प्रकिया समाप्त होने पर सरकार को कुल 61162 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई। इस नीलामी में सुप्रीम कोर्ट ने जो 122 लाइसेंस कैंसिल किए थे उनके लिए बोली लगाई गई थी।
3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी
3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी साल 2022 में हुई थी। 34 दिनो तक चली इस नीलामी में कुल 183 बोलियांं लगाई गईं। सरकार को इस नीलामी से 67719 करोड़ रुपये की बंपर कमाई हुई। इस नीलामी से देश में वीडियो कॉलिंग और हाईस्पीड इंटरनेट का रास्ता खुला था। 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में एयरटेल और रिलायंस कम्यूनिकेशंस ने 13-13 सर्किलों के लिए स्पेक्ट्रम हासिल किया था। वहीं इस नीलामी के दौरान वोडाफोन एस्सार नौ सर्किल, आइडिया सेल्युलर 11 सर्किल और टाटा ग्रुप नौ सर्किल का लाइसेंस लेने में सफल रहा था।
4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से सरकार के खजाने में बरसे पैसे
4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की प्रक्रिया पिछले साल ही पूरी हुई है। यह नीलामी महज दो दिनों में ही पूरी हो गई। इस दौरान छह राउंड में 4जी स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाई गई थीं। 4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से सरकार को लगभग 77800 रुपये की आमदनी हुई। साल 2021 के जुलाई महीने में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों ने एक्सपायर हो रहे लाइसेंस के रिनुअल के लिए बोलियां लगाई थी। आपको बता दें कि 4जी स्पेक्ट्रम की पहली नीलामी साल 2015 में हुई थी, उससे सरकार को 113932 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से एक लाख करोड़ रुपये कमाई की उम्मीद
देश में पहली बार 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी मंगलवार 26 जुलाई को शुरू हुई। 4जी की तुलना में दस गुना तेज स्पीड वाली 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में अंबानी, अदाणी, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपिनियों के होड़ में शामिल होने से मामला दिलचस्प हो गया है। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के दौरान दूरसंचार मंत्रालय 72 Ghz स्पेक्ट्रम की नीलामी करने जा रही है। सरकार की ओर से इसका मूल्य 4.3 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। इस नीलामी के तहत निचली फ्रीक्वेंसी बैंड में 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, मिड फ्रीक्वेंसी बैंड में 3300 MHz और हाई फ्रीक्वेंसी बेंड में 26 Ghz स्पेक्ट्रम की नीलामी की जानी है। ये नीलामी 20 साल की अवधि के लिए होनी है। सरकार को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से लगभग एक लाख करोड़ रुपये की आमदनी होने का अनुमान है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने भी 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से बढ़िया कमाई की उम्मीद जताई है।