एयरफोर्स की ताकत कहलाने वाला Mig-21 कैसे बन गया उड़ता ताबूत? कारगिल युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका

 MiG-21 Fighter Plane: इंडियन एयरफोर्स ने साल 2025 तक मिग -21 बाइसन (MiG-21 Bison) विमान के सभी स्क्वाड्रन को रिटायर करने का फैसला लिया है. मिग-21 बाइसन मिग-21 का ही अपग्रेडेड वर्जन है.
MiG-21 Fighter Jet Flying Coffin: एयरफोर्स की कभी ताकत कहलाने वाले मिग-21 (MiG-21) की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. गुरुवार को राजस्थान के बाड़मेर में MiG-21 बाइसन एयर क्राफ्ट के हादसे का शिकार होने के बाद कई दशक पुराने इन लड़ाकू विमानों (Aircrafts) को विदा करने की मांग के बीच बहस का मुद्दा बन गई है. इसे उड़ता हुआ ताबूत बताया जा रहा है. हालांकि मिग-21 लंबे वक्त से इंडियन एयरफोर्स की कामयाबी का आधार रहा है. चाहे वो करगिल युद्ध (Kargil War) हो या फिर 1971 का युद्ध सभी मोर्चों पर इस विमान ने अपनी कामयाबी का सबूत पेश किया है. हालांकि ये फाइटर विमान कई बार हादसों का शिकार हुआ, जिसमें कई पायलटों और जवानों की जान जा चुकी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन एयरफोर्स ने साल 2025 तक मिग -21 बाइसन (MiG-21 Bison) विमान के सभी स्क्वाड्रन को रिटायर करने का फैसला लिया है. मिग-21 बाइसन जो कि मिग-21 का ही अपग्रेडेड वर्जन है.

MiG-21 कैसे बन गया उड़ता ताबूत?

भारतीय वायुसेना के इतिहास में MiG-21 फाइटर विमान की अहम भूमिका रही है, लेकिन अब इसे रिटायर करने की मांग भी जोर पकड़ने लगी है. राजस्थान के बाड़मेर में गुरूवार को सेना का मिग-21 फाइटर विमान क्रैश हो गया. इसमें दोनों पायलटों की जान चली गई. हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है, जब इस फाइटर जेट से हादसा हुआ हो. साल 2021 में ही इस मिग 21 बाइसन फाइटर जेट से 5 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. इन हादसों में 3 पायलटों की जान चली गई थी. पिछले 20 माह में 6 मिग-21 विमान हादसे का शिकार हुए. इनमें विमान के 5 पायलट शहीद हो चुके हैं. एक आंकड़े के मुताबिक पिछले 6 दशक में मिग-21 से संबंधित करीब 400 हादसे हुए, जिसमें 200 से अधिक पायलट काल के गाल में समा गए.

कभी भारत की शान रहा मिग-21 फाइटर प्लेन!

मिग-21 फाइटर विमान को भारतीय सेना के बेड़े में 1960 दशक में शामिल किया गया था. 1971 के जंग में वायुसेना में कुछ साल पहले ही शामिल हुए लड़ाकू विमान मिग-21 ने पूर्व और पश्चिम के मोर्चों पर जमकर कहर बरपाया था. मिग-21 की शक्ति का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि फाइटर विमान ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना के 13 फाइटर विमानों को तहस नहस कर दिया था, जबकि भारतीय वायुसेना को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था.

कारगिल युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका

26 जुलाई को देशवासियों ने करगिल विजय दिवस के मौके वीर सपूतों के बलिदानों को याद किया. साल 1999 के कारगिल युद्ध में भी मिग-21 ने अहम भूमिका अदा की थी. मिग-21 बाइसन फाइटर विमान जो कि विमान मिग-21 का एक अपग्रेडेड वर्जन है. 1999 के जंग में भारतीय वायुसेना के मिग-21 के साथ कई दूसरे विमान पाक घुसपैठियों पर कहर ढाह रहे थे. भारतीय वायुसेना के जवानों ने MiG-21, MiG-23 और MiG-27 फाइटर प्लेन के साथ घुसपैठियों के ठिकानों, गोला-बारूद और रसद भंडार और सप्लाई चेन पर हमले किए. द्रास, बटालिक और करगिल में इन हमलों के कारण दुश्मन को काफी नुकसान हुआ था. बता दें कि भारतीय वायु सेना ने पाक घुसपैठियों के सफाए के लिए ‘ऑपरेशन विजय’ अभियान चलाया था.

बालाकोट स्ट्राइक के दौरान पाक के F-16 को खदेड़ा

भारतीय वायुसेना के मिग-21 बाइसन (MiG-21 Bison) ने साल 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Air Strike) के दौरान भी अहम भूमिका निभाई थी. इसी मिग-21 विमान से देश के बहादुर ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान (Abhinandan Varthaman) ने पाकिस्तान के आधुनिक F-16 फाइटेर जेट को सरहद पार खदेड़ दिया था. इस साहसपूर्ण कार्य के लिए उन्हें राष्ट्रपति की ओर से ‘वीर चक्र’ सम्मान मिला था. हालांकि अभिनंदन का फाइटर विमान मिग-21 (MiG-21) भी उस दौरान हादसे का शिकार हो गया था, जिसके बाद दुश्मन देश के सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया था. बाद में जब भारत ने दबाव बनाया तो उन्हें छो़ड़ दिया गया था.

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