7000 लोगों को एक दिन पहले छोड़ना होगा घर …?
ब्लास्ट के दिन 10 किमी रेडियस नो फ्लाईट जोन और बिजली सप्लाई रहेगी बंद…
नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावरों को ध्वस्त करने से एक दिन पहले ही करीब 7000 हजार लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ सकता है। इसे इवेक्यूवेशन प्लान में शामिल किया गया है। एडिफिस इंजीनियरिंग और पुलिस प्रशासन यही चाहता है। उनका कहना है कि ब्लास्ट के दिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों को 100 मीटर रेडियस से बाहर करना काफी मशक्कत का काम है।
इसलिए एक बैठक आरडब्ल्यूए , एडिफिस इंजीनियरिंग और पुलिस के बीच अगले सप्ताह नोएडा प्राधिकरण में होगी। बताया गया कि इन लोगों के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी।
1396 फ्लैट होंगे खाली
टावरों को ब्लास्ट करने से पहले सुपरटेक एमराल्ड के 14 टावरों में 660 फ्लैट और एटीएस में 736 फ्लैट बने है। इन फ्लैटों में सामान को छोड़कर सभी लोग और पालतू जानवरों को भी यहां से जाना होगा। 100 मीटर की रेडियस में बेसमेंट और सरफेस पार्किंग खाली रहेंगे। इन वाहनों को दूसरे स्थान पर खड़ा करना होगा। ये एडवाइजरी एडिफिस की ओर जारी की गई है। पूरी जांच पड़ताल के बाद ही 21 अगस्त दोपहर ढाई बजे ब्लास्ट किया जाएगा। ब्लास्ट के दो घंटे बाद लोग अपने घर में जा सकेंगे।
दोनों कांप्लेक्स की बिजली सप्लाई बंद
21 अगस्त को दोनों ही कांप्लेक्स में दोपहर दो से तीन बजे तक बिजली सप्लाई पूरी तरह से बंद रहेगी। हालांकि किसी भी आपात स्थिति में डीजल से चलने वाले फायर हाइड्रेंट पंप को खोला जा सकता है।
एक घंटे तक नो फ्लाईट जोन
सुपरटेक ने एयरपोर्ट अथॉरिटी और इंडियन एयरफोर्स को पत्र लिखकर 21 अगस्त को दोपहर 2 से 3 बजे तक 10 किमी के रेडियस में नो फ्लाईट जोन घोषित करने के लिए कहा है। क्योंकि ब्लास्ट के दौरान ये नहीं साफ नहीं होता कि धूल का गुबार किस तरफ जाएगा। बताया गया कि करीब 300 मीटर तक धूल का गुबार उड़ेगा।
नोएडा प्राधिकरण से डिमांड
- एडिफिस इंजीनियरिंग ने अग्निशमन विभाग से दो दमकल की गाड़ियां मांगी है।
- यूपी हेल्थ डिपार्टमेंट से पांच एंबुलेंस और एक डॉक्टर की यूनिट
- डस्ट और साफ-सफाई के लिए एक टीम
- किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम को मौके पर रहने की डिमांड की गई है।